मानव के लिए ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती : राधे-राधे
पंडित राधे-राधे महाराज ने कहा की पुरुषार्थी सबसे बड़ा परमाणु एवं धर्मार्थ है। जो व्यक्ति पुरुषार्थ करता है समझो वह सबसे बड़ा धर्म और कर्म कर रहा है। राधे-राधे महाराज कप्तान नगर शिव मंदिर वाली गली आयोजित
जागरण संवाददाता, पानीपत : पंडित राधे-राधे महाराज ने कहा की पुरुषार्थी सबसे बड़ा परमाणु एवं धर्मार्थ है। जो व्यक्ति पुरुषार्थ करता है समझो वह सबसे बड़ा धर्म और कर्म कर रहा है। राधे-राधे महाराज कप्तान नगर शिव मंदिर वाली गली आयोजित श्रीमछ्वागवत कथा सुना रहे थे। उन्होंने कहा कि पावन ग्रंथ भी इसी प्रकार का उपदेश हम सब को किसी न किसी रूप में देते हैं। भगवान स्वयं कहते हैं कि जो व्यक्ति मानव की सेवा करता है दीन दुखियों की मदद करता है। वह व्यक्ति धन्य है
श्रीमदाभागवत कथा सत्संग के दूसरे दिन मुख्य यजमान राजकुमार झांब, सुरेश झांब व रमेश झांब रहे। उन्होंने भागवत पूजन एवं व्यासपीठ पूजन किया।
राधे राधे महाराज ने कहा की भागवत कथा भगवान का का ही निवास है। यदि हम भगवान को इस संसार में ढूंढेंगे तो भगवान प्राप्त नहीं होंगे। भगवान को प्राप्त करने के लिए साधन और साधना की आवश्यकता होती है भागवत कथा साधन है और भागवत कथा का सिमरन साधना है।
इस अवसर पर दाऊ महाराजा ने आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम में कप्तान नगर के प्रधान प्रीतम रावल,कपिल मखीजा। सुरेंद्र ढींगरा, सुरेश असीजा, अशोक डाबर राकेश पाराशर, रवि मिगलानी, संजीव मिगलानी, राकेश चटकारा मौजूद रहे।