चावलों के स्टाक में हेराफेरी, कई राइस मिल प्रशासन की कस्टडी में Panipat News
यमुनानगर में राइस मिल में गड़बड़ी की आशंका के चलते प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। जिले की मिलों में छापेमारी कर कस्टडी में ले लिया गया है।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। चावलों के स्टाक में गड़बड़ी की आशंका के चलते जिले के सभी राइस मिलों को प्रशासन ने कस्टडी में ले लिया। बाहर पहरे पर पुलिस बिठा दी गई। इस दौरान न तो मिल मालिकों को अंदर जाने दिया गया और न ही कोई अन्य वाहन अंदर से बाहर या फिर बाहर से अंदर आने दिया गया।
प्रशासन की इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया। राइस मिलर्स एसोसिएशन ने इस कार्रवाई का कड़ा विरोध किया है। पहले उन्होंने जगाधरी रेस्ट हाउस में बैठक की। फिर कैबिनेट मंत्री कंवरपाल भी मिल संचालक मिले थे। दस दिन तक यह कार्रवाई चलेगी। इस दौरान किसी तरह का व्यापार राइस मिल मालिक नहीं कर सकेंगे। इसका पुरजोर विरोध हो रहा है।
इसलिए हो रही कार्रवाई
दरअसल, राइस मिलों को सरकार की डीएफएससी, हैफेड व वेयर हाउस कुटाई के लिए जीरी देती है। इसके बदले में सरकार को प्रति क्विंटल जीरी पर 67 किलो के हिसाब से चावल लौटाया जाता है। इस सीजन में सात लाख 11 हजार 422 मीट्रिक टन जीरी मिलों को दी जा चुकी है। चावल लौटाने की एवज में उन्हें निर्धारित कमीशन मिलता है। इसमें ही घपले की आशंका सरकार को है। कुछ राइस मिलर खरीद का फर्जी रिकॉर्ड तैयार कर लेते हैं। हकीकत में धान खरीदी नहीं की जाती। जहां तक सरकार को चावल लौटाने की बात है। इसकी व्यवस्था पड़ोसी राज्यों से सस्ता चावल खरीदकर कर ली जाती है। ऐसा करने से इसके अलावा कुछ राइस मिलर दूसरे प्रदेशों से सस्ता चावल खरीदकर स्टॉक पूरा कर लेते हैं। इससे वह जीरी की कुटाई करने से बच जाते हैं। इस अवैध व्यापार में वह मोटा मुनाफा कमाते हैं। इन सब आशंकाओं को देखते हुए ही सरकार ने सभी राइस मिलरों का स्टॉक सीज किया है।