Move to Jagran APP

हर सड़क पर पानी को न्योता, क्योंकि नाले साफ नहीं होते

सबहेड गंदगी से भरे नाले निकासी के इंतजाम ठप मानसून में फिर डूबे दावे फोटो नंबर

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 09:00 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 06:15 AM (IST)
हर सड़क पर पानी को न्योता, क्योंकि नाले साफ नहीं होते
हर सड़क पर पानी को न्योता, क्योंकि नाले साफ नहीं होते

महावीर गोयल, पानीपत :

loksabha election banner

जैसे ही बादल आते हैं, एक सवाल बिजली की तरह कौंध उठता है, क्या इस बार भी शहर जलभराव के हालात से दो-दो हाथ करेगा। जवाब भी दिमाग खुद दे देता है, हां। क्योंकि व्यवस्था ही ऐसी है। कभी नाले साफ होते नहीं। निकासी के प्रबंध होते दिखे नहीं। दैनिक जागरण की टीम ने उन जगहों का दौरा किया, जहां बरसों से एक जैसी ही तस्वीरें दिखाई देती हैं। सरकार कोई भी हो, बारिश का पानी गिरते ही, इन जगहों पर पानी जरूर भरा रहता है। प्रशासन में कितना ही फेरबदल क्यों न हो, इन एरियों में कोई बदलाव देखने को नहीं मिलता। निगम क्षेत्र के नाले गंदगी से अटे पड़े हैं। आधी-अधूरी सफाई में तेज बारिश होने पर नाले का दूषित पानी ओवरफ्लो होकर घरों में जाएगा। ड्रेन नंबर-1 की साफ-सफाई की गई। कई जगह उसे छोड़ दिया गया। सिल्ट उसके किनारों पर डाली गई जो दोबारा से ड्रेन में जा मिली। नालों और ड्रेन की सफाई समय पर न होने के कारण 90 एमएम बारिश शहर झेल नहीं पाया।

जीटी रोड : निकासी के पुख्ता इंतजाम नहीं

जीटी रोड पर बसे पानीपत शहर में बारिश के पानी की निकासी के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। कई वार्ड में सीवर निर्माण की प्रक्रिया अधर में है। कुछ वार्ड ऐसे हैं, जहां नालों की सफाई साल में बमुश्किल एक-दो बार ही हो पाती है। बारिश होने पर एसडी कॉलेज रोड, इंसार बाजार, तहसील टाउन, कच्चा कैंप व काबड़ी रोड पर पानी लबालब भर जाता है। इन नालों को साफ करने के लिए निगम की तरफ से नाला गैंग बना रखा है। इस गैंग में कार्यरत सफाई कर्मियों की ड्यूटी शहर के नालों की सफाई करने की होती है। वार्ड पार्षद अपने-अपने वार्डों में नालों की सफाई इनसे करवाते हैं। इसमें फिलहाल 60-70 सफाईकर्मी हैं। शहर के 26 वार्ड इससे कवर नहीं हो पाते हैं। सफाई का कार्य धीमा होने से बारिश सीजन से पहले नालों की सफाई का कार्य पूरा नहीं हो पाएगा। प्रत्येक वर्ष यही स्थिति रहती है।

प्रमुख बाजार : क्योंकि नाले नहीं हैं, सफाई होती नहीं

बारिश शुरू होते ही बाजारों में पानी भर जाता है। एसडी कॉलेज रोड, हैंडलूम मार्केट, अमर भवन चौक व इंसार बाजार जैसे जगहों पर तीन से चार फीट पानी भर जाता है। दुकानों में पानी घुस जाने से दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ता है। असंध रोड व गोहाना रोड अंडरपास में बारिश से दो-तीन फीट पानी भर जाता है। बाजार प्रधान सुशील भराड़ा ने बताया कि बाजारों में डेढ़ से दो घंटे में पानी उतर जाता था इस बार 8 से 10 घंटे तक पानी नहीं उतरा। शनिवार को बाजार ठप रहा। रविवार को अवकाश रहा। कारोबार ठप रहा। बाजारों में नाले चौड़े नहीं हैं। ड्रेनेज सिस्टम से सही तरह अटैच नहीं है।ं

