खाकी पर दाग, पुलिस विभाग में फर्जी यूनिक आइडी बना 44 लाख का गबन, दो एएसआइ गिरफ्तार
दो विभागीय चतुर्थ श्रेणी कर्मियों व दो फर्जी लोगों का यूनिक कोड बना 44 लाख का गबन किया। मुख्यमंत्री व डीजीपी को शिकायत भेजी गई तो मामले का पर्दाफाश हुआ।
पानीपत/करनाल, जेएनएन। एसपी कार्यालय के साथ स्थित पुलिस विभाग के अकाउंट ब्रांच में तैनात दो एएसआइ और अन्य कर्मियों ने विभाग के ही कर्मचारियों के टीए व कंटीजेंसी बिलों के करीब 44 लाख रुपये हड़प लिए। मामले में आरोपित दो एएसआइ को गिरफ्तार किया गया है।
जानकारी के अनुसार कथित गबन का खेल चार वर्ष से चल रहा था। एक पुलिस अधिकारी ने बिना हस्ताक्षर किए मुख्यमंत्री व डीजीपी को शिकायत भेजी तो ऑडिट के बाद पूरा मामला खुल गया। कई स्तर की जांच व आइजी भारती अरोड़ा के आदेशों के बाद डीएसपी राजीव कुमार की शिकायत पर केस दर्ज कर दोनों आरोपित एएसआइ राजबीर व साहब सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में कई और कर्मियों के शामिल होने की भी आशंका है।
आइजी भारती अरोड़ा को भेजी शिकायत में आरोप लगाया गया कि ब्रांच में मुख्य अकाउंटेंट के तौर पर तैनात ढाकवाला वासी एएसआइ राजबीर व गुरनाम करीब चार साल से कई पुलिस कर्मचारियों का ट्रैवलिंग अलाउंस व कंटीजेंसी बिलों की रकम हड़प रहे हैं। इसके लिए उन्होंने फर्जी यूनिक कोड बना रखे हैं। इस पर पहले लेखा शाखा के वरिष्ठ आधिकारिक स्तर पर जांच की गई। इसके बाद डीएसपी राजीव कुमार ने भी जांच की। डीएसपी ने जांच के बाद शिकायत में आरोप लगाए कि गुरनाम सिंह और राजबीर ने विजय कुमार व नाथी राम, बलवान सिंह और सुमित कुमार के नाम से भी यूनिक आइडी बना रखी है। विजय और नाथी राम विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं जबकि बलवान और सुमित कुमार नाम के कोई कर्मचारी नहीं हैं।
एसआइटी को सौंपी जांच
एसपी एसएस भौरिया ने बताया कि गबन के आरोपित एसआइ राजबीर सिंह व साहब सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिन्हें अदालत में पेश किया जाएगा। मामले की आगामी जांच के लिए डीएसपी इंद्री रणधीर सिंह की अध्यक्षता में एक एसआइटी गठित की गई है।