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Haryana के 1100 गांवों में बनेगी कोविड वाटिका, 50 Panipat में, जगह चिन्हित

पानीपत के पचास गांवों में कोविड वाटिका बनेगी। इसमें 24 तरह के औषधीय पौधे रोपे जाएंगे। इन वाटिका के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने गांव चिन्हित किए।

By Edited By: Published: Wed, 27 May 2020 07:11 AM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 03:11 PM (IST)
Haryana के 1100 गांवों में बनेगी कोविड वाटिका, 50 Panipat में, जगह चिन्हित
Haryana के 1100 गांवों में बनेगी कोविड वाटिका, 50 Panipat में, जगह चिन्हित

पानीपत, [राज सिंह]। कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी को देखते हुए प्रदेश के 1100 गांवों में कोविड वाटिका बनाई जाएगी। वन विभाग, पानीपत के अधिकारियों ने जिले के 50 गांवों को चिन्हित कर लिया है। इन वाटिकाओं में 24 प्रकार के औषधीय पौधे रोपे जाएंगे। इनकी छाल, फल-बीजों से तैयार किया गया काढ़ा मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को बढ़ाने में मदद करेगा।  

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जिला वन अधिकारी रणवीर सिंह ने बताया कि नर्सरियों में पौधे तैयार कर रहे लिए गए हैं। मानसून से पहले इन्हें रोपा जाएगा। मानसून जैसे ही दस्तक देगा ग्रामीणों को ये पौधे दिए जाएंगे। बरसात के मौसम में पौधों को पनपने में आसानी होगी। उम्मीद है कि एक साल के भीतर सभी गांवों में कोविड वाटिका तैयार हो जाएंगी। हर ब्लॉक में पहले एक वाटिका बनाकर ग्रामीणों को दिखायी जाएगी। इसके बाद ग्रामीण भी आंगन या खेत में ऐसी वाटिका बना सकते हैं। वाटिका में फलदार पौधे भी रोपे जाएंगे। वन विभाग के कर्मचारी गांव-गांव प्रचार भी करेंगे।

निशुुुुल्‍क दिए जाएंगे पौधे 

वन अधिकारी के मुताबिक कोविड वाटिका तैयार करने वाले ग्रामीणों को पौधे निशुुुुल्‍क प्रदान किए जाएंगे। सामाजिक संगठनों का सहयोग भी लिया जाएगा। वाटिका की देखभाल भी सुनिश्चित की जाएगी। अगले साल तक वाटिकाओं के लाभ दिखने लगेंगे। 

इसलिए जरूरी वाटिका 

कोरोना वायरस शारीरिक रूप से कमजोर और बीमार लोगों पर जल्दी अटैक करता है। एलोपैथिक और आयुष विभाग के डाक्टर भी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा सेवन की सलाह देते हैं। गांवों में औषधीय पौधों वाली कोविड वाटिकाएं डेवलप हो जाएंगी तो काढ़ा मिलना आसान हो जाएगा।

ये रोपे जाएंगे औषधीय पौधे

गिलोय, शहतूत, कपूर, एलोविरा, बेरी, सताविया, कढ़ी पत्ता, नींबू, मुलहठी, मोरिंगा , अशोका, नीम, अर्जुन, आंवला, बहेड़ा, हारश्रंगार, इमली, बेल, अकरकारा, जामुन, निरगुंदी, ढाक, पत्थरचट आदि। इनके अलावा फलदार पौधे भी रोपे जाएंगे। 

इन गांवों में बनेगी वाटिका 

आसन, बिजावा, बिंझौल, बुआना लाखू, डाहर, धर्मगढ़, इसराना, जाटल, कचरौली, खुखराना, कुराना, मतलौडा, मेहराणा, नैन, नौल्था, पूठर, राजपुर, सिवाह, शेरा, सिठाना, सौंधापुर, ऊंटला, उरलाना, आट्टा, बबैल, बापौली, बसेड़ा, बिलासपुर, चुलकाना, डाडोला, दिवाना, गढ़ी बेसिक, गढ़ी छाजू, गोयला कलां, हथवाला, झट्टीपुर, महावटी, मनाना, मतरौली, निंबरी,  ननहेड़ा, मिर्जापुर, नवादा आर, राणा माजरा, रिशपुर, संजौली, ताहरपुर और तामशाबाद। 


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