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38 एमएम बारिश, गली से लेकर हाईवे लबालब, निकलना दूभर

समालखा। तेज आंधी के साथ हुई 38 एमएम बारिश ने ही प्रशासन की निकासी व्यवस्था की पोल खोल दी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 08:00 AM (IST)
38 एमएम बारिश, गली से लेकर हाईवे लबालब, निकलना दूभर
38 एमएम बारिश, गली से लेकर हाईवे लबालब, निकलना दूभर

जागरण संवाददाता, समालखा :

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तेज आंधी के साथ हुई 38 एमएम बारिश ने ही प्रशासन की निकासी संबंधित व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी। कस्बे की गलियों से लेकर हाईवे तक पानी से लबालब हो गए। पुराना बस अड्डा पर फ्लाईओवर के नीचे का हिस्सा तो तालाब में ही तबदील हो गया। जहां दिन भर पानी की लहरों के बीच गुजरते हुए वाहन चालक परेशान रहे। वहीं वाल्मीकि मोहल्ला में पानी मंदिर से लेकर घरों तक में जा घुसा। घरेलू सामान खराब होने पर लोगों को नुकसान उठाना पड़ा।

कस्बे में पानी निकासी की समस्या सालों पुरानी है। न तो नेशनल हाईवे व सर्विस लेन के बीच बने नालों की निकासी का कोई प्रबंध किया गया और न ही कस्बे के अंदर निकासी की ठोस व्यवस्था है। ऐसे में जरा सी बारिश होते ही हर तरफ पानी जमा हो जाता है। शुक्रवार रात भी तेज आंधी के साथ बारिश शुरु हुई और शनिवार सुबह तक रूक रूककर झमाझम बारिश हुई। निकासी व व्यवस्था दुरुस्त न होने पर कस्बे में गलियों से लेकर सर्विस लेन व हाईवे तक पर पानी जमा हो गया और लोग दिन भर पानी के बीच से ही गुजरते रहे। कई लोग पानी के बीच नाला दिखाई न देने पर गिरकर चोटिल भी हुए। हालांकि हाल में नपा की तरफ से मानसून सीजन को देखते हुए एक जेसीबी, ट्रैक्टर ट्राली से लेकर 16 सफाई कर्मियों को लेकर डीसी से मंजूरी ली गई। उक्त संसाधन भी निकासी को दुरुस्त करने में नाकाम साबित हो रहे हैं।

यहां यहां बिगड़े हाल --

निकासी न होने पर फ्लाईओवर के नीचे पुराना बस अड्डा पर करीब दो फीट तक पानी जमा रहा। हाईवे के साथ दिल्ली से पानीपत सर्विस लेन भी छौक्कर पेट्रोल पम्प से लेकर गैस एजेंसी गोदाम तक लबालब रही। इसके अलावा पुरानी गुड़मंडी, काठ मंडी, पुरानी एक्सचेंज वाली गली, वाल्मीकि मोहल्ला, चुलकाना रोड, माता पुली रोड, जौरासी रोड, ब्लूजे रोड, माडल टाउन आदि जगहों पर निकासी न हो पाने के कारण घंटों तक पानी जमा रहने पर लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी।

ग्रामीण आंचल में भी हाल बेहाल --

निकासी को लेकर ग्रामीण आंचल में भी लाखों रुपया खर्च होता है। लेकिन फिर भी सुरत सुधर नहीं पा रही है। शुक्रवार रात व शनिवार सुबह हुई बारिश के बाद नारायणा, करहंस, देहरा, पंट्टीकल्याणा, मनाना, चुलकाना, डिकाडला, हथवाला, आट्टा आदि गांव की गलियों में पानी जमा होने पर ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं तालाब ओवरफ्लो होने पर भी दिक्कत बढ़ गई है।

हाईवे अधिकारियों से मिल निकालेंगे हल

नपा चैयरपर्सन निधि मित्तल का कहना है कि मानसून को देखते हुए कस्बे में नालों की सफाई को लेकर स्पेशल अभियान चलाया हुआ है। जहां तक बात हाईवे और सर्विस लेन की निकासी की है। जल्द ही एनएचएआई के अधिकारियों से मिल हल निकालेंगे, ताकि लोगों को परेशानी न हो।


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