नशेड़ियों का अड्डा बना जीआरपी थाने से 100 मीटर दूर बंद सरकारी कार्यालय
स्टेशन के पास तीन साल की बाी से दुष्कर्म के बाद भी नहीं जागी पुलिस जगह-जगह शराब और नशीली दवाओं के बोतल सीरिज बिखरे मिले नशा करने के बाद स्टेशन परिसर में देते हैं अपराधिक वारदातों को अंजाम।
जागरण संवाददाता, पानीपत: जीआरपी थाने से 100 मीटर दूर स्थित खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का बंद पड़ा कार्यालय नशेड़ियों का अड्डा बना हुआ है। स्टेशन के पास तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म की घटना होने के बावजूद जीआरपी ने नशेड़ियों को खदेड़ना मुनासिब नहीं समझा। कार्यालय के हालात इतने बदतर हो चुके है कि उसमें जगह-जगह देसी शराब और नशीली दवाओं की बोतलें, सीरिज और कपड़े पड़े हुए हैं।
दैनिक यात्रियों कहना है कि शाम ढलने के बाद नशेड़ी माल गोदाम के आस-पास घूमना शुरू कर देते है। सुनसान इलाकों में जाकर नशा करते है। फिर भीड़ में शामिल होकर पर्स और फोन चोरी जैसी अपराधिक वारदातों को अंजाम देते है। रुपयों के अभाव में रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाकर टोंटी जैसे सामान चोरी करके बेच देते हैं। वहीं पुलिसकर्मी गश्त के दौरान स्टेशन परिसर में कोई नशेड़ी मिलने पर उसे धमका कर स्टेशन से भगा देते है। कार्यालय में छिपाया जाता है चोरी का सामान
एक साल से अधिक समय से बंद पड़े कार्यालय के सभी कमरों में गंदगी का आलम है। नशेड़ियों ने जगह-जगह कपड़े, शराब की बोतलें फेंक रखी है। हर कमरे के कोने में राख के ढ़ेर लगे हुए है। नशेड़ी स्टेशन परिसर से सामान चुराकर कार्यालय में छिपा देते है। जिसे बाद में नशा खरीदने के लिए औने-पौने दामों में बेच देते है। निरीक्षण के दौरान वहां एक सीमेंट का कट्टा भी पड़ा मिला। वर्जन
स्टेशन परिसर में निरंतर गश्त अभियान चलाए जाते हैं। इस दौरान नशेड़ियों और संदिग्धों पर कड़ी नजर रखी जाती है। अपराधियों के पास चोरी का सामान मिलते ही उचित कार्रवाई की जाती है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कार्यालय में जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
राजकुमार, जीआरपी थाना प्रभारी