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NDRI Karnal में रहस्यमयी बीमारी से मुर्राह भैंसों की सिलसिलेवार मौत, विशेषज्ञ भी हैरान Panipat News

एनडीआरआइ में अज्ञात बीमारी से 39 मुर्राह भैसों की मौत हो चुकी है जबकि 10 की हालत नाजुक है। तीन संस्थानों के विशेषज्ञों की टीमों के प्रयास के बाद भी कारणों का पता नहीं चल पाया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 10:06 AM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 01:50 PM (IST)
NDRI Karnal में रहस्यमयी बीमारी से मुर्राह भैंसों की सिलसिलेवार मौत, विशेषज्ञ भी हैरान Panipat News
NDRI Karnal में रहस्यमयी बीमारी से मुर्राह भैंसों की सिलसिलेवार मौत, विशेषज्ञ भी हैरान Panipat News

पानीपत/करनाल, जेएनएन। राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में अज्ञात बीमारी से 39 मुर्राह भैसों की मौत हो चुकी है। इनमें चार कटडिय़ां भी शामिल हैं। तीन संस्थानों लाला लाजपत राय यूनिवर्सिटी ऑफ वेटनरी एंड मेडिकल साइंस हिसार, इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट््यूट बरेली व एनडीआरआइ की टीम संयुक्त रूप से बीमारी को नियंत्रित करने में जुटी हुई हैं, बावजूद इसके अभी स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। 

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मंगलवार को भी दो भैंस की मौत हुई है। संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राजन शर्मा ने आधिकारिक रूप से यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 10 भैंसों की हालात अभी भी नाजुक बनी हुई है। टीमें दिन-रात स्थिति को नियंत्रण करने में जुटी हुई हैं। एहतियात के तौर पर पशुशाला में लोगों के प्रवेश को बैन कर दिया गया है। केवल संबंधित स्टाफ को ही जाने की अनुमति है।

11 से शुरू हुआ तो पशुओं के मरने का सिलसिला, स्थिति नियंत्रण में नहीं

एनडीआरआइ में मवेशियों के मरने का सिलसिला 11 सितंबर को शुरू हुआ था। इस दिन दो मुर्राह भैंसों की मौत हो गई। जिसके बाद संस्थान की टीम ने अपने स्तर पर जांच की, लेकिन हालात काबू नहीं कर पाए। एक के बाद एक भैंसों के मरने का आंकड़ा जब बढ़ता चला गया तो एनडीआरआइ ने आइवीआआइ बरेली व लुवास हिसार से संपर्क कर टीम को बुलाया। घटना के सातवें दिन भी स्थिति नियंत्रण में नहीं है।

10 संक्रमित भैंसों को अलग किया गया

अज्ञात बीमारी की चपेट में आई मुर्राह नस्ल की 10 भैंस इस समय नाजुक हालत में हैं। यह संक्रमण ना फैले, इसलिए इन्हें अस्थाई शेड बनाकर इसमें रखा गया है। वैज्ञानिकों की टीम इन पर लगातार निगाह रखे हुए है। 

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प्राथमिक जांच में भैंस के बॉडी फ्लूड में मिला बैक्टीरिया

वैज्ञानिकों की टीम ने छानबीन में प्राथमिक जांच में भैंस के बॉडी फ्लूड में एक विशेष बैक्टीरिया को ढूंढा है, जिस कारण से यह स्थिति बनी है। हालांकि यह बैक्टीरिया क्या है और कहां से आया है, इसकी छानबीन चल रही है। लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि इसी बैक्टीरिया के कारण यह दिक्कतें बढ़ी हैं। 

इन तीन एंगल पर जांच कर रहे वैज्ञानिक

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1. फीड

भैंसों को जो फीड दिया जा रहा है उसमें कोई दिक्कत तो नहीं है। फीड के जरिये कोई बैक्टीरिया मवेशियों के अंदर तो नहीं गया।

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2. हरा चारा

मवेशियों को जो हरा चारा दिया जा रहा है उसमें नाइट्रेट और साइनाइट है। इन दोनों तत्वों की उपस्थिति से कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई है।

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3. बैक्टीरिया

जिस कारण मवेशी बीमार हुए, वह कोई बैक्टीरियल इन्फेक्शन तो नहीं है? हालांकि बैक्टीरिया तो ढूंढा गया है, पर क्या यह इतना घातक हो सकता है इसकी जांच होगी।

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