तिहाड़ जेल में सीखे ठगी के टिप्स, जमानत पर आया बाहर तो सात को ठगा Panipat News
ठगी के मामले में पानीपत पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार किया है। सीआइए-टू ने गुरमीत व गौरव को गिरफ्तार किया है। गुरमीत ने तिहाड़ जेल में आकाश से डेबिट कार्ड के जरिये ठगी की तरीका सीखा।
पानीपत, जेएनएन। हत्या के प्रयास के मामले में आरोपित को तिहाड़ जेल भेजा गया। वहां उसने ठगी के टिप्स सीखे। जमानत पर बाहर आकर उसने सात ठगी की वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
डेबिट कार्ड बदलकर श्रमिक के खाते 1.34 लाख रुपये निकलाने के आरोपित मास्टरमाइंड विजय नगर के गुरमीत और गौरव को सीआइए-टू पुलिस ने गिरफ्तार किया। गुरमीत अनपढ़ है और गौरव आठवीं पास है। दोनों ने डेढ़ महीने में डेबिट कार्ड बदलकर व पिन कोड देखकर ठगी की सात वारदात कर दी। दोनों आरोपितों को अदालत में पेश कर तीन दिन की रिमांड पर लिया गया है।रिमांड के दौरान आरोपितों से ठगी गई राशि बरामद की जाएगी।
एएसआइ अशोक कुमार ने बताया कि गुरमीत ने दिल्ली में एक व्यक्ति को गोली मारकर हत्या का प्रयास किया था। इस मामले में वह तिहाड़ जेल में रहा। वहां पर इसकी मुलाकात आकाश से हुई। आकाश ने ही उसे डेबिट कार्ड के जरिये ठगी करना सिखाया। डेढ़ साल पहले गुरमीत जेल से छूटकर आया। उसने ऑटो चलाने वाले गौरव को झांसा दिया कि जल्द ही उसे लखपति बना देगा। इसके बाद दोनों ठगी करने लगे।
यह है मामला
ज्योति कॉलोनी में किराये पर रहने वाले शंकर प्रसाद ने बेटी की शादी के लिए रुपये इक_ा किए थे। 9 मार्च को 8:30 बजे शंकर बरसत रोड नूरवाला स्थित ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स के एटीएम से रुपये निकलाने गया था। वहीं पर खड़े गुरमीत व गौरव ने उसे बातों में लगाया और डेबिट कार्ड बदल लिया। इसके बाद दोनों ने 9 से 11 मार्च के बीच में शंकर के खाते से 1 लाख 34 हजार 132 रुपये निकाल लिए। किला थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया।
शोरूम से चप्पल खरीदने पर पुलिस के शिकंजे में फंसे
एएसआइ अशोक कुमार ने बताया कि एटीएम से दोनों ठगों की धुंधली तस्वीर मिली थी। 11 मार्च को गुरमीत व आकाश ने करनाल से प्यूमा शोरूम से 3098 रुपये की दो जोड़ी चप्पल खरीदी। इसके लिए उन्होंने शंकर के डेबिट कार्ड का इस्तेमाल किया। दोनों की शोरूम के सीसीटीवी कैमरे में तस्वीर कैद हो गई थी। इससे दोनों की पहचान हो पाई। सोमवार रात को उसकी टीम में शामिल हवलदार मदन, संदीप और प्रदीप की टीम ने दोनों ठगों को बरसत रोड से गिरफ्तार किया।
ऐसे देते थे ठगी की वारदात को अंजाम
पुलिस पूछताछ में गुरदीप ने बताया कि वे एटीएम के बाहर घूमते रहते थे। जैसे ही कोई अशिक्षित व्यक्ति एटीएम में दिखाई देता था वे तुरंत अंदर जाते और मदद का झांसा देकर कार्ड बदल लेते थे। या फिर वे पिन कोड देख लेते थे। व्यक्ति रुपये निकालकर बाहर जाता था वे उसे यह कहकर बुला लेते कि प्रोसेङ्क्षसग चल रही है। इसे बंद कर दें। व्यक्ति डेबिट कार्ड स्वैप करता और निकल जाता। वे फिर पिन डालकर रुपये निकाल लेते थे।