विदेशी लोकनृत्य से सराबोर हुई धर्मनगरी, दक्षिण एशियाई महोत्सव का शानदार आगाज
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 13वें दक्षिण एशियाई महोत्सव की शुरुआत हो चुकी है। सांसद नायब सिंह सैनी ने महोत्सव का उद्घाटन किया।
पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 13वें दक्षिण एशियाई महोत्सव का आगाज हो गया है। विदेशी कलाकार अपने अपने देश के लोकनृत्य की प्रस्तुति दे रहे हैं। महोत्सव में पांच देशों व भारत के 28 विश्वविद्यालयों के 600 के लगभग कलाकार अपनी लोक संस्कृति का जादू बिखेरेंगे। महोत्सव के उद्घाटन कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी व राज्यसभा सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल डीपी वत्स बऔर कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा ने किया।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के आडिटोरियम हॉल के मंच पर दक्षिण एशियाई कला, संस्कृति और वेशभूषा की झलक देखने को मिल रही है। कुवि में पहली बार आयोजित होने वाले इस 13वें दक्षिण एशियाई महोत्सव में पांच देशों व भारत के 28 विश्वविद्यालयों के 600 के लगभग कलाकार अपनी लोक संस्कृति का जादू बिखेर रहे हैं। एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी के तत्तवावधान में आयोजित इस महोत्सव के लिए नौ देशों व 29 विश्वविद्यालयों को निमंत्रण दिया गया था, इनमें से पांच देश व 28 विवि के विद्यार्थी हिस्सा ले रहे हैं। इस मौके पर फ्लावर फेस्ट का भी आयोजन किया जा रहा।
तक्षशिला और नालन्दा का इतिहास फिर से लौट कर आएगा : डीपी वत्स
मुख्यातिथि राज्यसभा सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीपी वत्स ने कहा है कि फाउ फेस्ट में अपने आप में अलग है। इससे तक्षशिला और नालन्दा का इतिहास फिर से लौट कर आएगा। भारत समेत नेपाल, भूटान बांग्लादेश, अफगानिस्तान की गौरवता को साउ फेस्ट दोहराएगा। इससे पूर्व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में सोमवार को विभिन्न देशों व राज्यों की संस्कृृति व वेशभूषा के परिचय व विविधताओं से भरी सांस्कृृतिक शोभायात्रा निकाली। कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा ने विश्वविद्यालय के खेल प्रांगण से झंडा दिखाकर सांस्कृृतिक शोभायात्रा का उद्घाटन किया। यह विश्वविद्यालय के विभिन्न मार्गों से होते हुए विश्वविद्यालय के मंच से अपनी कला एवं संस्कृृति से खुद का परिचय देते हुए ऑडिटोरियम हॉल में संपन्न हुई। इससे पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्वलित किया।
देशों के कलाकारों ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय परिसर में शोभा यात्रा भी निकाली।
सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को 13वें दक्षिण एशियाई सांस्कृृतिक महोत्सव की मेजबानी का मौका मिलना अपने आप में खास है। कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि दक्षिण एशियाई युवा महोत्सव में दक्षिण एशियाई कला एवं संस्कृृति को हम एक मंच पर देखते हैं। इससे सांस्कृृतिक गतिविधियों का आदान-प्रदान होगा। जिससे लोक संस्कृृति को सहेजने व संरक्षण करने में सहायता मिलेगी। वल्र्ड आर्गेनाईजेशन फॉर यूथ एंड कल्चर के अध्यक्ष नीतिन शर्मा ने कहा कि युवाओं को विश्व को देखने का नजरिया बदलने की जरूरत है। इसे बदलकर ही दुनिया में बदलाव लाया जा सकता है।
