अमेरिका-कनाडा में नौकरी के नाम पर युवक से ठगे 30 लाख, हर दिन मौत से हुआ सामना
अमेरिका में नौकरी लगवाने के नाम पर दो सगे भाइयो ने दो सगे भाइयों से तीस लाख रुपये ठग लिये।
जागरण संवाददाता, पानीपत : अहर गांव के दो सगे भाइयों ने शिमला मौलाना गांव के दो भाइयों को अमेरिका और कनाडा मे नौकरी दिलाने के नाम पर 30 लाख रुपये ठग लिये। आरोपितों के गिरोह का जाल सात देशों तक फैला है। पीड़ित को सात देशों में रखने के बाद अवैध रूप से अमेरिका भेज दिया। वहां पुलिस ने पकड़ लिया और जेल भेज दिया। 70 दिन यातनाएं सहने के बाद पीड़ित किसी तरह स्वदेश लौटा। आरोपितों ने रुपये लौटाने के बजाय पीड़ित के भाई को कनाडा भेजने के नाम पर फिर रुपये ठग लिये। सदर थाना पुलिस ने आरोपित भाइयों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
शिमला मौलाना के सलिद्र ने बताया कि अहर गांव के सोहनलाल और उसके भाई बलदेव ने वर्ष 2018 में उसे अमेरिका में तीन लाख रुपये महीने तनख्वाह की नौकरी लगाने की बात कही। 25 लाख रुपये में तय हुआ। 26 अप्रैल 2018 को आरोपित को आरटीजीएस से 18 लाख रुपये दे दिए। बाकी पांच लाख अमेरिका पहुंचने के बाद देने तय हुए। आरोपितों ने 19 मई 2018 को दिल्ली से इक्वाडोर भेजा। बीच में कई फ्लाइट बदली। सोनू नाम का युवक सलिद्र को फ्लाइट का नाम और समय बताता रहा। पेरु की राजधानी लीमा में वह बताए गए होटल में पहुंचा। होटल में लोगों के पास उसका फोटो पहले से था। सलिद्र को भारत के 3-4 और लोग मिले। यहां बलवान के लड़के प्रदीप ने उससे पासपोर्ट, फोन और 1900 डालर छीन लिये। इक्वाडोर से 8-10 लोगों को पिस्तौल के दम पर समुद्र के रास्ते कपूरगाना से पनामा के जंगलों में ले जाया गया। आरोपितों ने सभी से कहा कि सात पहाड़ी पार कर नदी के बहाव की तरफ चलते रहना। किसी ने रास्ता बदलने का प्रयास किया तो गोली मार दी जाएगी। सात दिन चलने के बाद एक बस्ती में कुछ लोग मिले, जिनके मोबाइल में उनके फोटो थे। कोस्टारिका व होंडुरास में स्थानीय लोग दूसरे स्थान पर ले गए। ग्वाटेमाला में प्रदीप मिला। जिसने सलिद्र के भाई को फोन कर उसके सिर पर पिस्तौल रखकर सकुशल होने और बलवान को बाकी के सात लाख रुपये देने को कहा। आरोपित सभी को मैक्सिको सिटी ले गए। वहां पुलिस ने पकड़ लिया। नौ दिन तक सैनडियागो चौकी में रखा। सभी को कोर्ट में पेश किया गया। 1500 डालर में रूपानी नाम का वकील किया। गत एक अगस्त को किसी तरह स्वदेश लौटा। रुपये लौटाने के बजाय भाई को फंसाया
भारत पहुंचने के बाद सलिद्र ने आरोपितों से रुपये मांगे। रुपये देने के बजाय पर आरोपितों ने उसके बड़े भाई बलिद्र को कनाडा भेजने और नौकरी का झांसा दिया। पांच लाख रुपये ठग लिए। बलिद्र को भी मैक्सिको भेजा, वहां रुपये और सामान चोरी करा कर छह दिन तक मारपीट की। वह किसी तरह भारत लौटा। आरोपितों को रुपये चुकाने में उसकी तीन एकड़ जमीन बिक गई। पासपोर्ट देने की एवज में ठगे 35 हजार
पासपोर्ट के लिए सोहनलाल ने 80 हजार रुपये मांगे, 35 हजार में मान गया। रुपये लेने के बाद भी पासपोर्ट नहीं दिया। हर देश में गिरोह
सलिंद्र को सात देशों में रोका। दो स्थानों पर बलवान का बेटा प्रदीप अन्य स्थानीय लोगों के साथ मिला। बाकी पांच देशों में वहां के लोग ही थे। पुलिस चौकी में बिस्किट, जेल में मिला गोमांस
सलिद्र ने बताया कि उन्हें फ्लोकेस्टोन जार्जिया और अरबीन, कावटीन व डीटेनीग जेल में रखा गया। वहां भारत और पाकिस्तान के लोग बंद थे। रोजाना गाय का मीट खाने को मिलता था। वह मीट नहीं खाते थे। थोडे़ चावल और ब्रेड से किसी तरह काम चलाया। इक्वाडोर से अमेरिका की जेल तक उन पर हर समय हथियार लगे रहते थे। अब कभी घर नहीं लौट पाऊंगा।
बॉर्डर पार करा कहा- पीछे देखा तो गोली मार देंगे
आरोपितों ने मैक्सिको सिटी बॉर्डर पर अमेरिका की तरफ मुंह करके खड़ा कर दिया। बोले आठ फीट की जाली पार करके चले जाओ। पीछे मुड़ कर देखा तो गोली मार दी जाएगी।