शहर के अंदर : ड्रेन लबालब, इसलिए पानी हर जगह

शहर की लाइफ लाइन कही जाने वाली ड्रेन-1 सैनी कालोनी रेलवे लाइन से वाया जीटी रोड, देवी मंदिर, कुटानी रोड, बबैल रोड, सनौली रोड, सेक्टर 11-12, सेक्टर 25, सेक्टर 29 व डाडोला होकर ड्रेन नंबर दो में मिल जाती है। ड्रेन भी ओवरफ्लो बह रही है। बारिश के दौरान ड्रेन में उफान आने से शहर की कई सड़कें जल से लबालब हो जाती हैं। सेक्टर-29 पार्ट दो की सड़कें तालाब बन चुकी हैं। यही हालत सेक्टर-25 में ट्रांसपोर्ट नगर के बने हुए हैं। उद्यमी दिनेश ने बताया कि बार-बार कहने के बाद भी सेक्टर में पानी निकासी के लिए बनाया गया नाला ऊंचा बना दिया गया। इससे पानी निकासी को नहीं जोड़ा गया। सड़कें तालाब बन गई। फैक्ट्रियों में पानी अलग से घुस गया। इससे काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कंवर कॉम्पलेक्स के पास भी ड्रेन की सफाई नहीं हुई। आदर्श नगर में सड़कें लबालब हैं। यहां भी नालों की सफाई नहीं हुई।

विद्यानंद कॉलोनी : टेंडर को छह महीने हुए, वर्क ऑर्डर नहीं दिया

वार्ड 12 में स्थित विद्यानंद कॉलोनी तालाब बन गई। सभी मुख्य सड़कों में पानी भरा हुआ है। 20 हजार की आबादी की इस कॉलोनी में नाले का टेंडर हुए छह माह बीत चुके हैं। वर्क आर्डर नहीं किया गया। नाला नहीं बनने के कारण पानी जमा हो रहा। वार्ड के पार्षद सतीश सैनी ने बताया कि वार्ड में अन्य कॉलोनियों में नए नाले बन चुके हैं। वहां इस बार बेहतर स्थिति रही। विद्यानंद कॉलोनी में हालत खराब बने हुए हैं। पुराने शिव मंदिर के पास एक फीट पानी भरा हुआ है।

ऊझा रोड एकता विहार कॉलोनी में मैनहॉल नहीं

वार्ड-13 के पार्षद शिवकुमार शर्मा ने बताया कि वार्ड में ऊझा रोड, एकता विहार कालोनी में हालत ज्यादा खराब है। यहां दो-तीन वर्षों से नाले का काम चल रहा है। मैनहोल नहीं बनाए गए हैं। टीडीआइ के खाली प्लाटों में पानी भरा हुआ है। ऊझा रोड से आने जाने में परेशानी है। वार्ड में जो नाले बनाए गए हैं, वे साफ नहीं हो रहे हैं। उन पर 25-30 फीट तक तो स्लैब डाले गए हैं। जेसीबी के बगैर ये स्लैब नहीं उठाए जा सकते है। इसीलिए नाले ओवरफ्लो होकर पानी सड़कों पर बहता है।

प्लाट बने मुसीबत

हसील कैंप, देसराज कॉलोनी, राज नगर, विजय नगर, डीआरएम स्कूल के आसपास पानी भरा हुआ है। वार्ड के पार्षद अनिल बजाज का कहना है कि वार्ड में खाली प्लाटों में पानी भरा हुआ। नाले साफ करवाए थे। नीचे स्थानों पर पानी भर जाता है। प्लॉट मालिकों से भी कहा गया कि वे प्लाट का भरत करवा दें। इससे पानी की निकासी की समस्या नहीं रहेगी।

वार्ड 22, बारिश के दिन नालों की सफाई

वार्ड 22 में बारिश के दिन में नालों की सफाई याद आई। वो भी तब, लोगों ने शिकायतों के ढेर लगा दिए। वार्ड की पार्षद चंचल डावर ने बताया कि निकासी के इंतजाम किए गए हैं। अगर पहले ही ये काम हो जाता तो समस्या नहीं आती।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.