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जिले में 5239 एकड़ शामलात भूमि पर कब्जा, करोड़ों के राजस्व की हानि

पानीपत जिले में शामलात भूमि कुल 34 हजार 971 एकड़ सात कैनाल और चार मरले जमीन पर अवैध कब्जे हो गए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 07:47 AM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 07:47 AM (IST)
जिले में 5239 एकड़ शामलात भूमि पर कब्जा, करोड़ों के राजस्व की हानि
जिले में 5239 एकड़ शामलात भूमि पर कब्जा, करोड़ों के राजस्व की हानि

जागरण संवाददाता, पानीपत : जिले में शामलात भूमि कुल 34 हजार 971 एकड़, सात कैनाल और चार मरला है। इसमें से 5239 एकड़ छह कैनाल 11 मरला (लगभग 15 फीसद) भूमि पर अवैध कब्जे हैं। गांव मनाना के निवासी धर्मवीर राठी ने विकास एवं पंचायत विभाग, पानीपत से आरटीआइ के तहत मांगी जानकारी से कब्जों का पता चला है। माना जा रहा है कि शामलात की भूमि कब्जा मुक्त नहीं होने से सरकार का हर साल करीब 16 करोड़ रुपये के राजस्व की हानि हो रही है। बता दें कि मतलौडा ब्लाक में सबसे अधिक 3113 एकड़ 76 कैनाल 292 मरले भूमि पर अवैध कब्जा है। ब्लाक का नाम कुल शामलात भूमि अवैध कब्जा मतलौडा 13249 एकड़ 119 कैनाल 238 मरले 3113 एकड़ 76 कैनाल 292 मरले

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समालखा 5390 एकड़ 106 कैनाल 307 मरले 72 एकड़ 20 कैनाल एक मरला

पानीपत 4316 एकड़ 64 कैनाल 104 मरले 146 एकड़ एक कैनाल 18 मरले

इसराना 11118 एकड़ 100 कैनाल 288 मरले 1626 एकड़ 45 कैनाल 52 मरले

बापौली 555 एकड़ 47 कैनाल 119 मरले 00 00 00

सनौली 282 एकड़ 06 कैनाल 08 मरले 262 एकड़ 06 कैनाल 08 मरले कोर्ट के आदेश के बाद भी कब्जा मुक्त नहीं भूमि :

जिले में लगभग 162 एकड़ शामलात भूमि ऐसी है, कोर्ट ने कब्जा मुक्त कर पंचायतों को सौंपने के आदेश दिए हुए हैं। जिला प्रशासन और पंचायत विभाग भूमि ऐसा नहीं कर सका है। अधिकांश मामले डीडीपीओ स्तर पर लंबित हैं। मुख्यमंत्री को ई-मेल से भेजी शिकायत : मनाना गांव के दूसरे आरटीआइ एक्टिविस्ट संदीप राठी ने ई-मेल और डाक के जरिए मुख्यमंत्री कार्यालय को इस बाबत शिकायत भेजी है। उनका कहना है कि पट्टे पर भूमि देने से पंचायत को अनुमानित 30 हजार रुपये सालाना आय होती है। अवैध रूप से कब्जा की गई भूमि को मुक्त कराकर पट्टे पर दिया जाता तो सकरार को करीब 16 करोड़ रुपये वार्षिक राजस्व की प्राप्ति होती। इस हानि की वसूली भूमि को कब्जा मुक्त नहीं कराने वाले अधिकारियों से होनी चाहिए। ये हैं हाई कोर्ट के आदेश गांव मनाना निवासी धर्मवीर शर्मा बनाम राज्य सरकार केस में हाई कोर्ट ने एक अक्टूबर 2020 को सरकार सहित संबंधित अधिकारियों को आदेश जारी किए थे। प्रदेश में अवैध रूप से कब्जा की गई पंचायती-शामलात भूमि को तीन माह के भीतर भूमि कब्जा मुक्त कराकर पंचायत व संबंधित विभागों को सौंपनी थी। कार्यवाही में देरी करने वाले डीसी सहित तहसील के अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही होनी है। कब्जाधारियों के विरुद्ध आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाना है। वर्जन : हाई कोर्ट के आदेशानुसार पंचायती-शामलात भूमि को कब्जा मुक्त कराया जा रहा है। इसराना और मनाना में कुछ भूमि से कब्जा हटवाया गया है। दशकों पुराने निर्माण कार्य को तोड़ना चुनौती है। बहुत से लोगों ने कोर्ट से स्टे भी लिया हुआ है।

राजवीर सिंह, डीडीपीओ


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