कूड़ा घोटाले की जांच शुरू, शिकायतकर्ता ने दस्तावेज पेश किए, निगम अधिकारी जबाव नहीं दे पाए
जागरण संवाददाता पानीपत नगर निगम में 38 करोड़ रुपये के कूड़ा घोटाले की जांच शुरू ह
जागरण संवाददाता, पानीपत :
नगर निगम में 38 करोड़ रुपये के कूड़ा घोटाले की जांच शुरू हो गई है। बुधवार को एडीसी मनोज कुमार ने बुधवार को लघु सचिवालय में जांच में नगर निगम अधिकारियों और शिकायतकर्ता पीपी कपूर को शामिल किया। शिकायतकर्ता पीपी कपूर ने घोटाले के दस्तावेज पेश कर दिए। कपूर ने आरोप लगाया कि सफाई के नाम पर हर महीने सवा करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। जेबीएम कंपनी न तो अपने साधन जुटा पाई और न ही अपना कोई कलेक्शन सेंटर बना पाई। डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने के नाम पर पर्ची काटी जा रही है। कूड़ा उठाया नहीं जा रहा है। नगर निगम अधिकारी शिकायत का ठोस जवाब नहीं दे पाए। एडीसी ने अधिकारियों की दलील से संतुष्ट नहीं दिखाई दिए। उन्होंने अधिकारियों को आगामी तारीख पर रिकार्ड सहित तलब किया है।
ठेका रद्द करने के सदन के प्रस्ताव की जानकारी नहीं
जांच अधिकारी एडीसी मनोज कुमार ने नगर निगम अधिकारियों से चार जुलाई 2019 की सदन की बैठक में जेबीएम कंपनी का ठेका रद्द करने के पारित प्रस्ताव को सरकार को भेजने के सुबूत मांगा। इस पर निगम अधिकारियों ने बताया कि ठेका रद्द करने का प्रस्ताव रजिस्टर्ड डाक से सरकार को भेजा गया था, वह सरकार को मिला या नहीं इसकी सूचना उनके पास नहीं है।
ठोस कूड़ा प्रोजेक्ट की मॉनटिरिग (पीएमयू) की कापी भी नहीं मिली
ठोस कूड़ा प्रबंधन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट ( पीएमयू) की मींटिगों की कॉपी मांगी तो नगर निगम अधिकारी कोई सबूत नहीं दे पाए। शिकायतकर्ता पीपी कपूर ने आरटीआई के माध्यम से जुटाई सुबूत जांच अधिकारी दिए।
डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के बदले वसूले जा रहे शुल्क की पर्चियां दिखाई
जांच के दौरान शिकायतकर्ता ने डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के बदले लोगों से वसूले जा रहे शुल्क की पर्चियां सूबत के रूप में दी। इन पर्चियों पर जेबीएम कंपनी व पूजा कानसूलेशन कंपनी का नाम लिखा है। जेबी ने यह ठेका कांसूलेशन कंपनी को दे रखा। टेंडर एग्रीमेंट के अनुसार कंपनी आगे किसी को ठेका नहीं दे सकती।
सात सितंबर को दिया ज्ञापन
पीपी कपूर ने कूड़ा घोटाले के लेकर डीसी आफिस पर रोष प्रदर्शन कर सात सितंबर को ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में नगर निगम मेयर अवनीत कौर व निगम आयुक्त पर गंभीर आरोप लगाते हुए जेबीएम को दिया ठेका रद्द करने, पीएमयू की बिना मोनिटरिग व अप्रूवल दी गी 38 करोड़ की पेमेंट वसूल करने, घोटाले के दोषियों को दंडित करने की मांग की थी।
घोटाले को लेकर तीन सवाल
-जेबीएम का ठेका रद्द करने की फाइल गायब कहां हुई।
-कंपनी पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया गया
-आगे ठेका सबलेट करने के बावजूद जेबीएम को हर महीने करोड़ों रुपये की पेमेंट क्यों दी जा रही
जनप्रतिनिधियों का क्या कहना है
डोर-टू-डोर कलेक्शन न होने पर प्रस्ताव पारित : रविद्र भाठिया 14अक्टूबर की निगम का हाउस बैठक में भी पार्षदों ने डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन न होने का मामला उठाया था। पार्षद रविद्र भाटिया ने बताया कि कंपनी के खिलाफ सदन ने प्रस्ताव भी पारित किया था। उसके बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही। समय पर नहीं आती गाड़ियां : सैनी
वार्ड 12 के पार्षद सतीश सैनी ने बताया कि तीन गाड़ियां कूड़ा उठाने के लिए आती है। समय निश्चित नहीं होता। जब तक गाड़ियां पहुंचती है। तब तक लोग बाहर कूड़ा फैंक देते हैं। गाड़ियां सात बजे आनी चाहिए।
डोर टू डोर कलेक्शन नहीं : गर्ग
वार्ड14 की पार्षद शकुंतला गर्ग ने बताया में वार्ड डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन नहीं की जा रही। प्राइवेट सफाई कर्मी घरों से कूड़ा उठाकर सेक्टर 25 कलेक्शन सेंटर में डाल देते हैं। वहां से जेबीएम कंपनी उठाते है। ठेके के मुताबिक घर-घर से कूड़ा उठाया जाना चाहिए।
कहीं-कहीं उठाया जा रहा : छाबड़ा
वार्ड 15 की पार्षद सुमन छाबड़ा ने बताया कि वार्ड में कहीं-कहीं डोर टू डोर कूड़ा उठता है। ज्यादातर की शिकायत आ रही है कूड़ा नहीं उठाया जा रहा है। इसी लिए बहुत से वार्ड वासी पर्ची भी नहीं कटवाते।