एफसीआइ के लिए अडानी ग्रुप बना रहा गोदाम, 75 फीसद हरियाणवियों को मिलेगा रोजगार
अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स लिमिटेड कंपनी ने प्रदेश सरकार से भूमि उपयोग (सीएलयू) के परिवर्तन की अनुमति लेने के बाद पानीपत के नौल्था गांव में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के लिए आधुनिक गोदाम के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। समूह ने रेलवे ट्रैक के नजदीक जमीन खरीदी है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स लिमिटेड कंपनी ने प्रदेश सरकार से भूमि उपयोग (सीएलयू) के परिवर्तन की अनुमति लेने के बाद पानीपत के नौल्था गांव में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के लिए आधुनिक गोदाम के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। समूह ने रेलवे ट्रैक के नजदीक जमीन खरीदी है। यह एफसीआइ के लिए मुफीद रहेगी। राष्ट्रीय राजमार्ग से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह भूमि कृषि योग्य नहीं है। इसकी सिचाई के लिए पानी की कोई आपूर्ति नहीं है। कंपनी ने सीएलयू के लिए 27 लाख 469 रुपये का भुगतान किया। सीएलयू की शर्तों के मुताबिक तकनीकी पदों को छोड़कर यहां हरियाणा वासियों को कम से कम 75 प्रतिशत रोजगार मिलेगा। तीन साल पहले खरीदनी शुरू की भूमि
तीन साल पहले जमीन की खरीद का काम शुरू हुआ था। किसानों से यह जमीन प्रति एकड़ 30 लाख रुपये खरीदी गई। नौल्था के सरपंच ने बताया कि धीरे-धीरे जमीन के दाम बढ़ते गए। समूह ने भाव बढ़ाया। दो करोड़ प्रति एकड़ तक भूमि की खरीद की। कुल 22 एकड़ के करीब जमीन खरीदी गई है। इसराना के जोंधन कलां गांव में, एक महीने पहले निर्माण शुरू हुआ है। पंचायती जमीन देने से इन्कार
सरपंच विजेंद्र ने बताया कि इसके लिए सीएलयू इसी वर्ष मई में टाउन एंड कंट्री प्लानिग निदेशक हरियाणा कार्यालय ने दिया है। समूह ने दो एकड़ पंचायती भूमि खरीदने के लिए सरपंच से भी संपर्क किया। पहले से खरीदी गई भूमि के साथ लगती है। पंचायत की भूमि बेचने के लिए अधिकृत न होने के कारण सरपंच बलराज सिंह ने भूमि बेचने से इन्कार कर दिया। उन्होंने अडानी समूह को प्रदेश स्तर के उच्च अधिकारियों से संपर्क करने के लिए कहा। अडानी ग्रुप ने दी सफाई
इस बीच, अडानी समूह ने स्पष्ट किया है कि वह न तो किसानों से खाद्यान्न खरीदता है और न ही खाद्यान्नों के मूल्य निर्धारण का फैसला करता है। समूह केवल एफसीआइ के लिए गोदाम विकसित और संचालित करता है। अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा गया, 'कंपनी के पास भंडारण की मात्रा तय करने और अनाज के मूल्य निर्धारण की कोई भूमिका नहीं है क्योंकि यह केवल फूड कारपोरेशन आफ इंडिया के लिए एक सेवा / बुनियादी ढांचा प्रदाता है।
एफसीआइ ने निजी निवेशकों के साथ दो से चार साल के लिए गोदाम को लिया है। पूरे देश में विशेष ट्रेनों के माध्यम से काम होगा। आमंत्रित प्रतिस्पर्धी बोलियों में अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स को मौका मिला। वर्तमान में, यह उत्तर भारत में अनाज को स्टोर करने के लिए मोगा (पंजाब) और कैथल (हरियाणा) में अनाज सिलोस को संचालित करता है।