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World Radio Day 2020 : रेडियो से मिली शोहरत, बड़े पर्दे ने दिलाई पहचान

World Radio Day 2020 1969 में दिल्ली आकाशवाणी में ऑडिशन दिया। 25 वर्षों तक रेडियों पर प्रसारण दिया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 04:53 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 04:53 PM (IST)
World Radio Day 2020 : रेडियो से मिली शोहरत, बड़े पर्दे ने दिलाई पहचान
World Radio Day 2020 : रेडियो से मिली शोहरत, बड़े पर्दे ने दिलाई पहचान

पानीपत, [अरविन्द झा]। World Radio Day 2020 हंसी ठिठोली करने का शुरू से शौक रहा। उन दिनों रेडियो का जमाना था। आकाशवाणी से प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों को सुन कर लोग कौतूहल से पूछने लगते कि ये आवाज कहां से आ रही है। कौन बोल रहा है। अब जमाना बदल गया। स्मार्ट फोन ने रेडियो के बाजार को हाशिए पर ला दिया। पुराने घरानों में रेडियों की मधुर ध्वनि आज भी सुनाई देती है। विश्व रेडियो दिवस (13 फरवरी) की पूर्व संध्या पर संस्मरण सुनाते हुए यह बात उग्राखेड़ी गांव के मशहूर हास्य कलाकार दरियाव सिंह मलिक ने दैनिक जागरण से साझा की।

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दरियाव सिंह मलिक की उम्र 82 साल है। पांच-छह दशक पहले ग्रामोफोन पर रिकॉर्ड किए गए कार्यक्रमों का रेडियो से प्रसारण किया जाता था। वर्ष 1969 में ऑडिशन का पता चला। गांव से मैं ऑडिशन देने दिल्ली चला गया। देश के विभिन्न शहरों से 40 अभ्यर्थी ऑडिशन देने आए। सुरीली आवाज होने से आकाशवाणी बोर्ड के सदस्यों ने चयन कर लिया। चयन के बाद उनका नाम रोहतक आकाशवाणी को भेजा गया। कार्यक्रम में समय समय पर उन्हें बुलाया जाने लगा। हरियाणा के लोग रेडियों पर उनकी आवाज सुनने को बेताब हो गए।

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पांच दशक पहले का क्रेज नहीं  

दैनिक जागरण से बातचीत में दरियाव सिंह मलिक ने बताया कि उन दिनों छोटी बैट्रियां (सेली) नहीं बनती थी। बिजली की कमी से लोग बड़े बैट्रे से जोड़ कर रेडियो सुनते थे। 28 मिनट के कार्यक्रम के लिए 450 रुपये आकाशवाणी देती थी। अब रेडियो पर कार्यक्रम प्रसारण के लिए 4000 रुपये दिया जाता है। जमाना बदलने से रेडियो का वो क्रेज अब नहीं रहा। 25 वर्षों का अनुभव होने से रेडियो सिंगर के लिए होने वाले ऑडिशन में उन्हें अब भी बुलाया जाता है। 

2006 में मिला राष्ट्रपति अवॉर्ड 

हास्य कला में शोहरत बटोरने पर सरकार की तरफ से उनका नाम 2006 में राष्ट्रपति अवॉर्ड के लिए भेजा गया। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने उन्हें सम्मानित किया। गुरदास मान से लेकर अन्य बड़े कलाकार समय-समय पर गांव में उनसे मिलने आते हैं।

फिल्मों में बटोरी ख्याति 

फिल्मी दुनिया भी दरियाव सिंह की कायल है। चंद्रावल, डॉ. वसंती, फलवतन, बैरी और यश चोपड़ा की फिल्म मेरे डैड की मारुति में बड़े साहब का रोल निभा चुके हैं। बड़े बजट की हरियाणवी जाट फिल्म में अंकल का रोल निभाने पर खूब प्रसिद्धि हासिल की।


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