गति की अति से मानव और पशुओं के खून से सड़कें हो गई लाल : आइजी
करनाल रेंज के आइजी योगेंद्र सिंह नेहरा ने कहा कि आपको सभी को पता है कि जीवन से वस्तु मूल्यवान नहीं है। गति की अति ने इतनी क्षति पहुंचाई है कि सड़कें मानव व पशु के खून से लाल हो गई हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : करनाल रेंज के आइजी योगेंद्र सिंह नेहरा ने कहा कि आपको सभी को पता है कि जीवन से वस्तु मूल्यवान नहीं है। गति की अति ने इतनी क्षति पहुंचाई है कि सड़कें मानव व पशु के खून से लाल हो गई हैं। हम सब ने अपने-आप को सड़क पर चलते हुए खुद असुरक्षित बनाया है। यही कारण है कि सब सड़क पर चलते वक्त यमराज के साये में रहते हैं। दोपहिया वाहन, साइकिल व पैदल चलने वालों और बड़े वाहन छोटे वाहनों का ध्यान रखें तभी सड़क सुरक्षा अभियान सफल हो पाएगा।
वे रविवार को संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के तहत सड़क सुरक्षा मानदंडों और उनकी अनुपालना को बढ़ावा देने के लिए जिला पुलिस विभाग की तरफ से एसडी कॉलेज के बाहर जीटी रोड पर ट्रैफिक चौपाल कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
आइजी नेहरा और एसपी सुमित कुमार ने बिना हेलमेट पहने दोपहिया 10 वाहन चालकों को हेलमेट व गुलाब का फूल देकर यातायात नियमों की पालना के लिए प्रेरित किया। एसपी सुमित कुमार ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाले जानमाल के नुकसान को रोकने के उद्देश्य से सरकार ने हाल ही मोटर व्हीक्ल एक्ट में संशोधन किया है। जिसमें कई प्रावधान नए जोड़े गए हैं। यातायात नियमों की अवहेलना करने पर लगने वाले जुर्माने की राशि में भी बढ़ोतरी की गई है।
इस दौरान टैक्सी यूनियन के प्रधान दिनेश खर्ब व सुभाष अहलावत ने आइजी को ज्ञापन सौंपकर बताया कि उनका न्यूनतम वेतन है। इसलिए जुर्माना कम किया जाए। आइजी ने कहा कि नियम सभी के लिए लागू हैं। इस मौके पर डीएसपी समालखा प्रदीप कुमार, बाबरपुर ट्रैफिक थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विक्रांत, थाना शहर प्रभारी इंस्पेक्टर मोहन लाल और पानीपत सड़क सुरक्षा संगठन की टीम के सदस्य मौजूद रहे।
तीन दिन दिया गुलाब, अब कटेंगे चालान
मंच संचालन कर रहे डीएसपी मुख्यालय सतीश कुमार ने कहा कि तीन दिन से ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वाले वाहन चालकों को गुलाब के फूल देकर ट्रैफिक नियमों के बारे में अवगत कराया गया है। सोमवार से नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों के चालान किये जाएंगे।
स्कूटी रुकवाई तो रोने लगी किशोर, हेलमेट पाकर हंसने लगी
पुलिस ने बिना हेलमेट के सात बाइक और पांच स्कूटी सवार चालकों को रोका। चार महिलाओं को पांच मिनट रोकने के बाद छोड़ दिया। नियम तोड़ने वाले पुरुषों को 20 मिनट रोककर ट्रैफिक नियमों से अवगत कराया। एक किशोरी ने हेलमेट को स्कूटी पर रख रखा था। युवती को रोका तो वह पहले मोबाइल से पुलिसकर्मी की किसी से बात कराने लगी। पुलिसकर्मी ने मना कर दिया। चालान के भय से किशोरी रोने लगी। डीएसपी सतीश वत्स ने युवती के सिर पर हाथ रखा और हेलमेट देने की बात कही। तभी वे चुप हुई। आइजी ने युवती को हेलमेट व गुलाब के फूल दिया तो वे हंसने लगी।
माता-पिता किशोरों के हाथ में वाहन थमा मौत के मुंह में भेज देते हैं
इस मौके पर होमगार्ड के जवान ताराचंद ने यमराज और उसके साथी ने विचित्र का किरदार निभाया और नाटक किया। विचित्र के हाथों में बही-खाते देख कर यमराज व्यथित हो गए। गुप्ता ने बताया कि देश में हर रात सड़क हादसों में 1.50 लाख लोगों की जान चली जाती है। 4.50 लाख लाख लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। ज्यादातर हादसे शराब पीकर व बिना हेलमेट के वाहन चलाने से होते हैं। विचित्र गुप्त ने बताया कि माता-पिता नाबालिगों के हाथ में वाहन सौंपकर उन्हें मौत के मुंह में भेज देते हैं। इस पर यमराज भी दुखी हुए और उन्होंने बिना हेलमेट के बाइक चला रहे युवकों को हेलमेट पहनने की नसीहत दी।