जानिए, अभय सिंह चौटाला ने केंद्र सरकार को क्या संदेश दिया, बजट पर भी दी ये प्रतिक्रिया
जींद पहुंचे इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहा कि तीनों काले कानून केंद्र सरकार को वापस लेने होंगे। किसान की जीत अवश्य होगी। वहीं केंद्रीय बजट को लेकर उन्होंने कहा सरकार को पूंजीपतियों ने जकड़ा हुआ है।
पानीपत/जींद, जेएनएन। इनेलो के प्रधान महासचिव व पूर्व विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा है कि प्रदेश में चल रहे किसान आंदोलन में निश्चित तौर पर केंद्र सरकार को अपनी गलती का अहसास करना पड़ेगा। काले कानून वापस लेने होंगे और इसमें किसान की जीत अवश्य होगी। वे मंगलवार को इनेलो के स्थानीय कार्यालय में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने केंद्रीय बजट को लेकर भी केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा की इस बजट में साफ हो गया है कि देश पूंजीपतियों के हाथों में जकड़ गया है और देश को मजबूत करने वाले किसान को जकडने का काम किया गया है।
कंक्रीट की दीवार बनाई
जींद से सिंघु बॉर्डर के लिए अपने काफिले में रवाना होने से पहले पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि अब तक लगभग 200 किसानों की आंदोलन में मौत हो चुकी है। इसके बावजूद भारत के प्रधानमंत्री टस से मस होने की बजाए वहां चीन जैसी दीवार बनाने का कार्य कर रहे हैं। आरोप लगाया कि चीन की हमारे देश में रोज घुसपैठ हो रही है। उसे रोकने की बजाय किसान को रोकने के लिए सरिए खड़े कर कंक्रीट की दीवार बना दी गई है।
हरियाणा में इंटरनेट बंद होने की आलोचना की
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सलाह के बगैर 12 दौर की बातचीत नहीं हो सकती। यदि प्रधानमंत्री को 70 दिन से घर बार छोड़कर बीवी-बच्चों के साथ दिल्ली बोर्डरों पर बैठे किसानों की सुध लेनी चाहिए। हरियाणा प्रदेश में इंटरनेट बंद को लेकर भी उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा सभी कार्यालयों में काम बंद हो गया है। छात्रों की पढ़ाई में बाधा आ रही है।
बजट किसान हित में नहीं
इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि केमिकल फर्टिलाइजर व अन्य कृषि उपकरण महंगे कर दिए गए हैं, जिससे साफ हो जाता है कि यह सरकार पूंजीपतियों के हाथों में खेल रही है। चौटाला ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया वर्ष 2021 का बजट देश को बेचने वाला बजट है, इससे मध्यमवर्ग बर्बाद होगा। उन्होंने कहा कि बजट में खेती और किसानों पर खर्च होने वाले बजट में भी भारी कटौती करके सरकार ने यह साफ कर दिया कि वह किसानों का कुछ भला नहीं करना चाह रही। 2022 में किसानों की आमदनी दुगना करने का दावा करने वाली केंद्र सरकार ने कृषि यंत्रों पर दी जाने वाली सब्सिडी में भी कटौती कर दी है। पिछले जैसी कोरोना जैसी महामारी में जहां देश का जीडीपी घट रहा था, आर्थिक संकट खड़ा हो गया था। ऐसे में कृषि ही एक ऐसा व्यवसाय रहा जिसने देश को मजबूती दी। पत्रकारवार्ता में जिला इनेलो प्रधान व पूर्व विधायक रामफल कुंडू, सतीश जैन, जयप्रकाश दहिया, सुमित्रा देवी, बिजेंद्र रेढू, संदीप परमार व भगवती दहिया आदि प्रमुख थे।
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