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दो साल में शिक्षकों की कमी होगी दूर, नहीं रहेगा कोई कंडम भवन : शिक्षा मंत्री

दो वर्ष में प्रदेश के किसी भी सरकारी स्कूल में टीचरों की कमी नहीं रहेगी। जिन सरकारी स्कूलों की बिल्डिग में अगर कोई कमी हैं तो उसे दुरुस्त किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 06:40 AM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 06:40 AM (IST)
दो साल में शिक्षकों की कमी होगी दूर, नहीं रहेगा कोई कंडम भवन : शिक्षा मंत्री
दो साल में शिक्षकों की कमी होगी दूर, नहीं रहेगा कोई कंडम भवन : शिक्षा मंत्री

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : दो वर्ष में प्रदेश के किसी भी सरकारी स्कूल में टीचरों की कमी नहीं रहेगी। जिन सरकारी स्कूलों की बिल्डिग में अगर कोई कमी हैं, तो उसे दुरुस्त किया जाएगा। बच्चों को पढ़ाई के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध हो, इसके लिए 207 करोड़ का टेंडर भी किया गया है। अगले चार माह में प्रदेश में स्थित जिन स्कूलों में चहारदीवारी, शौचालय, रंग-रोगन की जरूरत हैं व यदि कहीं पर स्कूल जाने का रास्ता कच्चा है, उसे पक्का करने का निर्णय लिया गया है। उक्त बातें शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने पत्रकार सम्मेलन में कहीं। शनिवार को विधायक असीम गोयल के निवास स्थान पर शिक्षा मंत्री पत्रकारों से रू-ब-रू हुए। गुर्जर बोले, दिल्ली से बेहतर हरियाणा के स्कूल है। दिल्ली सरकार के अधीन मात्र 119 स्कूल है, जबकि बाकी एमसीडी के अंतर्गत है। प्रदेश में 14 हजार से ज्यादा स्कूल हैं तथा इन स्कूलों की बिल्डिग भी बेहतर है। रिजल्ट की बात करें तो 10वीं और 12वीं में हरियाणा बोर्ड का रिजल्ट प्राइवेटों स्कूलों से कही बेहतर है। समय के अनुरूप सुधार की आवश्यकता होती है इसी के तहत स्कूलों में सुधार करने का कार्य किया जा रहा है।

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ग्रामीणों बच्चों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं

गांवों में साइंस के विषय में बच्चों की रुचि को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि क्लस्टर स्तर पर यानी चार या पांच किलोमीटर परिधि के बीच एक स्कूल में जहां पर सभी विषयों के टीचर व पूरे बच्चों हो ऐसा कार्य किया जाएगा, ताकि ग्रामीणों बच्चों को सुविधा मिल सके और वह आगे बढ़ने में सफल हो सके। जिला स्तर पर स्थापित मॉडल संस्कृति स्कूल की तर्ज पर ब्लाक स्तर (119) पर यह स्कूल खोले जाएंगे। बजट सत्र में शिक्षा के लिए अधिक से अधिक फंड सरकार से मिलेगा, ऐसी उन्हें आशा है। स्मार्ट वर्चुअल क्लास रूम बनाने पर विचार किया जा रहा है, इसकी शुरुआत 12वीं कक्षा से होगी, बाद में इसे 10वीं से शुरू किया जाएगा। 134ए के विषय पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने बताया कि इसके तहत सात सौ रुपये संबंधित स्कूल को प्रति बच्चे दिए जाते हैं। प्राइवेट स्कूल के कुछ प्रतिनिधियों ने यह राशि उन्हें नहीं मिली है, इस बारे उन्हें बताया है, जल्द ही यह राशि जारी कर दी जाएगी। विधायक असीम गोयल ने शिक्षा मंत्री का शहर विधानसभा क्षेत्र की और से उनका यहां पहुंचने पर स्वागत किया।


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