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ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले के लिए एक्शन प्लान, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का फरमान Panipat News

ध्वनि प्रदूषण के नियंत्रण के लिए 30 नवंबर तक एक्शन प्लान बनाया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिए हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 06:57 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 06:57 PM (IST)
ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले के लिए एक्शन प्लान, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का फरमान Panipat News
ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले के लिए एक्शन प्लान, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का फरमान Panipat News

पानीपत, जेएनएन।  केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) हवा और पानी के बाद अब ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों पर भी शिकंजा कसेगा। इसके लिए अधिक ध्वनि प्रदूषण वाले शहरों की मैपिंग होगी। इस दौरान अधिक प्रदूषण वाले स्थानों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को 30 नवंबर तक एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। 

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मेट्रो सिटी में ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सीपीसीबी को 15 मार्च 2019 तक कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे। इस पर सीपीसीबी ने सात मेट्रो शहर में ध्वनि प्रदूषण मॉनिटरिंग मैकेनिज्म लगाया था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इसकी ऑनलाइन मॉनटरिंग कर रहा है। एनजीटी ने अन्य शहरों में इस तरह के सिस्टम लगाने के निर्देश दिए थे। 

46 मेट्रो सिटी की पहचान 
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 46 मेट्रो सिटी की पहचान की है, जिनमें अधिक ध्वनि प्रदूषण होता है। बोर्ड ने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी प्रदेश में ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले शहरों की पहचान करने के निर्देश जारी किए हैं। प्रदूषण नियंत्रण एक्ट 1981 के तहत पहचान किए गए शहरों में ध्वनि प्रदूषण रोकने नियंत्रित करने के लिए नवंबर 2019 तक एक्शन प्लान लागू किया जाएगा।  

75 डेसीबल से अधिक ध्वनि प्रदूषण खतरनाक 
ध्वनि प्रदूषण उद्योगों व स्वचालित वाहनों के कारण होता है। 75 डेसीबल से अधिक ध्वनि प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इससे ज्यादा प्रदूषण होने से नींद संबंधी समस्या, सुनने की क्षमता कम होती है। कान के ड्रमों को नुकसान पहुंचता है। तेज ध्वनि से दिल की धड़कन कम हो जाती है। बहुत अधिक शोरगुल इंसान का खून गाढ़ा कर सकता है, जिसके कारण दिल का दौरा पडऩे का खतरा बढ़ जाता है। वहीं खून का दबाव बढऩे से हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत भी हो सकती है।  

पानीपत में 5000 से अधिक जनरेटर 
ध्वनि प्रदूषण में जनरेटर की भूमिका भी अहम है। पानीपत में पांच हजार से अधिक जनरेटर ध्वनि प्रदूषण फैला रहे हैं। इन पर चैंबर लगाने की जरूरत है। इसके अलावा जरा सा खुशी का मौका मिलते ही लोग काफी देर तक पटाखे चलाते रहते हैं। इनके कारण भी ध्वनि प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। साथ ही औद्योगिक नगर होने के कारण उद्योगों में ध्वनि प्रदूषण होता है। इसके अलावा इंडस्ट्रीज में पुराने कल-पुर्जों के कारण मशीनों की ध्वनि बढ़ जाती है। सीपीसीबी के निर्देशों से पानीपत भी प्रभावित होगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी भूपेंद्र चहल का कहना है कि सभी जनरेटर पर चैंबर लगाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। समय-समय पर बोर्ड ध्वनि प्रदूषण की मॉनिटरिंग भी करता है।


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