स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर अपडेट होंगे आधारकार्ड
आधार कार्ड बनाने के बाद अब इनको अपडेट करना बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। लघु सचिवालय स्थित सरल केंद्र में प्रत्येक दिन 300 से 400 अपडेशन के मामले आ रहे हैं जबकि नए आधार कार्ड बनाने के 15-20 ही मामले आ रहे हैं। प्रशासन ने लोगों की मुश्किल कम करने के लिए आंगनबाड़ी और स्कूलों में सुविधा शुरू की है। यहां आधार कार्ड में नाम और जन्मतिथि समेत अन्य गलतियां ठीक कराई जा सकेंगी। प्रशासन ने इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को टेबलेट तक देने का फैसला लिया है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : आधार कार्ड बनाने के बाद अब इनको अपडेट करना बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। लघु सचिवालय स्थित सरल केंद्र में प्रत्येक दिन 300 से 400 अपडेशन के मामले आ रहे हैं, जबकि नए आधार कार्ड बनाने के 15-20 ही मामले आ रहे हैं। प्रशासन ने लोगों की मुश्किल कम करने के लिए आंगनबाड़ी और स्कूलों में सुविधा शुरू की है। यहां आधार कार्ड में नाम और जन्मतिथि समेत अन्य गलतियां ठीक कराई जा सकेंगी। प्रशासन ने इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को टेबलेट तक देने का फैसला लिया है।
डीसी सुमेधा कटारिया ने इसके लिए शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें एडीजी अमित सिंह, डीडी आशुतोष कौशिक और एसएसए परमदीप सिंह ने भी संबोधित किया। डीआईओ मुकेश चावला ने इस कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिला में 5 और 15 वर्ष की आयु के बच्चों में शारीरिक बदलाव आए हैं। ऐसे में इनके पुन: आधार कार्ड बनाए जाएंगे। जिससे इनकी नई बायोमीट्रिक सूचना दर्ज की जा सकेगा। शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग को अपना पूर्ण सहयोग देना होगा।
यूआइडी अपडेट करने के लिए शुरू किया काम
अधिकारियों ने कहा कि बच्चों की यूआइडी को अपडेट करने के लिए ही यह कार्य आरंभ किया गया है। यदि ग्रामीण या शहरी क्षेत्र में किसी परिवार के पास पते का कोई प्रमाण पत्र नहीं है तो वह गांव के सरपंच या शहर में अपने एमसी के प्रमाण-पत्र पर अपना आधार कार्ड अपडेट करा सकता है। इसके आधार पर वंचित रहने वाले सभी बच्चों और बड़ों का आधार कार्ड बनाया जा सकेगा। जन्मतिथि प्रमाणित करने का अधिकार केवल राजपत्रित अधिकारियों को ही है। रोस्टर बनाकर किया जाएगा कार्य
बच्चे का जन्म के समय या एक साल की आयु में आधार कार्ड बनवा दिया जाता है। उसका पांच या 15 साल की आयु पर पुन: बायोमीट्रिक डाटा तैयार करने के लिए अपना आधार कार्ड अपडेट करवाना होगा। जिला शिक्षा अधिकारी और महिला एवं बाल विकास विभाग की पीओ इस कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए अपने-अपने कार्यालयों के अधिक से अधिक कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिलवाएं। दोनों अधिकारी इसका एक रोस्टर बनवाकर शीघ्र जिला प्रशासन को देंगे। इसके बाद अभियान तेजी से चलाया जाएगा।