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डिप्टी और सीनियर डिप्टी मेयर के चुनाव की सुगबुगाहट, पार्षदों की धड़कनें तेज

डिप्टी व सीनियर डिप्टी मेयर के चुनाव की सुगबुगाहट से निगम सदन की राजनीति में उबाल आने लगा है। पार्षदों की धड़कने तेज हो गई है। इन दोनों पदों को पाने के लिए अपनी गोटी फिट करने के जुगाड़ में लग गए हैं। विपक्ष के न होने का फायदा इस चुनाव में सत्ताधारी दल को जरूर मिलेगा। लेकिन जातिगत समीकरणों में सर्वसम्मति बनाना आसान नहीं होगा। 17-1

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 08:36 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 08:36 AM (IST)
डिप्टी और सीनियर डिप्टी मेयर के चुनाव की सुगबुगाहट, पार्षदों की धड़कनें तेज
डिप्टी और सीनियर डिप्टी मेयर के चुनाव की सुगबुगाहट, पार्षदों की धड़कनें तेज

जागरण संवाददाता, पानीपत : डिप्टी और सीनियर डिप्टी मेयर के चुनाव की सुगबुगाहट से निगम सदन की सियासत में उबाल आना शुरू हो गया है। जातिगत समीकरण के कारण सर्वसम्मति बनाना आसान नहीं होगा। 17-18 माह से चुनाव की बाट जोह रहे दावेदार अब पार्टी नेताओं की शरण में पहुंच रहे हैं।

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नगर निगम में मेयर की अनुपस्थिति में सीनियर डिप्टी मेयर उसका कार्यभार देखता है। सीनियर डिप्टी की अनुपस्थिति में डिप्टी मेयर को यह अधिकार मिल जाता है। 16 दिसंबर 2018 को मेयर और पार्षदों के चुनाव संपन्न हुए। 11 दिन बाद 27 दिसंबर को नोटिफिकेशन जारी कर 60 दिन के भीतर सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। लोकसभा व विधानसभा चुनाव में पार्षदों को एकजुट रख कर वोटों का फायदा लेने के लिए इसे बार-बार टाला गया। मार्च 2020 से पहले दो बार बैठक जरूर बुलाई गई लेकिन किसी न किसी कारण से इन दोनों पदों पर सर्वसम्मति नहीं बनी। चुनाव टलता गया। कोरोना संकट में चार महीने से सब कुछ ठंडा पड़ा है। शहरी निकाय विभाग से 29 जुलाई को पांच निगम आयुक्तों को पत्र जारी होने के बाद अब फिर से सुगबुगाहट शुरू हो गई है। पानीपत नगर निगम में 26 पार्षद हैं। सभी सत्ताधारी भाजपा दल के हैं। जातिगत समीकरणों में उलझेगी दावेदारी

निर्वाचित पार्षदों पांच छह वरिष्ठ पार्टी कार्यकर्ता इन दोनों पदों के लिए दावेदार बताए जा रहे हैं। जातिगत समीकरणों की कसौटी पर भी उन्हें फिट बैठना होगा। मेयर अवनीत कौर महिला व पिछड़ा वर्ग से आती हैं। इस वर्ग से दूसरी दावेदारी की संभावना मुश्किल है। दो पदों में से एक पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता को दिया जा सकता है। संघ की पृष्ठभूमि का वेटेज भी उसे मिलेगा। जहां तक जातिगत समीकरणों की बात है तो एससी कोटे में एक पद जा सकता है। शहर के विकास में अहम रोल निभाने वाले वैश्य समाज के पार्षद भी दावेदारी में इस बार पीछे नहीं रहेंगे। एक से ज्यादा प्रत्याशी होने पर बैलेट से चुनाव

म्यूनिसिपल कारपोरेशन एक्ट 1994 के नियम 72 की उपधारा (1) के अंतर्गत सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर पद के लिए एक-एक प्रत्याशी होने पर चुनाव सर्वसम्मति से संपन्न होता है। प्रत्याशियों की संख्या एक से अधिक होने पर बैलेट पेपर से चुनाव करवाना पड़ता है। नियम 73 के अनुसार चुनाव के दौरान दो प्रत्याशियों के वोट बराबर हैं तो एक वोट जोड़ने के लिए उनका ड्रा निकाला जाता है। इन दोनों पदों पर पांच वर्ष के लिए नियुक्ति की जाती है। कार्यकाल कम होने की स्थिति में उतने ही समय तक पद पर बने रहेंगे। निगम सदन का कार्यकाल वर्ष 2018-23 तक है।


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