World Tourism Day 2021 : कुरुक्षेत्र के पर्यटन में जानें गीता, महाभारत और श्रीकृष्ण का रहस्य, खगोलीय घटना भी मिलेगी जानकारी
World Tourism Day 2021 आज 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस है। धार्मिक और पर्यटन के लिए कुरुक्षेत्र का विशेष महत्व है। कुरुक्षेत्र में गीता महाभारत और श्रीकृष्ण का रहस्य जान सकते हैं। साथ ही खगोलीय घटना की भी जानकारी ले सकते हैं।
कुरुक्षेत्र, [जगमहेंद्र सरोहा]। अगर आपको शैक्षिक पर्यटन के बारे में जानना है तो एक बार धर्मनगरी कुरुक्षेत्र जरूर आइए। यहां आपको गीता और महाभारत के तथ्यों के बारे सीधे रूप से जानने के साथ इसके वैज्ञानिक तथ्यों से भी रूबरू होने का मौका मिलेगा। यहां पर कल्पना चावला तारामंडल में खगोलीय घटनाओं के बारे में भी जान सकते हैं। इसके साथ गीता संग्रहालय में गीता और श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप के बारे में बारीकी से जानकारी मिलेगी। प्रदेश की सभ्यता और संस्कृति से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय स्थित धरोहर में सबकुछ जानने को मिलेगा।
कल्पना चावला स्मारक तारामंडल
कल्पना चावला स्मारक तारामंडल कुरुक्षेत्र में पिहोवा रोड पर पवित्र तीर्थ ज्योतिसर से कुछ पहले है। इसके शैक्षणिक सहायक संजीव कुमार ने बताया कि तारामंडल का उद्घाटन 24 जुलाई 2007 को किया था। यह करीब पांच एकड़ में है। इसमें खगोल विज्ञान से संबंधित शो (तारामंडल कार्यक्रम) देख सकते हैं। यह 25 से 30 मिनट का होता है। सामान्य दिनों में पांच शो होते हैं। अगर पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है तो इनकी संख्या बढ़ा दी जाती है। इससे आगे खगोल दीर्घा है। इसमें खगोल सेे संबंधित जानकारी है। खगोल उद्यान देखने लायक है। इसमें खुले आसमान के नीचे उपकरण लगाए गए हैं। इसके भ्रमण में एक से डेढ़ घंटे तक का समय लगता है। सामान्य व्यक्ति के लिए 30 रुपये का टिकट और विद्यार्थियों को स्कूल या शिक्षा अधिकारी की परमिशन पर 50 फीसद छूट दी जाती है। तारामंडल में शैक्षणिक गतिविधियां भी कराई जाती हैं।
कुरुक्षेत्र पैनोरमा और विज्ञान केंद्र
कुरुक्षेत्र पैनोरमा और विज्ञान केंद्र का रास्ता रेलवे स्टेशन से मात्र दस मिनट का है। यहां से आटो लेकर पैनोरमा तक पहुंच सकते हैं। पैनोरमा के शिक्षा अधिकारी जितेंद्र ने बताया कि मैदानी तल पर विज्ञान केंद्र है। इसमें फिजिक्स, कैमेस्ट्री, जीव विज्ञान, गणित व मनोरंजन विज्ञान की प्रदर्शनी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी में सीखने के लिए बहुत कुछ है। प्रथम तल पर महाभारत के युद्ध के वैज्ञानिक दृष्टिाकोण को रखा गया है। इसमें महाभारत के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को शामिल किया गया है।
गीता संग्रहालय में गीता का ज्ञान
गीता की स्थली कुरुक्षेत्र में आए हैं तो यहां आपको गीता संग्रहालय भी देेखने को मिलेगा। गीता ज्ञान संस्थानम में गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज की देखरेख में यह प्रदेश व देश का पहला गीता संग्रहालय है। सात मार्च 2020 को इसका उद्घाटन किया गया है। यह पर्यटकों के लिए कुरुक्षेत्र में देखने की सबसे नई चीज होगी। ब्रह्मसरोवर के पूर्वी तट पर गीता ज्ञान संस्थानम में गीता लघु संग्रहालय है। यहां थ्री डी कैमरे में गीता के 18 अध्याय और महर्षि वेद व्यास गीता लिखते दिखाई देंगे। यहीं पर गंगा बहती हुई नजर आएगी। प्रमुख संतों, महापुरुषों और विदेशी लेखकों के गीता के बारे में विचार भी पढऩे को मिलेंगे। शहीद-ए-आजम भगत ङ्क्षसह शहीद अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के गीता को लेकर विचारों को भी दर्शाया गया है। थ्री डी कैमरे में श्रीकृष्ण भगवान का विराट स्वरूप देखने को मिलेगा। यह 11 मिनट का होगा। इसके अलावा प्राचीन धातु से निर्मित गीता मिनी थियेटर में डाक्यूमेंट्री में कुरुक्षेत्र और संस्थानम के बारे में जानने का मौका मिलेगा। गीता पुस्तकालय में तीन हजार पुस्तक हैं। ई-लाइब्रेरी का उद्घाटन 16 सितंबर को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने किया है।
श्रीकृष्ण संग्रहालय के तीन भवनखंडों में नौ वीथिकाएं
महाभारत के बारे में विस्तार से जानना है तो आप सीधे श्रीकृष्ण संग्रहालय आएं। यह पैनोरमा के साथ ही है। आर्किटेक्ट बलवान सिंह ने बताया कि श्रीकृष्ण के विचारों और आदर्शों से जनमानस के आध्यात्मिक, नैतिक एवं सांस्कृतिक उत्थान को मद्देनजर कुरुक्षेत्र में वर्ष 1987 में श्रीकृष्ण संग्रहालय की स्थापना की गई। इसके पश्चात 1991 में संग्रहालय को वर्तमान भवन में स्थानांतरित किया गया। 1995 में एक दूसरा संग्रहालय भवन जोड़ा गया। वर्ष 2012 में मल्टीमीडिया महाभारत एवं गीता गैलरी को संग्रहालय भवन के तृतीय खंड का निर्माण किया गया। संग्रहालय का विषय श्रीकृष्ण, कुरुक्षेत्र और महाभारत है। इस कथानक पर यह विश्व का एकमात्र संग्रहालय है। तीन भवन खंडों में नौ वीथिकाएं हैं। जो भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण को भगवान के रूप में प्रस्तुत करने वाली कलाकृतियों को प्रदर्शित करती हैं।
सभ्यता और संस्कृति धरोहर में देखने मिलेंगी
प्रदेश की ग्रामीण संस्कृति से रूबरू होना है तो कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय स्थित धरोहर हरियाणा संग्रहालय में आए। यह हरियाणा की ग्रामीण संस्कृति का आइना है। धरोहर की स्थापना 2006 में की गई थी।
यहां हरियाणवीं संस्कृति के विविध आयाम देखने को मिलते हैं। संग्रहालय को अब तक करीब 30 लाख लोग और विदेश से सौ से अधिक दल आ चुके हैं। धरोहर में हर परंपरा को दर्शाया गया है। लोक पारंपरिक काम धंधों के साथ लोक परिधान, खेती बाड़ी, रसोई, बर्तन व कुआं आदि दिखाया गया है। लाइब्रेरी में प्रदेश के रिसर्च का वर्णन है। इसके साथ मीडिया सेंटर में इससे संबंधित सभी जानकारी हैं।