भागो-भागों पुलिस मार डालेगी... पानीपत में हाईवे पर चीखे लोग, पड़ रही थी लाठियों पर लाठियां
स्वजन तीन हत्या आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग करने लघु सचिवालय के सामने जीटी रोड पर प्रदर्शन कर रहे थे। घायल पुलिस से मांग रहे थे रहम की भीख मगर चली जमकर लाठियां।
पानीपत [विजय गाहल्याण] पुलिस के वाटर कैनन की बौछारों के बीच गूंज रहा था, भागो-भागो नहीं तो पुलिस मार डालेगी। किसी का सिर फूटा था तो किसी की टांग टूट गई। कोई पुलिसकर्मियों से न पीटने के लिए गुहार लगा रहा था। पांच मिनट तक ये चीख-पुकार वीरवार को लघु सचिवालय के सामने जीटी रोड पर मची थी। यहां पर ङ्क्षबझौल गांव के मासूम लक्ष्य, अरुण और वंश की कथित हत्या के मामले में उनके स्वजन करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला सहित कई जिलों से आए कश्यप समाज के लोगों के साथ हत्या आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।
लघु सचिवालय के दोनों गेट बंद थे तो उन्होंने जीटी रोड जाम कर दिया। पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर इन्हें पीटा। 50 से ज्यादा महिलाओं और पुरुषों की रोड पर बिखरी चप्पलें बर्बरता की कहानी बयां कर रही थी। पुलिस के डंडों से लक्ष्य की मां शकुंतला, सास रोशनी, अरुण के पिता बिजेंद्र, मां सुनीता और वंश की दादी बुजुर्ग सोना देवी खून से लथपथ हो गईं। सुनीता ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि एसपी महिला होने के नाते बेटे को खोने का गम ज्यादा समझेगी। उन्हें न्याय तो मिला नहीं, पुलिस के डंडे जरूर मिले। ऐसी नाइंसाफी की कतई आस नहीं नहीं थी। हत्या आरोपित सरेआम घूम रहे हैं। अब तो भगवान भरोसे ही कार्रवाई है।
प्रदर्शनकारियों की मंशा और पुलिस कार्रवाई पर सवाल
खुफिया विभाग से लेकर एसपी सिक्योरिटी के नुमाइंदों से पुलिस के आला अधिकारियों को पहले ही अवगत करा दिया था कि कश्यप समाज के सैकड़ों लोग जीटी रोड पर जाम लगा सकते हैं। सवाल ये है कि ऐसा होने के बावजूद जीटी रोड पर 11:05 से 11:55 बजे तक प्रदर्शनकारियों को कैसे जाम लगाने दिया। वहीं थाना शहर प्रभारी योगेश कुमार बता रहे हैं कि प्रदर्शनकारियों के जब्त पांच ट्रैक्टर-ट्राली और एक टैंपों से ट््यूब लाइट, डंडे और पत्थर बरामद किए हैं। अगर ऐसा है तो प्रदर्शनकारियों के विरोध के तरीके की मंशा ठीक नहीं थी।
ये हुए घायल, इनकी गाडिय़ां बनीं निशाना
प्रदर्शनकारियों के कथित पथराव से सीआइए-वन प्रभारी इंस्पेक्टर राजपाल ङ्क्षसह, सीआइए-टू के हवलदार प्रमोद, थाना सदर के हवलदार संदीप सहित दस पुलिसकर्मी घायल हो गए। वहीं प्रदर्शनकारियों में राकेश, शांति, विद्या, इंद्र, उनकी पत्नी नीलम सहित 50 से ज्यादा महिला व पुरुष घायल हो गए। पार्किंग में खड़ी कृष्णलाल, नितिन, जोङ्क्षगद्र, संदीप, सुभाष, अशोक और कप्तान ङ्क्षसह की गाडिय़ों के शीशे तोड़ दिए गए।
बिना कुछ पूछे ही शुरू कर दिया पीटना
