कल हंगामेदार हो सकती है पानीपत नगर निगम की बैठक, गूंजेगा स्ट्रीट लाइट का मामला
पानीपत नगर निगम की बैठक सात अगस्त को होनी है। 230 दिन के बाद होने वाली बैठक में हंगामा होने के आसार है। इसमें स्ट्रीट लाइट का मामला भी उठ सकता है।
पानीपत, जेएनएन। कोविड 19 महामारी के बीच निगम सदन की बैठक 230 दिन बाद शुक्रवार को पानीपत लघु सचिवालय में होगी। नए टेंडर से लेकर, स्ट्रीट लाइट, साफ सफई व भ्रष्टाचार का मुद्दा गूंजेगा। 26 वार्डों में विकास की आस लगाए पार्षद मेयर अवनीत कौर व आयुक्त सुशील कुमार के समक्ष खुल कर चर्चा करेंगे। स्ट्रीट लाइट घोटाले की रिपोर्ट पहले से पेडिंग है। सदन की बैठक में 100 से अधिक प्रस्ताव रखे जाएंगे। सदन के दूसरे कार्यकाल की यह छठी बैठक होगी।
वार्ड पार्षदों ने बीते 29 जुलाई को देवीलाल परिसर स्थित निगम कार्यालय में आयुक्त का घेराव कर सदन की बैठक बुलाने की मांग की थी। पार्षदों की नाराजगी को देखते हुए आयुक्त ने 7 अगस्त की तिथि तय की। पत्र भेज कर सभी पार्षदों को इस बारे में अवगत करा दिया। महापौर की अध्यक्षत में लघु सचिवालय के द्वितीय तल स्थित कांफ्रेंस हॉल में तीसरे पहर 3:30 बजे से बैठक आयोजित की जाएगी। पार्षदों ने इस बैठक को लेकर महापौर कार्यालय में अपने मुद्दे भिजवा दिए हैं। नगर निगम की तरफ से सांसद व दोनों विधायकों से अनुरोध किया गया है कि वे भी इस बैठक में शामिल हों।
ये अधिकारी रहेंगे मौजूद
बैठक में डीएफएससी व जिला वन अधिकारी सहित सात अलग अलग विभागों के कार्यकारी अभियंता मौजूद रहेंगे। एलएंडटी टोल प्लाजा के प्रबंधक, जेबीएम प्रबंधक, एनएचएआइ अंबाला के परियोजना पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। अधिकारी अपने विभाग से संबंधित मुद्दों पर सदन में जवाब देंगे।
ये प्रमुख मुद्दे होंगे
स्ट्रीट लाइट : सदन में नए स्ट्रीट लगाने का मुद्दा ज्यादा हावी रहेगा। अगस्त 2019 में स्ट्रीट लाइट घोटाले का खुलासा होने के बाद शहर में अंधेरा छा गया था। पेमेंट न होने के बहाने ठेकेदारों ने लाइट जलानी बंद कर दी है। रखरखाव का कार्य पूरी तरह से चरमरा गया है। घोटाले की जांच पर भी चर्चा होगी।
भ्रष्टाचार : निगम में कार्यरत अफसरों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगता है। भ्रष्टाचार के चलते विकास कार्य प्रभावित होता है। पार्षद इस भी चर्चा करेंगे।
नए टेंडर : निगम में नए टेंडर लगाने का कार्य सुस्त है। पार्षद अपने वार्डों में विकास कार्य की फाइल लेकर कार्यालय में घूमते हैं। अफसर उन्हें तव्वजो नहीं देते हैं।
सफाई : बारिश के सीजन में वार्डों में साफ सफाई की स्थिति खराब है। जेबीएम कंपनी निगम की शर्तों पर खड़ी नहीं रही उतर रही है।
21 दिसंबर 2019 को हुई बैठक में ये प्रस्ताव हुए थे मंजूर
-बिंझौल गांव से 10-12 एकड़ जमीन डेयरियों के लिए ली जाए। यहां पर 192 प्लॉट अलॉट किए गए थे। बाकी प्लॉटों को रिज्यूम करने का फैसला लिया गया था।
-बरसत रोड पर डेयरियों के लिए 15-20 एकड़ जमीन खरीदने पर।
-वार्ड-11 में 1100 गज जमीन में शोरूम।
-बबैल नाके का सुंदरीकरण।
-नगर निगम चार स्थायी रैन बसेरा।
-निगम की टुकड़ों में पड़ी जमीन की पटवारी और कानूनगो की मदद से निशानदेही।
-नगर निगम की किराये पर दी दुकानों की मरम्मत।
-प्रॉपर्टी टैक्स और ट्रेड लाइसेंस की रिकवरी को लेकर इसे सरल करने की सिफारिश।
-रेलवे लाइन के साथ खाली पड़ी जमीन पर छह करोड़ की लागत से सुंदरीकरण।
-अंबाला की तर्ज पर जीटी रोड के दोनों तरफ स्वागत गेट बनाए।