नैन गो अभयारण्य में अब छाएगी हरियाली, मनेगा वन महोत्सव
पानीपत शहर से 18-20 किलोमीटर दूर नैन गांव में गो अभयारण्य बनाया गया है। 26 जनवरी 2019 से यहां गोवंश को संरक्षण दिया जा रहा है। गायों की दुर्दशा पर सवालों के घेरे में आई निगरानी कमेटी इसकी देखभाल कर रही है।
अरविन्द झा, पानीपत : पानीपत की चौथी लड़ाई हरियाली, पानी और सफाई का आगाज 11 जुलाई को नैन गो अभयारण्य से होगा। 52 एकड़ में बने इस अभयारण्य में प्रशासनिक अमला पौधे लगाएगा। हजारों छायादार व फलदार पौधे लगेंगे। सामाजिक धार्मिक संगठन व शिक्षण संस्थान सभी मिल-जुल कर इस पावन कार्य में सहयोग देंगे।
पानीपत शहर से 18-20 किलोमीटर दूर नैन गांव में गो अभयारण्य बनाया गया है। 26 जनवरी 2019 से यहां गोवंश को संरक्षण दिया जा रहा है। गायों की दुर्दशा पर सवालों के घेरे में आई निगरानी कमेटी इसकी देखभाल कर रही है। प्रधानमंत्री के जल संरक्षण अभियान को देखते हुए पानीपत प्रशासन ने हरियाली, पानी और सफाई तीनों महत्वपूर्ण कार्य एक साथ चलाने का संकल्प लिया है। बारिश के इस सीजन में जल सहेज कर हरियाली के लिए पौधे भी लगाना है। वन महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ बृहस्पतिवार को गो अभयारण्य से होगा। पांच एकड़ भूमि पर पौधे लगाए जाएंगे। आम, जामुन से लेकर अन्य फलदार पौधे रोपे जाएंगे। वातावरण को शुद्ध रखने के लिए नीम भी लगेगा। बरगद के पौधे गोवंश को छाया प्रदान करेंगे। कतार में एक निश्चित दूरी पर पौधे लगाने की योजना बनाई गई है। डीसी, एडीसी व सीटीएम के अतिरिक्त पानीपत प्रशासन के सभी अधिकारी इस वन महोत्सव में शामिल होंगे।
कमिश्नर ने किया दौरा
वन महोत्सव के आयोजन को लेकर निगम कमिश्नर वीणा हुड्डा ने सुबह 6 बजे अभयारण्य का दौरा किया। अभयारण्य की देखरेख कर रहे राजरूप पानू से वन महोत्सव को लेकर चर्चा की। पानू ने बताया कि शेड के आसपास छायादार पौधे लगाए जाएंगे। ताकि गायों को चिलचिलाती गर्मी से राहत मिल सके।
गोदाम की नींव रखेंगी डीसी
राजरूप पानू ने बताया कि वन महोत्सव के दिन ही एक गोदाम के निर्माण कार्य की डीसी नींव रखेंगी। गेहूं व दलिया से लेकर चारे का अन्य सामान इस गोदाम में सुरक्षित रहेगा। पानीपत के सामाजिक संगठन और आसपास के ग्रामीण गायों के चारे में पूरी सहयोग दे रहे हैं।
जल के लिए पाइप लाइन बिछाई
गो अभयारण्य परिसर में टयूबवेल लगाने का कार्य पूरा हा चुका है। गोशाला के ट्रांसफार्मर से उसका कनेक्शन किया गया है। शेड तक जल पहुंचाने के लिए लिए पाइप लाइन बिछा दी गई है। चारे में पानी देने के लिए अलग से पाइप लाइन बिछाई गई है। शेड में फर्श भी बना दिया गया है। पशु अस्पताल भी बनेगा
अभयारण्य के सूत्रों के मुताबिक एक दानी समाजसेवी यहां पशु अस्पताल बनाने का संकल्प ले चुके हैं। प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद जल्द ही उस पर काम शुरू हो जाएगा। बीमार गायों को इस अस्पताल में समुचित इलाज मिल सकेगा।