जन्म के पहले घंटे में 50 फीसद को नहीं मिलता मां का दूध
स्वस्थ समाज के लिए स्तनपान का संकल्प....इसी थीम पर आज से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाएगा। कोरोना वायरस संक्रमण अनलॉक-थ्री के चलते इस बार का दारोमदार ट्रिपल-ए यानि आशा वर्कर आंगनबाड़ी वर्कर और एएनएम पर होगा। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को घर-घर जाकर बताएंगी कि बच्चे के लिए मां का दूध कितना जरूरी है। बता दें कि इतनी जागरुकता के बावजूद करीब 50 फीसद नवजात ऐसे होते हैं जिन्हें जन्म के पहले घंटे में मां का दूध नहीं मिल पता है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : स्वस्थ समाज के लिए स्तनपान का संकल्प। इसी थीम पर आज से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाएगा। कोरोना वायरस संक्रमण, अनलॉक-थ्री के चलते इस बार का दारोमदार ट्रिपल-ए यानि आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर और एएनएम पर होगा। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को घर-घर जाकर बताएंगी कि बच्चे के लिए मां का दूध कितना जरूरी है। बता दें कि इतनी जागरुकता के बावजूद करीब 50 फीसद नवजात ऐसे होते हैं, जिन्हें जन्म के पहले घंटे में मां का दूध नहीं मिल पता है।
स्वास्थ्य विभाग, पानीपत से मिले आंकड़ों के मुताबिक जिले की करीब 15 हजार महिलाएं (नवजात से दो साल के शिशु की मां) स्तनपान करा रही हैं। प्रसव के बाद पहले घंटे में स्तनपान की दर अभी भी लगभग 50 फीसद ही है। छह माह तक केवल स्तनपान की दर महज 40 प्रतिशत है। सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा ने बताया कि कोलोस्ट्रम (शिशु के जन्म के पहले घंटे में मिलने वाला दूध) में वृद्धि कारक तत्व होते हैं। यह प्रोटीन से भरपूर होता है। शिशु को डायरिया, संक्रमण (कोविड-19 संक्रमण सहित) कई रोगों से बचाता है। विगत वर्षों में विश्व स्तनपान दिवस(एक अगस्त) के दिन सिविल अस्पताल, सीएचसी-पीएचसी, आंगनबाड़ी केंद्रों में जागरूकता के कार्यक्रम होते रहे हैं। इस बार सरकारी अवकाश भी है, कोरोना वायरस के चलते अनलॉक-थ्री भी लागू है।
सिविल सर्जन के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं। ऐसे में आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर और एएनएम घर-घर दस्तक देकर स्तनपान के संबंध में शिशुवती-गर्भवती महिलाओं को जागरूक करेंगी। जागरूकता कार्यक्रम भी सात अगस्त जारी रहेंगे। कोरोना पॉजिटिव महिला का दूध नहीं संक्रमित :
सिविल अस्पताल, आइसोलेशन वार्ड के नोडल अधिकारी रहे डा. वीरेंद्र ढांडा ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव महिला का दूध संक्रमित नहीं होता। मां अपना दूध किसी साफ बर्तन में निकालकर किसी अभिभावक द्वारा बच्चे को दूध पिलवा सकती है। बच्चा कोरोना संक्रमित है तो उसके लिए मां का दूध बूस्टर डोज के समान है।
स्तनपान के फायदे
-शिशु को डायरिया रोग होने की संभावना कम होती है।
-मां के दूध शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
-मां और बच्चे के मध्य भावनात्मक लगाव बढ़ता है।
-शिशु कुपोषण और सूखा रोग का शिकार नहीं होता।
-मां को स्तन व डिब कैंसर की संभावना कम हो जाती है।
-मां को पुरानी शारीरिक संरचना वापस प्राप्त होती है।