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कैथल बाजार के बीचों-बीच करीब 100 साल पुरानी इमारत का हिस्सा गिरा

बरसात के कारण कैथल बाजार के बीचों-बीच करीब 100 साल पुरानी इमारत का हिस्सा गिरा। सुबह साढ़े पांच बजे की घटना है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 02:18 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 02:18 PM (IST)
कैथल बाजार के बीचों-बीच करीब 100 साल पुरानी इमारत का हिस्सा गिरा
कैथल बाजार के बीचों-बीच करीब 100 साल पुरानी इमारत का हिस्सा गिरा

पानीपत/कैथल, जेएनएन। कमेटी चौक के पास पुराने बाजार में प्रात: साढ़े पांच बजे करीब 100 साल पुरानी इमारत का कुछ हिस्सा गिर गया। गनीमत रही कि इस हादसे में कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। इमारत बाजार के बीच में है। अगर यह हादसा दिन के समय हो जाता तो कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था। इमारत के अंदर कुछ परिवार भी रहते हैं, लेकिन इमारत का बाहरी हिस्सा गिरा है। कुछ दिन पहले बरसात भी हुई थी, जो इमारत का हिस्सा गिरने का कारण बताया जा रहा है। इमारत मालिक जश्न गुलाटी ने बताया कि यह काफी पुरानी इमारत है। पहले भी इसकी रिपेयर करवाई थी। कुछ दिन पहले बरसात हुई थी और इमारत पर बंदर भी घूमते रहते हैं। बंदरों के कारण भी हादसा हुआ होगा। वहीं नगर परिषद की ओर से शहर में बनी जर्जर इमारतों को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। लोगों ने मांग की है कि नप की ओर से शहर की सभी पुरानी इमारतों का सर्वे करवाया जाए और मकान मालिकों को नोटिस जारी किए जाने चाहिए। 

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बाजार में हैं तंग गलियां

बाजार के बीचों-बीच स्थित जर्जर इमारतें हादसों काे न्यौता दे रही है। यह भवन बाजार में बिल्कुल बीच में स्थित है। शहर में मुख्य बाजार की काफी तंग गलियां हैं। ऐसे में यदि भवन गिरा तो बड़ा हादसा होगा। दुकानदारों का कहना है कि इन भवनों में कोई रहता भी नहीं है। यदि प्रशासन चाहे तो इन्हें गिरा भी सकती है, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। इन पुरानी एवं जर्जर इमारतों के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। शहर में तलाई बाजार, मेन बाजार, सर्राफा बाजार, शास्त्री मार्केट, रेलवे गेट सहित अन्य जगह इन पुरानी इमारतों के होने से हर समय कोई बड़ा हादसा होने का डर बना रहता है। बाजार में काफी तंग गलियां होने के कारण यहां न तो एंबुलेंस जाने की सुविधा है और न ही दमकल गाड़ियों की।  

कई बार हो चुके हादसे 

दुकानदार राजेंद्र वर्मा ने बताया कि इन जर्जर इमारतों से मलबा गिरने के कारण कई बार लोग चोटिल भी हो चुके हैं। इसके बारे में लोगों ने जिला प्रशासन व नगर परिषद को अवगत भी करवा चुके हैं, लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी है।


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