घायल मध्यप्रदेश के जिला रीवा के मकरवट गांव के सतीश तिवारी ने मीडिया को बताया कि वह ङ्क्षबझौल मोड़ पर किराये के मकान में रहता है और फैक्ट्री में काम करता है। वह सुबह ही गांव से लौटा और बस स्टैंड के पास बस से उतरा था। आरोप है कि पुलिस ने उसे बिना वजह के डंडों से पीटा और हाथ तोड़ दिया। इससे पहले सतीश घायल प्रदर्शनकारियों का सामान्य अस्पताल में इलाज करा था। उसे पुलिस दिखी तो व्हील चेयर पर बैठा और पट्टी कराने इमरजेंसी वार्ड में पहुंच गया।
जीटी रोड से लेकर शहर तक जाम
बारिश के बीच प्रदर्शनकारी जीटी से टस से मस नहीं हो रहे थे। मौके पर डीएसपी ओमप्रकाश, संदीप कुमार, पूजा डाबला, सभी थानों और सीआइए वन, टू और थ्री और पुलिस लाइन से बुलाया गया भारी पुलिस बल तैनात रहा। स्काई लार्क से लेकर गांजबड़ तक करीब दस किलोमीटर और सिवाह तक दोनों लेन पर जाम लग गया। इसी तरह से स्काई लार्क रोड, तहसील कैंप, सुखदेव नगर, इंसार बाजार, रेलवे रोड, बसरत रोड, असंध रोड, गोहाना मोड़ और सेक्टर 11-12 पर जाम लगा रहा। वाहन चालक परेशान रहे।
14 प्रदर्शनकारी गिरफ्तारी, आशा वर्कर सहित 39 पर केस दर्ज
पुलिस ने 14 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किए। आशा वर्कर सहित 39 को नामजद किया। इसके अलावा पांच सौ से अधिक अन्य के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार ङ्क्षबझौल गांव के सतवीर, रामकिशन, सीताराम, पवन, सुमित, रमेश, अशोक, ओमप्रकाश, पालेराम, दरियाव ङ्क्षसह, आसन कलां के राजपाल, अर्जुन नगर के राजशेखर और घरौंडा के राजकुमार को गिरफ्तार किया। उक्त आरोपितों के अलावा शहरमालपुर गांव के पूर्व सरपंच सतेंद्र ङ्क्षसह, विकास नगर के सुभाष, ङ्क्षबझौल के एडवोकेट नीरज, नरेंद्र, जसमेर, सतबीर ङ्क्षसह, नरेश, इंद्र, अजय, ङ्क्षबटा, रामकिशन फौजी की पुत्रवधू, पृथ्वी, पथ्वी का बेटा,पप्पा, नीटू, राजेश,ङ्क्षरकू, पाले की पत्नी,जगबीर की बेटी रेखा, संजय की पत्नी और आशा वर्कर सुनीता, काबड़ी रोड के हरीश ज्ञानी और आसन गांव के सज्जन ङ्क्षसह के खिलाफ नेशनल हाईवे पर जाम लगाने, सरकारी काम में बांधा पहुंचाने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित आठ धाराओं के तहत थाना शहर पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
ब्लीच हाउस मालिक सहित तीन का लाई डिटेक्शन टेस्ट होगा
तीन बच्चों की मौत के मामले की एसआइटी (स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम) जांच कर रही है। एसपी ने बच्चों की बिसरा जांच रिपोर्ट देने के लिए मधुबन एफएसएल के निदेशक को पत्र लिखा था। इसके लिए दोबारा से पत्र लिखा जाएगा। फिलहाल जांच जांच बिसरा रिपोर्ट पर भी अटकी है। पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शी किसान सुरेश उर्फ सपेला के मजिस्ट्रेट के सामने बयान कराए हैं। सुरेश ने बताया कि उसने बच्चों को भागते देखा था। उनके पीछे अन्य व्यक्ति भागते नहीं देखा। वहीं बच्चे कह रहे थे कि आरोपित बच्चों की पिटाई कर रहे थे। दोनों के ही बयानों में विरोधाभास है। शुक्रवार को पुलिस कोर्ट में अर्जी डालकर ब्लीच हाउस मालिक हरिओम गुप्ता, उसके मुनीम पवन बंसल और जमीन के मालिक ङ्क्षबझौल के अश्वनी उर्फ आशु के लाई डिटेक्शन टेस्ट की अनुमति मांगेगी।