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इस फल में छिपा सेहत का राज, इम्युनिटी सिस्टम बढ़ाने में कारगर

कोरोना संक्रमण से बचाव का राज सेहत में ही छिपा है। अगर आपका खान पान सही है तो संक्रमण के काफी कम चांस रहते हैं। ऐसे में मौसमी फल भी आपकी इम्‍यूनिटी पॉवर बढ़ाने में कारगर है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 09:34 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 09:34 AM (IST)
इस फल में छिपा सेहत का राज, इम्युनिटी सिस्टम बढ़ाने में कारगर
इस फल में छिपा सेहत का राज, इम्युनिटी सिस्टम बढ़ाने में कारगर

पानीपत, [महावीर गोयल]। कोविड-19 से संक्रमित मरीजों को मौसमी का फल लेने की सलाह दी जा रही है। चिकित्सकों ने सलाह दी है कि आम लोग भी मौसमी के फल से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं। कोरोना संकट के बीच जैसे ही मार्केट खुलने की छूट मिली, तभी से इस फल की मांग भी बढऩे लगी। कुछ दिन में ही भाव में 20 से 30 रुपये प्रति किलो तक की तेजी दर्ज की गई है। इस फल में शुगर अपेक्षाकृत कम होती है, विटामीन सी की भरपूर मात्रा होती है। मलेरिया बुखार के रोगियों को भी मौसमी के सेवन की सलाह दी जाती रही है। पानीपत में लॉकडाउन से पहले 18 से 20 टन की रोजाना मौसमी खपत चल रही थी। लॉकडाउन लगने पर आवक बंद हुई तो खपत काफी कम हो गई। जूस की दुकानें बंद होने से भी बीच में मौसमी की मांग कमजोर पड़ गई। अब मौसमी की मांग फिर से बढऩे लगी है। जूस की दुकानों खुलने लगी हैं। घरों में इम्युनिटी सिस्टम बढ़ाने के लिए लोग मौसमी काट कर अथवा जूस निकालकर सेवन कर रहे हैं। 40-50 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रही मौसमी पिछले दो तीन दिनों में 60-70 रुपये किलो रिटेल में बिक रही है। थोक भाव 30 रुपये किलो ग्राम हो गए हैं, जो पहले 18-20 रुपये थे। 

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मार्च से अक्टूबर तक सीजन 

फ्रूट आढ़तियों ने बताया कि मौसमी का सीजन मार्च से अक्टूबर तक चलता है। अप्रैल से सीजन पीक पर होता है। पानीपत में 90 प्रतिशत मौसमी की आवक दिल्ली से हो रही है। अब मौसमी की मांग निकली है। रोजाना 8-10 टन मौसमी की पानीपत में खपत होना शुरू हो गई। जिस कारण भाव बढ़े हैं। मंडी में स्टॉक की मौसमी अधिक आ रही है। 400-500 कट्टे रोजाना मौसमी की खपत हो रही है। 

आढ़ती सुरेश धमीजा ने बताया कि फ्रूट पर लॉकडाउन का असर है। फ्रूट ग्राहकों को कम दाम पर नहीं मिल रहे। दूसरी तरफ फ्रूट सड़ रहा है। आवक कम हो रही है, आढ़ती हिमाचल में भी फ्रूट लेने नहीं जा पा रहे। हिमाचल में लाकर आढ़ती ही फलों की सेल कर सकता है। हिमाचल में अन्य प्रदेश के आढ़तियों पर मंडियों में जाने पर प्रतिबंध लगा है। पैसे वहां के आढ़ती के खाते में आरटीजीएस करवा देते हैं माल आ जाता है। 

मौसमी की खपत 

लॉकडाउन से पहले 

30 टन प्रति दिन 

लॉकडाउन के बाद 

4-5 टन प्रति दिन 

अब डिमांड 

8-10 टन प्रतिदिन 

भाव

थोक भाव 

18-20 से बढ़कर 30 रुपये किलो ग्राम 

रिटेल भाव 40 से बढ़कर 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम 

ये हैं फायदे

मौसमी में भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है। 

ये बॉडी को डिटॉक्सीफाई करता है। इसे पीने से शरीर से टॉक्सिस बाहर निकल जाते हैं। 

ये इम्युनिटी को बढ़ाता है। इसमें काफी सारे एंटी ऑक्सीडेंट्स  होते हैं। 

ये कॉमन कोल्ड यानी सर्दी, खांसी से बचाता है। 

इसमें फाइबर होता है, जिससे पाचन दुरुस्त होता है। कब्ज की समस्या दूर होती है। 

एथलीट््स को ये जूस पीने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे जोड़ों में होने वाला दर्द कम होता है। 

जूस आंखों के लिए काफी अच्छा है, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल कारणों से ये आपकी आंखों को इन्फेक्शन से बचाता है। 

शरीर में ऊर्जा बनी रहती है, कमजोरी दूर होती है। 


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