तीन मासूम बच्चों की चली गई जान, पहेली बनकर रह गई मौत, हत्या या हादसा
पानीपत में ब्लीच हाउस में डोर लेने गए तीन बच्चों की हत्या कर शव रजवाहे में फेंके गए। स्वजनों के आरोप पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। आरोप है आठ लोगों ने तीनों बच्चों को मारा गया।
पानीपत, जेएनएन। पतंग की डोर की चाह में तीन मासूमों की जान चली गई। उन्हें नहीं मालूम था, जिस डोर के पीछे वे ब्लीच हाउस में जा रहे हैं, वहां से उन्हें मौत खींच ले जाएगी। तीनों के शव इसराना रजवाहे में इनके ही स्वजनों ने बरामद किए। आरोप लगाया कि ब्लीच हाउस मालिक, मुनीम, जमीन मालिक व उसकी मां और अन्य आठ लोगों ने तीनों बच्चों को पीटा। केमिकल युक्त टैंक में डुबोकर मार डाला। हत्या को हादसा दिखाने के लिए तीनों के शवों को पास के रजवाहे में फेंक दिया।
हत्यारोपितों की गिरफ्तारी और केस दर्ज कराने के लिए स्वजनों ने बिंझौल के पास ही रोहतक-पानीपत हाइवे पर तीनों बच्चों के शवों को रखकर 15 मिनट तक जाम लगा दिया। डीएसपी संदीप सिंह ने आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई का अश्वासन दिया। इसके बाद ही जाम खुला। शाम को आरोपितों पर धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया। वहीं डॉक्टरों के अनुसार बच्चों के शरीर पर चोट के निशान नहीं थे। उनकी मौत पानी में डुबने से हुई है।
बिंझौल गांव के जयकुमार का छठी कक्षा में पढऩे वाला 10 वर्षीय बेटा लक्ष्य, बिजेंद्र का पांचवीं कक्षा में पढऩे वाला 12 वर्षीय बेटा अरुण और अशोक कुमार का दूसरी कक्षा में पढऩे वाला बेटा 10 वर्षीय वंश, अपने दोस्त सागर (12), सचिन (8) और सावन (8) के साथ मंगलवार शाम चार बजे हरिओम गुप्ता के ब्लीच हाउस में पतंग के लिए धागा लेने गए थे।
स्वजनों ने बताया कि हरिओम गुप्ता, उसके मुनीम पवन बंसल, जमीन के मालिक बिंझौल के अश्वनी उर्फ आशु, आशु की मां और अन्य आठ श्रमिकों ने लक्ष्य, अरुण और वंश को पकड़कर पीटा। तीनों को केमिकल के टैंक में डुबोकर मार डाला। इसके बाद शवों को खुर्द-बुर्द करने के लिए पास की रजवाहे में फेंक दिया। सचिन, सागर और सावन ने खेतों की तरफ भागकर जान बचाई। सागर ने शाम 6:30 बजे लक्ष्य की मां शकुंतला को घटना की जानकारी दी।
स्वजन बच्चों को ढूंढते हुए ब्लीच हाउस पर भी पहुंचे। आरोपितों ने कहा कि उन्होंने बच्चों को पीटा है। आशु की मां से कहा कि रजवाहे में जाकर ढूंढ लो। स्वजन आठ मरला चौकी में गए। आरोप है कि वहां पर एसआइ ने उन्हें ही धमकाया। इसके बाद वे बिंझौल झाल पर सिंचाई विभाग के कार्यालय में गए। एक्सईएन से कहकर रात करीब एक बजे रजवाहे के पानी का बहाव कम कराया। सुबह करीब चार बजे ब्लीच हाउस के पास रजवाहे में वंश का कंबल में लिपटा शव मिला। इससे करीब 100 मीटर दूर अरुण और 200 मीटर दूर लक्ष्य का शव मिला।
सामान्य अस्पताल में डा. नारायण डबास और डॉ. संजीव गोयल के बोर्ड ने शवों को पोस्टमार्टम किया। स्वजन अड़ गए कि हत्या का मामला दर्ज करके आरोपितों को गिरफ्तार किया जाए। आठ घंटे तक हंगामा रहा। मौके पर डीएसपी संदीप सिंह सिंह, डीएसपी पूजा डाबला और तहसीलदार कुलदीप सिंह भारी पुलिस बल सहित मौके पर पहुंचे। स्वजन मॉडल टाउन थाने में पहुंचे और आरोपितों को हिरासत में देखा। तभी वे शवों को साथ ले गए। पुलिस की निगरानी में तीनों बच्चों को शवों की बिंझौल गांव में अंत्येष्टि की गई।
सवाल ये भी उठ रहे...कहीं जान बचाने के लिए तो नहीं कूदे बच्चे
1- शवों पर मारपीट के निशान नहीं मिले हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि ब्लीच हाउस के लोग इनके पीछे हों। इन्होंने जान बचाने के लिए रजवाहे में छलांग दी और वहीं डूब गए।
2- रजवाहे में छह फीट पानी है। ये भी हो सकता है कि आरोपितों ने इन्हें पकड़कर पानी में फेंक दिया। ये सोचा हो कि यहां से निकलकर भाग जाएंगे। पर तीनों डूब ही गए।
3- केवल पतंग की डोर के लिए तीन बच्चों की हत्या क्यों की गई। कहीं कोई रंजिश तो नहीं।
वंश, अरुण और लक्ष्य की हत्या के आरोपित में हरिओम गुप्ता, पवन बंसल, अश्वनी, अश्वनी की मां व अन्य आठ लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। पहले गुमशुदगी व मारपीट का मामला दर्ज था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।
संदीप सिंह, डीएसपी