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अंबाला तहसील में कमीशनखोरी की गूंज डिप्टी सीएम तक पहुंची, नपेंगे अफसर

अंबाला शहर की तहसील में बिना एनओसी के रजिस्ट्रियों का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। अप्रैल 2019 से लेकर मई के बाद अब तक गैरकानूनी ढंग से रजिस्ट्रियां हुईं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 01:29 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 01:29 PM (IST)
अंबाला तहसील में कमीशनखोरी की गूंज डिप्टी सीएम तक पहुंची, नपेंगे अफसर
अंबाला तहसील में कमीशनखोरी की गूंज डिप्टी सीएम तक पहुंची, नपेंगे अफसर

पानीपत/अंबाला, जेएनएन। अंबाला शहर की तहसील में गैरकानूनी ढंग से बिना एनओसी की गई रजिस्ट्रियों का मामला तूल पकड़ गया है। भले ही जिला स्तर पर कोई जांच नहीं बिठाई गई, लेकिन डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला तक इस कमीशनखोरी की गूंज पहुंच चुकी है। ऐसे में अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति है कि कहीं गुरुग्राम की तरह अंबाला में भी एफआइआर या निलंबन की कार्रवाई न हो जाए। इस प्रकरण में अधिकारियों का नपना तय है, क्योंकि मामला सीएम विंडो तक भी पहुंच गया है। इस मामले में लिप्त कर्मचारी और अधिकारी दांवपेंच चला रहे हैं कि किसी तरह से यह मामला दब जाए और कार्रवाई से बचा जा सके। सीएम विंडो पर की गई शिकायत पर भी किस-किस तारीख में कौन सी  रजिस्ट्री की गई है, इसका उल्लेख किया गया है। ऐसे में शिकायतकर्ता को संतुष्ट भी कर लेंगे, लेकिन मामला तब भी इतनी आसानी से दबेगा नहीं। 

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उल्लेखनीय है कि दैनिक जागरण ने इस मामले का पर्दाफाश किया है। अंबाला शहर तहसील में यह खेल काफी समय से चल रहा है। बीते साल से नियमों का ताक पर रखते हुए यह रजिस्ट्रियां की गई हैं। मामले का खुलासा होने के बाद अफसरों की भी नींद उड़ चुकी है। बीते साल से चल रहे इस अवैध खेल में अंबाला शहर के बादशाही बाग, धूलकोट आदि में गैरकानूनी ढंग से रजिस्ट्री कर दी गई। शहर तहसील में 12 अप्रैल 2019 को, 10 अप्रैल 2019, 30 जून 2019, 1,  18 व 19 जुलाई 2019, 1, 5 व 6 अगस्त 2019 और 17 सितंबर 2019 को रजिस्ट्री की गई। इन रजिस्ट्रियों के नंबर सहित अधिकारियों को ब्यौरा भेजा गया है। इस में लिखा गया है कि कुछ प्लाटों को कागजों में मकान दिखाया गया और रजिस्ट्री कर दी गई। यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी रजिस्ट्रियों का खेल चलता रहा है। 

इस तरह तहसील में हुआ खेल 

अंबाला शहर की तहसील में 19 जुलाई 2019 को बादशाही बाग में रजिस्ट्री नंबर 2893 बिना एनओसी कर दी गई। इसी प्रकार 1 जुलाई 2019 को रजिस्ट्री  नंबर 2472, 18 जुलाई 2019 को 2873, 2834, 2859 नंबर रजिस्ट्री की गई हैं। इन रजिस्ट्रियों में बिना एनओसी नहीं बल्कि मकान दिखाकर प्लाटों की रजिस्ट्री की गई है। यह सिलसिला यहीं नहीं थमा। एक अगस्त 2019 को रजिस्ट्री नंबर 3278, 3262, 17 सितंबर 2019 को 4256, 6 अगस्त 2019 को 3353, 3341, 30 जून को 2403, 5 अगस्त को 3269, 3261, 19 नवंबर 2019 को 5464, 12 अप्रैल 2019 को 311, 10 अप्रैल 2019 को 312 नंबर की रजिस्ट्री की गई। इस तरह कई रजिस्ट्रियां की गई हैं। 

रिपोर्ट मांगी गई है : डीसी

डीसी अशोक कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने रजिस्ट्रियों से संबंधित डिटेल मांग रखी है, जिसकी जानकारी सभी तहसीलों से मांगी गई है। उन्होंने कहा कि शहर की तहसील में बिना एनओसी के जो रजिस्ट्रियां हुई हैं, उनकी जानकारी नहीं है। इस संबंध में जानकारी मांगी गई है। 

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