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लोगों के लिए राहत भरी खबर, प्रॉपर्टी टैक्स एक मुश्त जमा कराने पर होगा ब्याज माफ Panipat News

विकास कार्यों में बजट के लिए जूझ रहे नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स में ब्याज माफी योजना लागू की है। एक मुश्त प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने पर सारा ब्याज माफ करने का फैसला लिया है।

By Edited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 08:43 AM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 10:34 AM (IST)
लोगों के लिए राहत भरी खबर, प्रॉपर्टी टैक्स एक मुश्त जमा कराने पर होगा ब्याज माफ Panipat News
लोगों के लिए राहत भरी खबर, प्रॉपर्टी टैक्स एक मुश्त जमा कराने पर होगा ब्याज माफ Panipat News

पानीपत, जेएनएन। विकास कार्यों में बजट के लिए जूझ रहे नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स में ब्याज माफी योजना लागू की है। एक मुश्त प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने पर सारा ब्याज माफ करने का फैसला लिया है। यह 2010-11 से 2018-19 के लिए देय बकाया प्रॉपर्टी टैक्स राशि पर होगा। इसके साथ 2019-20 की देय पर 10 फीसद छूट 31 दिसंबर तक देने का फैसला लिया है। हालांकि नगर निगम इस साल का प्रॉपर्टी टैक्स सर्वे कार्य पूरा नहीं कर पाया है। नगर निगम क्षेत्र में 1.40 लाख यूनिट हैं।

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निगम ने गत वर्ष हाउस की बैठक में प्रॉपर्टी टैक्स घटाकर करीब 25 करोड़ रुपये किया था। पहले यह 40 करोड़ के करीब किया गया था। नगर निगम एक कंपनी को पूरे शहर का सर्वे करने का काम दिया था। नगर निगम कमिश्नर ओमप्रकाश ने बताया कि लोगों को प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराना अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। उनके टैक्स जमा कराने से विकास कार्यों में तेजी आएगी।

कंपनी का सर्वे कर कई विवादों में आया शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने प्रदेश स्तर पर एक कंपनी को सर्वे का काम दिया है। कंपनी ने अप्रैल में काम शुरू कर दिया था। अब तक सर्वे का काम पूरा नहीं हो पाया है। इस दौरान कंपनी के सर्वेयरों की मनमानी की बात कई बार सामने आई। कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों को सफाई देनी पड़ी थी।

प्रॉपर्टी टैक्स न आने के दो कारण

नंबर-एक

नगर निगम के प्रॉपर्टी टैक्स बिल हर बार गलत आते हैं। स्थानीय लोगों की शिकायत रहती है। निगम अधिकारी बिल ठीक तक नहीं करते। ऐसे में लोग टैक्स जमा नहीं कराते। टैक्स बिल, प्रॉपर्टी टाइटल गलत भेजने समेत कई आरोप निगम पर लग चुके हैं। शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने इस साल पूरे प्रदेश में एक कंपनी से सर्वे कराया था।

नंबर-दो

सरकारी विभाग और बड़ी बिल्डिंगों के मालिक प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं कराते। उनकी अनदेखी निगम पर भारी पड़ती जाती है। 100 बड़े डिफाल्टरों की सूची पर नजर डालें तो इसमें सरकारी विभाग और मॉल हैं। निगम इनको समय-समय पर नोटिस भी देता है, लेकिन ये इन सबको अनदेखा कर देते हैं। एक मॉल के प्रॉपर्टी टैक्स का मामला कोर्ट तक गया है। इसकी कई बार पैमाइश भी करा चुके हैं। इनको देखकर दूसरे लोग भी प्रॉपर्टी टैक्स का बिल जमा नहीं कराते।


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