चार बेटियों के बाद बेटे होने की मुराद पूरी, जा रहे थे वैष्णो माता दरबार, रास्तेे में बुझा चिराग Panipat News
वैष्णो माता के दरबार जा रहे परिवार का इकलौता बेटा बाबरपुर रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन से गिर गया। इससे उसकी मौत हो गई।
पानीपत, जेएनएन। चार बेटियों के बाद वैष्णो माता के दरबार में 24 साल पहले बेटे की मन्नतें मांगी। मां ने मुराद पूरी कर दी। देखते-देखते बेटा जवान हो गया। शादी कर दी। अब हंसी-खुशी बेटे के साथ मां के दरबार में शीश नवाने जा रहे थे। रास्ते में बेटा ही मौत के आगोश में चला गया। अब मां-बाप, बहनें और सब रिश्तेदारों के आंसू नहीं रुक पा रहे।
उज्जैन (मध्य प्रदेश) के पोरियाखेड़ी गांव के मोंगूनाथ ने बताया कि शादी के बाद उसकी चार बेटियां हुई थी। 24 साल पहले उसने माता वैष्णो देवी के दरबार में बेटे के लिए मन्नत मांगी थी। बेटे की शादी के बाद पुत्रवधू सहित दोबारा दरबार में हाजिरी लगाने की मन्नत मांगी। मन्नत के चार साल बाद पत्नी कैलाशबाई ने बेटे ईश्वरनाथ (20) को जन्म दिया।
छह माह पहले हुई थी शादी
छह माह पहले उसने बेटे ईश्वरनाथ की जमनाबाई से शादी कराई थी। सप्ताहभर पहले बेटे से मन्नत पूरी करने की इच्छा जताई। मंगलवार शाम को वह नागदा स्टेशन से पत्नी, बेटे, पुत्रवधू, दामाद मांगूनाथ, बेटी सीमाबाई और नाती लक्की के साथ जम्मूतवी एक्सप्रेस में सवार हुआ था।
शौच करने के लिए गया था श्वरदास, गिरने के कारणों का नहीं लगा भेद
ईश्वरदास परिजनों को दूसरे डिब्बे में जाकर शौच करने की बात कहकर शौचालय की ओर गया, लेकिन उसके बाद वह वापस नहीं लौटा। करनाल रेलवे स्टेशन पार होने पर भी वह नहीं लौटा तो परिजनों ने तलाश शुरू की। यात्रियों को हुलिया और कपड़ों का रंग बताया तो एक यात्री ने कुछ देर पहले युवक के ट्रेन से गिरने की बात कही।
जब छीनना ही था तो क्यों दिया
विलाप करते हुए पिता मोंगूनाथ बार-बार यही कह रहा था कि मां जब तूने बेटा छीनना ही था तो मन्नत क्यों पूरी की? मां कैलाशबाई, नवविवाहित पत्नी जमनाबाई और बहन सीमाबाई विलाप करते हुए बार-बार बेहोश हो रही थीं। बार-बार समझाने पर भी उनकी आंखों के आंसू नहीं रुक पा रहे थे।
मृतक की जेब से मिले पहचान पत्र से उसकी शिनाख्त हो गई थी। शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। झटका लगने के कारण युवक के ट्रेन से गिरने का अनुमान लगाया जा रहा है।
एएसआइ राजीव, जांच अधिकारी