करनाल में पटाखा फैक्ट्री हादसा: मजदूरों ने पहले ही जता दी थी हादसे की आशंका, लापरवाही में गई चार की जान
करनाल के गांव घोघड़ीपुर स्थित श्री फायर वर्कर्स पटाखा फैक्ट्री में हुए हादसे में अब तक चार की जान चली गई। वहीं मजदूरों ने पहले ही हादसे की आशंका जता दी थी। अब पुलिस आरोपित फैक्ट्री संचालक सुंदर लाल की तलाश में कर रही छापेमारी।
करनाल, जेएनएन। चार दिन पहले मंगलवार को घोघड़ीपुर स्थित श्री फायर वर्कस के नाम से स्थित पटाखा फैक्ट्री में हुए हादसे का शिकार हुए चारों मजदूरों के शवों को आखिरकार अपनी मिट्टी मिल पाएगी। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव तामिलनाडू से आए स्वजनों को सौंप दिए, जो शव लेकर दिल्ली से हवाई जहाज से रवाना हुए। कल्पना चावला राजकीय अस्पताल के मोर्चरी हाउस से चारों शवों को एयरपोर्ट तक ले जाने के लिए विशेष एंबुलेंस दिल्ली से ही बुलाई गई और दिल्ली से शव लेकर हवाई जहाज से चेन्नई हवाई अड्डे पर पहुंचेगे, जहां से वे आगे सड़क मार्ग से ही अपने घर पहुंचेंगे। वहीं पर चारों शवों का अपनों के बीच अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सूचना मिलने के बाद तामिलनाडू से चारों मृतकों के स्वजन वीरवार दोपहर बाद ही करनाल पहुंच गए थे, जो देर रात तक मधुबन पुलिस थाने में केस दर्ज कराने व अन्य प्रक्रिया में शामिल रहे। इसके बाद सुबह वे मोर्चरी हाउस पहुंचे, जहां दाेपहर तक पोस्टमार्टम प्रक्रिया चलती रही और इसके बाद शाम को मोर्चरी हाउस पहुंची एंबुलेंस से ये शव ले जाए गए। यहां पहुंचे स्वजनों में दो मृतकों के पिता व अन्य के भाई शामिल रहे। वहीं इनके आने के बाद ही यहां पहले से ही फैक्ट्री में मजदूरी करते रहे युवक के बाला सुबरामन की शिकायत पर आरोपित फैक्ट्री संचालक सुंदर लाल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया।
पहले ही जता दी थी हादसे की आशंका, फिर भी रही लापरवाही
अचानक नहीं हुआ था, बल्कि इसकी आशंका पहले ही यहां काम करने वाले मजदूरों ने जता दी थी। इसके बावजूद भी यहां कोई भी सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई और हादसे से चार जानें चली गई। अब तीन दिन बाद वीरवार देर रात पुलिस ने न केवल यहां काम करने वाले एक मजदूर की शिकायत पर आरोपित फैक्ट्री संचालक सुुंदर लाल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया बल्कि उसे गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी भी की जा रही है। पुलिस को दी शिकायत में के बाला सुबरामन ने आरोप लगाते हुए बताया है कि फैक्ट्री में मजदूरों की सुरक्षा को लेकर कोई भी व्यवस्था व उपाय नहीं थे, जिसको लेकर उन्होंने फैक्ट्री संचालक को अवगत भी कराया था और बताया था कि कभी भी कोई हादसा हो सकता है। इसके बावजूद फैक्ट्री संचालक ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते यहां कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई।
दो सप्ताह पहले ही आए थे हादसे के शिकार हुए तीन मजदूर
मुरुगियापुरम विस्वानाथम जिला विरुधनगर, तामिलनाडू के रहने वाले के बाला सुबरामन के अनुसार वह फैक्ट्री में करीब करीब डेढ़ माह से मजदूरी कर रहा था जबकि उसके बड़े भाई पांडीसेल्वम व उसी के क्षेत्र के कुमारसमय ए, विजय कुमार एम व विजय गणेश आर करीब दो सप्ताह पहले ही फैक्ट्री में मजदूरी करने के लिए आए थे। यहां उसका भाई बालक कुमार पहले ही उसके साथ यहां मजदूरी कर रहा था। अचानक हुए हादसे में कुुमारसमय ए की मौके पर ही मौत हो गई जबकि पांडीसेल्वम, विजय गणेश आर व विजय कुमार एम ने निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया।
जैसा की शिकायतकर्ता के बाला सुबरामन मजदूर ने पुलिस को बताया
... मैं करीब शाम सवा पांच बजे मशीन की राॅड को ठीक करवाने के लिये बाइक पर करनाल चला गया था। राॅड ठीक करवाकर मैं जब फैक्टरी के पास पहुंचा तो समय करीब सवा छह बजे फैक्टरी में एकदम ब्लास्ट हो गया। मैं भागकर उपरोक्त फैक्टरी में पहुंचा तो देखा कि फैक्टरी की एक ईमारत में ब्लास्ट हुआ हैं तथा ईमारत की छत वा दीवार, दरवाजें टूटकर दूर-दूर तक बिखरें पडें थें। मेरा भाई पांडीसेल्वम वा विजयकुमार एम तथा विजय गणेश आर बुरी तरह से जले हुये पडे हुये थे। कुमारसमय मृत अवस्था में पड़ा था। थोडी देर बाद मालिक सुंदर लाल की गाडी का ड्राईवर ऋिषी गाडी को लेकर फैक्टरी में आ गया। उसने गाडी में मेरे भाई पांडीसेल्वम, विजयकुमार एम व विजय गणेश आर को ईलाज के लिये निजी हस्पताल करनाल ले आया। मै उस समय काफी डर गया था और वहां से भाग गया । मुझे बाद में पता चला कि इस हादसे में मेरे भाई समेत तीनों की हस्पताल में मौत हो गई हैं।