STP & CETP का ट्रीट पानी उद्योगों को देने की कवायद तेज, कमिश्नर को मिला पत्र Panipat News
सीईटीपी और एसटीपी का पानी उद्योगों को देने की कवायद तेज होगी। दैनिक जागरण के मंच पर जल जहर अभियान के अंतर्गत उद्यमियों ने उद्योग मंत्री के सामने सुझाव रखा था।
पानीपत, [जगमहेंद्र सरोहा]। एसटीपी और सीईटीपी का ट्रीट पानी प्रयोग में लाने वाला पानीपत प्रदेश का पहला शहर होगा। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और कॉमन एंफिलिएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) का ट्रीट पानी उद्योगों को देने की दिशा में कदम उठने लगे हैं। साथ ही प्राधिकरण बागवानी और निगम क्षेत्र के पार्कों व निर्माण कार्यों में भी इस्तेमाल किया जाएगा। स्थानीय निकाय विभाग ने इसकी मंजूरी दे दी है। इसके बाद सभी विभाग अपने-अपने क्षेत्र की योजनाओं को अमलीजामा पहनाएंगे।
दैनिक जागरण ने जून में जल जहर अभियान चलाया था। शहर के सामाजिक संगठन और व्यापारी जुड़ते चले गए। उद्योग मंत्री विपुल गोयल समापन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उद्यमियों ने उनके सामने सीटीपी और सीईटीपी का पानी देने की मांग रखी थी। मंत्री ने 5 अगस्त को पंचकूला में बैठक ली थी। शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने 10 सितंबर को नगर निगम कमिश्नर को पत्र लिखकर इसकी व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
सीटीपी और सीईटीपी की व्यवस्था
पानीपत में छह एसटीपी और दो सीईटीपी हैं। सीईटीपी की क्षमता 21-21 एमएलडी है। सीईटीपी से 32-33 एमएलडी पानी ट्रीट होता है। एसटीपी 35, 25, 20 और 10 एमएलडी के हैं। एसटीपी में करीब 70 एमएलडी पानी ट्रीट किया जा रहा है। सिंचाई विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि एसटीपी में ट्रीट पानी को ङ्क्षसचाई में प्रयोग किया जा सकता है। इसको पूरी तरह से प्रयोग में भी लाया जा सकता है।
एसएचवीपी के दो एसटीपी और सीईटीपी
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के दो सीईटीपी और दो एसटीपी का पानी उद्योगों और निगम क्षेत्र में प्रयोग करने का फैसला लिया। शहरी स्थानीय निकाय विभाग, एचएसवीपी व अन्य विभागों के अधिकारियों ने बताया कि इनका पानी उद्योगों के अलावा बागवानी और निगम क्षेत्र के पार्कों में प्रयोग किया जा सकता है।
डाइंग यूनिट को पानी की अधिक जरूरत
शहर में करीब आठ सौ यूनिट हैं। अकेले सेक्टर-29-टू में करीब 400 यूनिट हैं। एक अनुमान के आधार पर करीब आठ करोड़ लीटर पानी हर रोज इन यूनिटों को जरूरत है। सेक्टर-29-टू में नहर का हर रोज 17 क्यूसिक पानी दिया जाना है। इसके लिए अब नए सिरे से पाइप लाइन भी दबाई जा रही है। डायर्स एसोसिएशन के प्रधान भीम राणा ने बताया कि एसटीपी और सीईटीपी का पानी मिलता है तो उद्योगों के लिए सही होगा।