उद्योगों से निकलने वाला धुआं टेक्सटाइल सिटी की बिगाड़ रहा आबोहवा Panipat News
रिफाइनरी में एनजीटी की सख्ती के बाद पानीपत प्रशासन ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। शरह को वायु प्रदूषण से बचाने के लिए नियमों के खिलाफ चल रही चिमनियों को बंद कराया गया।
पानीपत, जेएनएन। पानी के साथ-साथ शहर की आबोहवा में दिन पर दिन जहर घुलता जा रहा है। यही वजह है कि रिफाइनरी पर एनजीटी की सख्ती के बाद पानीपत जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी। प्लास्टिक के वेस्ट और जूते-चप्पल की कतरन जलाकर वायु प्रदूषण फैलाने वाले सेक्टर 29 पार्ट-2 के उद्योगों पर पानीपत प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है। तीन अलग-अलग टीमों ने छापामारी की। इससे उद्यामियों में हड़कंप मच गया। भनक लगते ही उद्यमियों ने उद्योग बंद कर दिए।
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पेटकोक बंद करने के आदेश के बाद छोटी-बड़ी फैक्ट्रियों के मालिक ईंधन के तौर पर कूड़ा-कर्कट और प्लास्टिक वेस्ट जलाने लगे हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वर्ष में एक दो बार कार्रवाई कर खानापूर्ति कर लेता है। शिकायत के आधार पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की देखरेख में तीन टीमें गठित की गईं। छापामारी के दौरान 22 उद्योगों के सैंपल लिये गए। बृहस्पतिवार को हुई छापेमारी का असर शुक्रवार को भी दिखा। वेस्ट जलाने वाले उद्योगों की चिमनियां शांत रहीं। बताया जा रहा है कि कुछ उद्यमियों की तरफ से डीसी सुमेधा कटारिया को शिकायत दी गई थी।
ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम का असर नहीं
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उद्योगों पर वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए चिमनियों पर ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम भी लागू किया है। जिसकी मॉनिटरिंग दिल्ली और चंडीगढ़ से होती है। इसके बाद वायु प्रदूषण पर रोक नहीं लग रही है। सेक्टर 29 में कई उद्योग रात को व अलसुबह वेस्ट जलाते हैं। धुएं से कार्बन मोनोक्साइड निकलती चिमनियों से निकलने वाले कार्बन वातावरण में ऑक्सीजन के साथ कार्बन मोनोक्साइड बना देते हैं। सांस के लिए यह घातक है। बोर्ड के नियम के अनुसार काला धुआं चिमनियों से नहीं निकलना चाहिए। सफेद धुआं प्रदूषण न फैलाने की पहचान है।
22 उद्योगों पर छापेमारी, छह के सैंपल फेल
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी भूपेंद्र चहल ने कहा कि ब्वॉयलर में वेस्ट जलाने पर प्रतिबंध है। छह उद्योगों के सैंपल फेल मिल चुके हैं। बाकी सैंपल की रिपोर्ट आनी है। प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के खिलाफ एनवायरमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। उद्योगों को क्लोजर नोटिस किए जाएंगे। इस बार पकड़ में आए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों से मिलीभगत होने से छापेमारी से पहले उद्यमियों की सूचना मिल जाती थी। उद्यमी ब्वॉयलर बंद कर प्लास्टिक वेस्ट नहीं जलाने का दावा करते रहे। उनके झूठे दावों की अब कलई खुल रही है। अचानक छापेमारी से इस बार कई उद्यमी पकड़ में आ गए।
डायर्स एसो. प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्रवाई पर पानीपत डायर्स एसोसिएशन के प्रधान भीम राणा ने कहा कि जो उद्योग कूड़ा-कर्कट और प्लास्टिक वेस्ट जला रहे डायर्स एसोसिएशन उनका साथ नहीं देगी। इस बारे में उद्यमियों को पहले भी सचेत किया जा चुका है।
पानीपत में गैर पंजीकृत डाइ हाउस चलने और जो पंजीकृत हैं उनमें एक रुपये प्रति किलो वाले प्लास्टिक वेस्ट जलाने की शिकायत मिली थी। शहर को प्रदूषण से बचाने के लिए इन उद्योगों में इस तरह का ईंधन जलाना प्रतिबंधित कर दिया गया है। छापेमारी में जो औद्योगिक यूनिटें सामने आएंगी, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सुमेधा कटारिया, डीसी, पानीपत।
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