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यमुना के छोर पर बसे इस विधानसभा क्षेत्र को महिला शक्ति का इंतजार, 37 साल से नहीं मिला प्रतिनिधित्व Panipat News

यमुनानगर की रादौर विधानसभा सीट 37 साल रिजर्व रही। आज तक महिला शक्ति को प्रतिनधित्व नहीं मिला है। पढि़ए ये खास रिपोर्ट...।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 02:46 PM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 02:47 PM (IST)
यमुना के छोर पर बसे इस विधानसभा क्षेत्र को महिला शक्ति का इंतजार, 37 साल से नहीं मिला प्रतिनिधित्व Panipat News
यमुना के छोर पर बसे इस विधानसभा क्षेत्र को महिला शक्ति का इंतजार, 37 साल से नहीं मिला प्रतिनिधित्व Panipat News

पानीपत/यमुनानगर, [संजीव कांबोज]।  पंजाब से अलग होकर अस्तित्व में हरियाणा प्रदेश ने बड़ी राजनीतिक उपलब्धियां हासिल की हैं। पवित्र यमुना के छोर के साथ बसे रादौर विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक खास रही। 1968 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए। खास बात यह है कि तब से 2005 तक यह सीट एससी समुदाय के लिए रिजर्व रही। 

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विधानसभा क्षेत्र से जुड़ी दूसरी विशेष बात यह भी है कि यहां से आज तक महिला शक्ति विधायक नहीं बन पाई। कुल 194498 मतदाताओं में 104123 पुरुष व 90374 महिलाएं शामिल हैं। वर्ष-1998 व 99 में हुए चुनाव में प्रोफेसर कैलाशो सैनी सांसद जरूर रही। किसी भी राजनीतिक दल ने विधायक के तौर पर किसी महिला को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। अब नारी सशक्तिकरण का नारा देने वाली भाजपा की सरकार में क्या रहेगा, फिलहाल तय नहीं है, लेकिन अभी तक किसी भी दावेदारी भी सामने नहीं आ रही है।    

  • कब कौन किस पार्टी से रहा विधायक
  • वर्ष         नाम               पार्टी
  • 1968     चांद राम           कांग्रेस
  • 1972     चांद राम           कांग्रेस
  • 1977     लहरी सिंह         जेएनपी
  • 1982     राम सिंह           आजाद
  • 1987     रतन लाल कटारिया भाजपा
  • 1991      लहरी सिंह         हरियाणा विकास पार्टी
  • 1996      बंता राम           एसएपी
  • 2000      बंता राम           आइएनएलडी
  • 2005      ईश्वर सिंह पलाका  आइएनएलडी
  • 2009      डॉ. बिशन लाल    आइएनएलडी
  • 2014      श्याम सिंह राणा    भाजपा 

यह रहा इतिहास

वर्ष 1967 में अस्तित्व में पंजाब से अलग होकर अस्तित्व में आए हरियाणा प्रदेश में कुल 7 जिले बनाए गए थे। वर्ष-1967 में अस्तित्व में आई रादौर विधानसभा सीट को करनाल जिले के अंतर्गत रखा गया था। करनाल जिले में रहते वर्ष-1968 व 72 में दो बार चुनाव हुए। वर्ष-1973 में रादौर विधानसभा को कुरुक्षेत्र से जोड़ दिया गया। एक नंबवर-1989 को रादौर को यमुननगर के साथ जोड़ दिया गया। 1967 से लेकर 2005 तक यह रादौर विधानसभा सीट एससी समुदाय के लिए आरक्षित रही। 2009 में नए परिसिमन के तहत पहली बार रादौर विधानसभा सीट सामान्य श्रेणी के लिए घोषित हुई। पहले विधायक इंडियन नेशनल लोकदल से डॉ. बीएल सैनी रहे।

  • ये भी है खास
  • 06 महिला पार्षदों को नपा में प्रतिनिधित्व
  • पूर्वी छोर पर यमुना की पवित्र धारा,
  • टोपरा गांव में प्रसिद्ध बौद्ध स्तूप
  • धोलरा गांव में प्राचीन शक्तिपीठ बलभद्र मंदिर
  • खुर्दबन गांव में बाबा धारीवाल की समाधि

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