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विनोबा भावे की जयंती पर किया श्रमदान

गांधी स्मारक निधि पट्टीकल्याणा में विनोबा भावे की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इसके साथ गढ़ी त्याग्यान गांव में प्रभातफेरी निकाली गई। ग्रामीणों को विनोबा के जीवन से जुड़े विषयों की जानकारी दी गई। भावे से प्रभावित स्थानीय और बाहरी चितकों ने स्मारक निधि में श्रमदान किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 09:47 AM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 06:56 AM (IST)
विनोबा भावे की जयंती पर किया श्रमदान
विनोबा भावे की जयंती पर किया श्रमदान

जागरण संवाददाता, समालखा : गांधी स्मारक निधि पट्टीकल्याणा में विनोबा भावे की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इसके साथ गढ़ी त्याग्यान गांव में प्रभातफेरी निकाली गई। ग्रामीणों को विनोबा के जीवन से जुड़े विषयों की जानकारी दी गई। भावे से प्रभावित स्थानीय और बाहरी चितकों ने स्मारक निधि में श्रमदान किया। चरखा कताई के साथ विनोबा की लिखित पुस्तक गीता प्रवचन का पाठ किया। प्राकृतिक जीवन केंद्र के मुख्य चिकित्सक डॉ. विकास सक्सेना ने कहा कि 1963 में विनोबा भावे इस आश्रम में तीन दिन रुके थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने यहां आकर उनसे मुलाकात की थी। उन्होंने ही गांधी स्मारक निधि का नाम स्वाध्याय आश्रम रखा। उन्होंने कहा कि गीता प्रवचन पुस्तक जेल में लिखी वह पुस्तक है, जो समाज को आईना दिखाती है। उन्होंने कहा कि बहुमुखी प्रतिभा के धनी विनोबा भावे को गांधी के उत्तराधिकारी के रूप में याद किया जाता है। इस अवसर पर हरियाणा पंजाब और हिमाचल प्रदेश के गांधीवादी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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