भक्तों की रक्षा के लिए लेते हैं भगवान अवतार : राधे-राधे
राधे-राधे महाराज ने कहा कि जब भक्तों पर अत्याचार होना शुरू हो जाता है तब भगवान किसी न किसी रूप में अवतार लेते हैं। राधे-राधे महाराज कप्तान नगर में श्रीमछ्वागवत कथा सुना रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान का अवतार अपने भक्तों के लिए होता है क्योंकि भगवान अपने भक्तों को किसी भी सूरत में दुखी नहीं देख सकते।
जागरण संवाददाता, पानीपत : राधे-राधे महाराज ने कहा कि जब भक्तों पर अत्याचार होना शुरू हो जाता है तब भगवान किसी न किसी रूप में अवतार लेते हैं। राधे-राधे महाराज कप्तान नगर में श्रीमछ्वागवत कथा सुना रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान का अवतार अपने भक्तों के लिए होता है, क्योंकि भगवान अपने भक्तों को किसी भी सूरत में दुखी नहीं देख सकते। भगवान स्वयं भक्तवत्सल हैं। कथा में चौथे दिन कृष्ण जन्म एवं राम जन्मोत्सव की कथा का वर्णन किया गया। पंडाल को फूलों से एवं गुबारो से सजाया गया। चारों तरफ लाइट लगाई गई थी। श्रद्धालुओं ने जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़ा पालकी, नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की गीत पर भाव विभोर होकर पंडाल के अंदर नृत्य किया। एक दूसरे को भगवान श्री कृष्ण के जन्म की बधाई दी। महिलाओं ने कृष्ण के जन्म की मंगल गीत गाए।
मुख्य यजमान सुरेश झांब राजकुमार झांब व रमेश झांब रहे। मंदिर समिति द्वारा माखन मिश्री का भोग वितरण किया गया। इस अवसर पर भगवान श्री कृष्ण जन्म और राम जन्म की व्याख्या पर बोलते हुए राधे-राधे महाराज ने कहा कि हमें सम्मान कब मिल सकता है इसकी कल्पना आप ना करें यह सब परम पिता परमात्मा पर छोड़ दें।
कथा में दाऊजी महाराज व पंडित संतोष तिवारी को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में प्रीतम रावल, कपिल मखीजा, सुरेंद्र ढींगरा, सुरेश असीजा, अशोक डाबर, राकेश पाराशर, रवि मिगलानी, संजीव मिगलानी, राकेश चटकारा, राजकुमार गाबा, मांगेराम, राजकुमार अरोड़ा, अनिल शर्मा, वेद बंगा, वेद पाराशर, मोना मखीजा, पंडित निरंजन पाराशर मौजूद रहे।