बांग्लादेश की वनस्पति विद्यापीठ और भूटान की टीम ने अतिथियों का स्वागत किया। इसके बाद नेपाल की टीम पहुंची
महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए पहुंची भूटान की टीम में शामिल कलाकारों ने बताया कि वह महोत्सव में अपने देश के प्राचीन लोकनृत्य मास्क ग्रुप डांस पर प्रस्तुति देंगे। चेहरे पर मास्क लगाकर प्रस्तुत किए जाने वाले इस लोक नृत्य में शांति और आपसी भाइचारे का संदेश दिया जाएगा। आंध्रप्रदेश से पहुंची टीम में शामिल कलाकारों ने कहा कि वह लंबाड़ी लोक नृत्य और भजन पर प्रस्तुति देंगे। लंबाड़ी लोकनृत्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के सादे जीवन को समर्पित होता है।
अपने देश की लोक कला पर देंगी प्रस्तुति
भूटान से महोत्सव में हिस्सा लेने पहुंची शेरूबतसे कॉलेज की छात्रा केंचो लहाम, टाक्टसे कॉलेज से चेकी पेलडन और समसते कॉलेज ऑफ एजुकेशन से टशेरिंग लहामो ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि वह मंच पर अपने देश की प्राचीन लोककला पर प्रस्तुति देंगे। इस प्रस्तुति में भूटान की प्राचीन संस्कृति की झलक दिखेगी। इसके माध्यम से वह पूरे विश्व में शांति, नई ऊर्जा और भाईचारे का संदेश देंगी। उन्होंने कहा कि वह कुरुक्षेत्र को देखने के लिए काफी उत्सुक हैं। यहां के धार्मिक महत्व के बारे में उन्होंने कई बार सुना है।
कुरुक्षेत्र के तीर्थ स्थल देखने और उनके बारे में जानने की उत्सुकता
आंध्र प्रदेश से टीम लेकर पहुंची कल्चरल को-आर्डिनेटर डॉ. हिमा बिंदू ने कहा कि उन्होंने कुरुक्षेत्र के बारे बहुत कुछ सुना है, वह यहां के तीर्थ स्थलों के बारे में जानने की इच्छुक हैं। कुरुक्षेत्र की धरा पर ही श्रीकृष्ण भगवान ने गीता का संदेश दिया था। उनके साथ 12 छात्राओं की टीम पहुंची है। वह लंबाड़ी लोक नृत्य पर प्रस्तुति देंगी।
विदेशी कलाकारों में दिखा कोरोना का डर
कोरोना वायरस को लेकर विश्व भर में चल रही चौकसी का असर कलाकारों पर भी दिखा। भूटान से आए कलाकारों का दल इस वायरस को लेकर इतना चौकस दिखा कि युवाओं की पूरी टीम ने चेहरे पर मास्क लगाए रखा। दोपहर के भोजन के लिए पहुंचने पर भी इस टीम ने एन मौके पर मास्क उतारा। हालांकि महिला टीम ने थोड़ी देर बाद अपने मास्क उतार दिए। मास्क के बारे में पू्छे जाने पर उन्होंने कहा कि हवाई जहाज से यात्रा के दौरान मास्क की हिदायत को देखते हुए और चौकसी के तौर पर उन्होंने मास्क लगा रखे हैं।
खेल मैदान से शुरू हुई सांस्कृतिक यात्रा
सभी टीमें सुबह विवि के खेल प्रांगण में पहुंचीं। कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा दक्षिण एशियाई संस्कृृ ति की प्रतीक सांस्कृतिक यात्रा को हरी झंडी दिखाई। यह यात्रा विवि परिसर में पैदल चलते हुए ऑडिटोरियम हॉल पर संपन्न हुई। इस सांस्कृ तिक यात्रा में सभी देशों प्रतिनिधि अपने-अपने देश का प्रतिनिधित्व किया। सांस्कृतिक महोत्सव में नौ प्रतियोगिताओं में प्रस्तुतियां होंगी। इनमें टीमें फाक आकेस्ट्रा, क्लासिकल डांस, फाक कास्ट्यूम, माईम, फाक ट्राईबल डांस, क्ले माडलिंग, डीबेट, पोस्टर मेकिंग सहित विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे। इस उत्सव का उद्देश्य इस क्षेत्र के युवाओं को एक दूसरे से जोडऩा है ताकि वे एक दूसरे को समझे और इस पूरे क्षेत्र में शांति व समृद्धि फैले।