Move to Jagran APP

Haryana CM विंडो पर आई शिकायत पर एक्‍शन, सीएम मनोहर लाल ने संस्कृत अध्यापक को किया निलंबित

संस्कृत अध्यापक ने स्कूल यूनिफार्म फर्नीचर व निर्माण सामग्री की खरीद में गोलमाल किया तो सीएम ने निलंबित कर दिया। सीएम विंडो पर शिकायत मिलते ही हुआ एक्शन। भ्रष्टाचार के मामलों में त्वरित कार्रवाई का बेहतर मंच साबित हो रही सीएम विंडो व ट्विटर हैंडल।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 07:33 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 07:33 PM (IST)
Haryana CM विंडो पर आई शिकायत पर एक्‍शन, सीएम मनोहर लाल ने संस्कृत अध्यापक को किया निलंबित
सीएम मनोहर लाल ने संस्‍कृत अध्‍यापक को निलंबित किया।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा शुरू की गई सीएम विंडो व ट्विटर हैंडल भ्रष्टाचार के मामलों में त्वरित कार्रवाई का बेहतर मंच साबित हो रही है। सीएम विंडो और ट्विटर हैंडल पर भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए हैं जिसके बाद गड़बड़ की गई राशि की वसूली के साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई।

loksabha election banner

मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने बताया कि फरीदाबाद जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सेहतपुर के संस्कृत अध्यापक यतिंद्र कुमार के खिलाफ शिकायत मिली थी। उन्होंने डीडीओ (आहरण और वितरण अधिकारी) रहते राष्ट्रीय शिक्षा अभियान, सर्व शिक्षा अभियान व अन्य खातों का चार्ज दूसरे डीडीओ को नहीं दिया है। वर्ष 2011 तथा वर्ष 2014 के बीच स्कूल के लिए 37 लाख 16 हजार 704 रुपये का फंड आया था, परंतु उसके द्वारा प्रस्तुत किये गए बिलों में भारी गड़बड़ी है। इस शिकायत पर डीडीओ को चार्जशीट कर तीन सदस्यीय कमेटी से जांच कराई गई तो स्कूल यूनिफार्म, फर्नीचर व अन्य निर्माण सामग्री की खरीद में भारी अनियमितताएं मिलीं। इसके बाद संस्कृत अध्यापक यतिंद्र कुमार को निलंबित कर दिया गया।

इसी तरह महेंद्रगढ़ से एक व्यक्ति ने 14 सितंबर को @PMOIndia, @cmohry पर मुख्यमंत्री को ट्वीट किया कि जड़वा गांव के मस्टरोल 58 और 127 की मनरेगा मजदूरी की पेमेंट दो महीने से अधिक समय से लंबित है। इसके बाद सीएमओ ने खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी सतनाली के जरिये मनरेगा की मजदूरी का भुगतान तुरंत करा दिया। इसके अलावा कैथल से छात्रा असमीत कौर के पिता गुरमीत सिंह ने 30 सितंबर को पोस्ट किया कि बोर्ड की फीस 2300 रुपये जमा करने की रसीद दिखाने के बावजूद ओएसडीएवी स्कूल ने उनकी बेटी का बारहवीं (नान मेडिकल) का बोर्ड पेपर के लिए नाम भेजने से मना कर दिया है। शिकायत के साढ़े तीन घंटे के भीतर शिकायत का निदान कर दिया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.