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फाइनेंस कंपनी से सीखे गुर, निकाले गए तो गैंग बना रिकवरी एजेंट बन लूटी गाडि़यां Panipat News

कंपनी ने नौकरी से निकाला तो आरोपितों ने गिरोह बना लिया। किस्तें भरने की आड़ में आरोपितों ने पांच गाडिय़ां लूटी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 12:55 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 12:57 PM (IST)
फाइनेंस कंपनी से सीखे गुर, निकाले गए तो गैंग बना रिकवरी एजेंट बन लूटी गाडि़यां Panipat News
फाइनेंस कंपनी से सीखे गुर, निकाले गए तो गैंग बना रिकवरी एजेंट बन लूटी गाडि़यां Panipat News

पानीपत/करनाल, जेएनएन। फाइनेंस कंपनियों ने रिकवरी एजेंट के तौर पर नौकरी कर रहे दो युवकों को हटाया तो उन्होंने फर्जी रिकवरी एजेंट गिरोह ही खड़ा कर लिया और फाइनेंस किस्तें बकाया होने की आड़ में गाडिय़ां लूटनी शुरू कर दी। 

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गिरोह बनाकर युवकों ने कुछ समय के दौरान ही पांच बुलेरो पिकअप लूट लीं। इनमें चार गाडिय़ां करनाल तो एक कुरुक्षेत्र के लाडवा क्षेत्र से लूटी गई। अब सूचना के आधार पर पुलिस ने लूट की गाड़ी सहित आरोपितों को दबोच लिया। उनसे छह गाडिय़ां बरामद की गईं, जिन्हें वे उत्तर प्रदेश ले जाकर बेचने की फिराक में थे। 

पहुंच रही थीं शिकायतें

पिछले कुछ दिन से पुलिस के पास फाइनेंस की किस्तें चुकाने की आड़ में बोलेरो पिकअप छीनने की शिकायतें पहुंच रही थीं। मामला एसपी एसएस भौरिया के संज्ञान में आया तो उन्होंने जांच का जिम्मा सीआए वन को सौंपा। टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर पांच आरोपितों को मेरठ रोड से लूट की पिकअप गाड़ी सहित काबू कर लिया। 

आरोपितों की पहचान

इनकी पहचान गुनियाना वासी रूपचंद, अंजनथली वासी संजीव उर्फ संदीप, ककरोई जिला सोनीपत वासी संदीप, निसिंग वासी सोनू और अंजनथली वासी अमित के तौर पर हुई है। उन्हें चार दिन के रिमांड पर लिया गया, जिसके चलते मंगलवार को फिर अदालत में पेश किया जाएगा। गिरोह के दो सदस्य फिलहाल फरार हैं, जिन्हें काबू करने के लिए पुलिस दिन भर छापेमारी करती रही।

छह माह पहले फाइनेंस कंपनी से हटाए गए थे आरोपित 

डीएसपी वीरेंद्र सिंह सैनी ने सीआइए वन कार्यालय में पत्रकारों को बताया कि आरोपितों में रूपचंद और संदीप ने करीब एक वर्ष तक टाटा फाइनेंस में काम किया था। करीब छह माह पहले उन्हें कंपनी से हटा दिया गया था। फिर दोनों ने दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ अपना गिरोह बना लिया। रूपचंद और संदीप जानते थे कि फाइनेंस कंपनियों के रिकवरी एजेंट कैसे फाइनेंस की गई गाडिय़ां डिफाल्टर होने पर कब्जे में लेते हैं। इसी का फायदा उठाकर वे फर्जी रिकवरी एजेंट बन गए और दूसरे युवकों को साथ लेकर बीच रास्ते में ही गाड़ी रुकवा लेते थे। पहले चालक को बताते थे कि गाड़ी की किस्त बकाया है। इन्हें भरने के बाद यार्ड से वे गाड़ी ले जा सकते हैं। किसी चालक के आनाकानी व विरोध करने पर उससे मारपीटकर गाड़ी छीन लेते थे। 

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एक आरोपित जमानत पर आया बाहर

डीएसपी ने बताया कि आरोपितों में सोनू के खिलाफ कैथल जिले में हत्या के प्रयास का एक मामला दर्ज है, जिसमें फिलहाल यह जमानत पर बाहर आया हुआ था। इसी का फायदा उठाते हुए वह भी लूट गिरोह में शामिल हो गया। फिलहाल आरोपित लूटी गई गाडिय़ों को बेचने के लिए उत्तरप्रदेश ले जाने की तैयारी में थे।

तीन गाडिय़ों पर फाइनेंस भी नहीं

बदमाशों की लूटी गई तीन गाडिय़ों पर फाइनेंस भी नहीं है। उनके चालकों ने बदमाशों को यह बताया तो उनके साथ मारपीट कर गाड़ी छीन ली गई। इसी के चलते शक हुआ कि कोई गिरोह ही वारदातों को अंजाम दे रहा है। पुलिस सक्रिय हुई तो आरोपित काबू आ गए।


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