टीबी मरीजों की पहचान के लिए चलाया एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान, इन लक्षणों के होते ही डाक्टर से सलाह
कैथल में स्वास्थ्य विभाग ने टीबी मरीजों की पहचान को लेकर घर-घर एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत 13 केस सामने आए हैं। जिले में पिछले साल जहां 1900 केस टीबी के थे वहीं अब तक 900 के करीब नए मरीज सामने आ चुके हैं।
कैथल, जागरण संवाददाता। कैथल को टीबी मुक्त अभियान के तहत एक्टिव केस फाइंडिंग (खोजो अभियान) के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने घर-घर सर्वे किया। छह जून से 28 जून तक यह अभियान चला है। इसके तहत 13 लोग ऐसे मिले हैं, जो टीबी की बीमारी से ग्रस्त है। अब इन मरीजों का इलाज विभाग की तरफ से शुरू कर दिया गया है।
55 लाख के करीब की राशि विभाग मरीजों को वितरित कर चुका
पूरे जिले में पिछले साल जहां 1900 केस टीबी के थे, वहीं अब तक 900 के करीब नए मरीज सामने आ चुके हैं। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से टीबी मरीजों को निशुल्क इलाज देने के साथ-साथ 500 रुपये की राशि प्रत्येक मरीज को खुराक को लेकर भी दी जाती है, ताकि मरीज के शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को लेकर किसी भी तरह की दिक्कत न आए। अब तक 55 लाख के करीब की राशि विभाग मरीजों को वितरित कर चुका है।
अभियान के दौरान मिले 13 संक्रमित मरीज
महामारी के नोडल अधिकारी डा. संदीप बातिश ने बताया कि टीबी की बीमारी से देश व प्रदेश को मुक्त करने के लिए सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है। पिछले सालों की अपेक्षा जिले में टीबी मरीजों की संख्या कम हुई है, इस कारण लोगों में जागरूकता आना है। अब लक्षण नजर आने पर लोग सैंपल करवाने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंच रहे हैं।
इस माह विभाग की तरफ से टीबी मरीजों की पहचान को लेकर घर-घर एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत 13 केस सामने आए हैं। शहर की स्लम बस्तियों, ईंट-भट्ठों पर भी स्वास्थ्य विभाग की टीमें पहुंची। लक्षण नजर आने पर टीबी का सैंपल लिया गया। कुल दो हजार मरीजों की स्क्रीनिंग की गई। 100 के करीब लोगों के सैंपल लिए गए, इनमें से 13 संक्रमित मिले हैं।
यहां बनाए गए हैं बलगम जांच केंद्र
टीबी मरीजों की सुविधा के लिए शहर के जिला नागरिक अस्पताल के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी बलगम जांच केंद्र बनाए गए हैं। इनमें कैथल नागरिक अस्पताल, पुराना सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कौल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीवन, गुहला, पूंडरी, कलायत, राजौंद के साथ-साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खकां, पाई व बालू को बलगम जांच केंद्र बनाया गया है।
ये हैं बीमारी के लक्षण
- दो सप्ताह से ज्यादा खांसी होना।
- शाम के समय बुखार होना।
- खांसते समय बलगम में खून आना।
- छाती में दर्द होना और सांस फूलना।
- गर्दन या बगल में गांठ होना।
- भूख और वजन कम होना।
ये करें परहेज
- सभी प्रकार के नशे से दूर रहें।
- चाय, तला हुआ खाना, ज्यादा मसालेदार भोजन न करें।
- भोजन में दाल, दूध, अंडा, पनीर का प्रयोग करें।
- फल व हरी सब्जियां खाएं।