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क्यूसीआइ सर्वे में पानीपत रेलवे स्टेशन को मिला 377वां रैंक, सुविधाओं को तरसे यात्री

मॉडल रेलवे स्टेशन और दिल्ली एनसीआर में होने के बावजूद भी पानीपत स्टेशन को क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआइ) की तरफ से अगस्त 2019 में किए गए सर्वे में 377वां रैंक मिला है। पिछले साल के मुकाबले ये आंकड़ा 115 पायदान नीचे खिसक गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 07:50 AM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 07:50 AM (IST)
क्यूसीआइ सर्वे में पानीपत रेलवे स्टेशन को मिला 377वां रैंक, सुविधाओं को तरसे यात्री
क्यूसीआइ सर्वे में पानीपत रेलवे स्टेशन को मिला 377वां रैंक, सुविधाओं को तरसे यात्री

जागरण संवाददाता, पानीपत : मॉडल रेलवे स्टेशन और दिल्ली एनसीआर में होने के बावजूद भी पानीपत स्टेशन को क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआइ) की तरफ से अगस्त 2019 में किए गए सर्वे में 377वां रैंक मिला है। पिछले साल के मुकाबले ये आंकड़ा 115 पायदान नीचे खिसक गया। 2018 में पानीपत रेलवे स्टेशन को 262वां रैंक मिला था। जबकि इसी सर्वे में करनाल को 186, रोहतक को 361, और सोनीपत को 553वां रैंक मिला है।

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सर्वे रिपोर्ट खराब आने के बाद भी स्थानीय रेलकर्मी स्टेशन की स्वच्छता और मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। लगभग एक माह पहले खत्म हुए सफाई के ठेके के बाद से ही रेलवे स्टेशन पर गंदगी का आलम है। जगह-जगह गंदगी पसरी हुई है। प्लेटफार्म नंबर एक पर बने कई शौचालयों में दिनभर नलों से पानी बहता रहता है। स्टेशन के मेन गेट पर लगा ट्रेन शेड्यूल डिस्प्ले बोर्ड खराब और घड़ियां बंद पड़ी हैं। ट्रायल के दौरान शुरू किए गए कोच इंडिकेशन सिस्टम चल तो रहे हैं लेकिन ट्रेनों की कोच संख्या नहीं दिखती है। विभिन्न प्लेटफॉर्मों में लगी एलईडी स्क्रीन में भी केवल विज्ञापन ही दिखाए जाते हैं। यात्रियों को इससे काफी असुविधा हो रही है। 17 अगस्त 2019 को मधुस्मिता पात्रा के स्टेशन निरीक्षण का कोई असर रेलकर्मियों पर नहीं पड़ा।

सर्वे में इन प्वाइंटों पर रही टीम की नजर

रेलवे मंत्रालय ने क्यूसीआइ को तीसरी बार पानीपत रेलवे स्टेशन सहित दिल्ली डिविजन के 33 क्लास वन और वन ए स्टेशनों का सर्वे करने का जिम्मा सौंपा था। क्यूसीआइ की टीम ने पानीपत रेलवे स्टेशन पर शौचालयों की स्थिति, पेयजल प्वाइंटों की सफाई, प्लेटफॉर्म, टिकट काउंटर हॉल व वेटिग हॉल की जांच की। टीम में शामिल कर्मचारियों ने यात्रियों से फीडबैक भी लिया ताकि जांच रिपोर्ट को बेहतर तरीके से अधिकारियों तक पहुंचा सके। इस वजह से दौड़ में पिछड़े

रेलकर्मियों ने बताया कि पानीपत रेलवे स्टेशन पर वॉटर हार्वेस्टिग सिस्टम और सोलर सिस्टम नहीं होने के कारण खराब रैंकिग आई। पार्किंग स्पेश होने के बावजूद भी गलत तरीके से मेन गेट के सामने खड़े वाहन और बंद मिले डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर ने नंबर कम कर दिए। स्वच्छता अभियान को कर्मचारी ही लगा रहे पलीता

फोटो नं - 8

मॉडल स्टेशन होने के बावजूद भी पानीपत रेलवे स्टेशन पर इस तरह गंदगी का आलम होना वाकई खराब बात है। सरकार गांव-गांव जाकर स्वच्छता अभियान चला रही है। इधर स्थानीय अधिकारी ही अभियान को पलीता लगा रहे हैं। लापरवाह रेलकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

विकास निवासी नारायणा, पानीपत स्टेशन को लेकर सजग नहीं अधिकारी

फोटो नं - 8ए

रेलवे स्टेशन पर स्वच्छता और सुविधाओं को लेकर अधिकारी सजग नहीं है। पेयजल प्वाइंट और शौचालयों की स्थिति बदहाल है। अब साफ-सफाई भी नहीं होने के कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लाखों का बजट मिलने के बावजूद भी ऐसी स्थिति भ्रष्टाचार को दर्शाती है।

प्रिस निवासी बिघान, सोनीपत स्टेशन अधीक्षक दबाते रहे रिपोर्ट

सर्वे के बाद स्टेशन अधीक्षक धीरज कपूर से कई बार सर्वे के रिजल्ट बारे में पूछताछ की गई। उन्होंने रिजल्ट नहीं आने की बता कह कर मामला दबाते रहे। अब खराब रैंकिग आने पर दूसरे विभागों के कर्मचारियों पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। उनका कहना है कि स्टेशन की सफाई व्यवस्था चार कर्मचारियों ने संभाल रखी है।


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