सांस रोगियों की बढ़ सकती है समस्या, इससे करना होगा बचाव
मौसम बदलाव के साथ-साथ अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। वहीं चिकित्सकों ने सांस के रोगियों को अलर्ट किया है। गेहूं की कटाई की शुरुआत होते ही दिक्कतें शुरू हो सकती है। इससे सांस की समस्या हो सकती है।
अंबाला, जेएनएन। पर्यावरण के स्तर में बहुत हद तक सुधार आया है। चिकित्सकों ने अब वातावरण सेहत का वरदान करार दे रहें हैं। फिर भी अस्पताल में अब मरीजों की संख्या में अचानक तेजी आई है। नागरिक अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. वनीत आनंद बताते हैं कि वैसे आमतौर पर पिछले वर्षो की तुलना में इस बार अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की संख्या काफी कम है।
इसका प्रमुख कारण पर्यावरण के स्तर में काफी हद तक सुधार माना जा रहा है। इसलिए यह माना जा सकता है कि वायरल जैसी बीमारियां भी बहुत कम हो चुकी है। गेहूं की कटाई शुरू होने पर सांस रोगी की संख्या में इजाफा होने की संभावना बनी है। नागरिक अस्पताल शहर में इलाज के लिए रोजना करीब 1700 मरीज आते थे। छावनी के अस्पताल में आम तौर पर ओपीडी करीब डेढ़ हजार के आसपास है। इसमें अगर नए रजिस्ट्रेशन की संख्या 6 से 7 सौ रहती है और दोबारा इलाज और परामर्श के लिए आने वाले मरीजों की संख्या करीब नौ सौ बताई जा रही है।
कोरोना संबंधी गाइड लाइन का करें पालन
अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों और तीमारदारों को चिकित्सक सलाह दे रहें हैं कि वह कोरोना को लेकर बनाए गए नियम का पालन करें। घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करने के साथ शारीरिक दूरी बनाए रखें। इसके अलावा साबुन से कम से कम 20 सेकेंड तक ठीक ढंग से हाथ को साथ करें।
बिना मास्क वालों का होगा चालान
प्रिंसिपल मेडिकल अधिकारी डा. राकेश सहल ने बताया कि कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। ऐसे में लोगों को सरकार और स्वास्थ्य विभाग की हिदायतों का पालन करना चाहिए। अस्पताल परिसर में बिना मास्क वालों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है। इसके लिए हेल्थ इंसपेक्टर के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया है जो बिना मास्क वालों पर 500 रुपए का जुर्माना लगाएगी।
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