Move to Jagran APP

स्कूल बनेंगे तंबाकू मुक्त, 100 मीटर की परिधि में भी बिक्री पर बैन

डीईओ ने बताया कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद कोटपा अधिनियम 2003 के प्रावधान लागू किए हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 06:37 AM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 06:37 AM (IST)
स्कूल बनेंगे तंबाकू मुक्त, 100 मीटर की परिधि में भी बिक्री पर बैन
स्कूल बनेंगे तंबाकू मुक्त, 100 मीटर की परिधि में भी बिक्री पर बैन

जागरण संवाददाता, पानीपत : स्कूल व कालेजों के आसपास तंबाकू उत्पादों का विक्रय प्रतिबंधित कर दिया गया है। उनकी 100 मीटर की परिधि में तंबाकू उत्पाद बेचने या फिर सेवन करने पर दंड लगेगा। इसी अभियान को सफल बनाने के लिए वीरवार को जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) रमेश कुमार ने अपने कार्यालय में सभी खंड शिक्षा अधिकारी के साथ बैठक की। उन्होंने अभियान के बारे में विस्तार से चर्चा कर 31 मार्च तक सभी स्कूलों को तंबाकू मुक्त बनाने का आह्वान किया।

loksabha election banner

डीईओ ने बताया कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद कोटपा अधिनियम 2003 के प्रावधान लागू किए हैं। हर विद्यालय के बाहर मुख्य द्वार के पास बोर्ड लगाया जाएगा, जिसमें तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान लिखा होगा। हर स्कूल में तंबाकू निषेध कमेटी का भी गठन किया जाएगा, जिसमें शिक्षक, छात्र व स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

उन्होंने बताया कि तंबाकू नियंत्रण कानून की धारा 4 के अनुसार केवल स्कूल के भीतर गैर धूम्रपान संकेतक लगाया जाना है, बल्कि इसी कानून की धारा 6बी के अनुसार स्कूल के मुख्य द्वार पर तंबाकू मुक्त शिक्षा संस्थान के संकेतक के माध्यम से यह संदेश भी देना होगा की स्कूल के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पादों की ब्रिक्री दंडनीय अपराध है।

उन्होंने कहा कि यदि कोई उक्त दायरे के अंदर तंबाकू उत्पादों की बिक्री करने से बाज नहीं आता है तो उसका चालान किया जाएगा। इस बारे में बीईओ आगे स्कूल प्रिसिपल व हेड मास्टर को अवगत कराएंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल में शिक्षक, छात्र, कर्मचारी, आगंतुक कोई भी तंबाकू उत्पाद का सेवन नहीं करेगा।

31 तक देना होगा सर्टिफिकेट

डीईओ ने बताया कि सभी स्कूल प्रिसिपल व हेड मास्टर को तंबाकू मुक्त अभियान चला अपने स्कूल को तंबाकू मुक्त करना होगा। इसके बाद 31 मार्च तक सभी प्रिसिपल व हेड मास्टर इसको लेकर एक सर्टिफिकेट बीईओ कार्यालय में जमा कराएंगे। वहां से डीईओ कार्यालय आएगा और फिर रिपोर्ट तैयार कर हेल्थ विभाग के डायरेक्टर को भेजी जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.