आने वाली पीढ़ी प्यासी न रहे, हम आज से ही बचाएंगे पानी
बूंद-बूंद से सागर भरता है। इस कहावत से सभी वाकिफ हैं। भूजल स्तर हर साल गिर रहा है इसके बावजूद जल का दोहन पानी की बर्बादी शिक्षित समाज पर सवालिया निशान लगाती है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : बूंद-बूंद से सागर भरता है। इस कहावत से सभी वाकिफ हैं। भूजल स्तर हर साल गिर रहा है, इसके बावजूद जल का दोहन, पानी की बर्बादी शिक्षित समाज पर सवालिया निशान लगाती है। क्यों न हम आज से ही जल को बचाने की शुरुआत करें। दैनिक जागरण टीम ने सोमवार की सायं सेक्टर 25 स्थित डेज होटल में आधा गिलास पानी अभियान के तहत जलपान-डिनर कर रहे लोगों और वेटरों को जागरूक किया।
टीम ने मुख्य वेटरों को सेव वाटर के प्रति जागरूक करते हुए बताया कि आगंतुक को पीने के लिए पहले आधा गिलास पानी दें। मांगने पर दोबारा सर्व करें। अधिकांश लोग आधा गिलास ही पानी पीते हैं, बचा हुआ फेंकना पड़ता है। होटल में रोटरी पानीपत साउथ के पदाधिकारी-सदस्य एक साथ डिनर करते दिखे। अभियान की प्रशंसा करते हुए अधिकांश ने कहा कि सामाजिक सरोकारों की दिशा में जागरण के अभियान बहुत जनमानस को सोचने पर विवश करते रहे हैं, आधा गिलास पानी उसी का हिस्सा है।
आप भी बनें वाटर हीरो
बता दें कि गली-मुहल्ले में आधा गिलास अभियान चलाकर आप भी वाटर हीरो बन सकते हैं। वाटर हीरो को 15 दिन तक परिवार और सोसायटी में पानी बचाने की आदत का संचार करना होगा। अगले 30 दिनों तक प्रकाशित होने वाले फॉर्म पर हर रोज की एक्टिविटी के आगे टिक मार्क लगाना होगा। साथ ही यदि कहीं पानी की बर्बादी हो रही है तो उसे बचाने के लिए दिए गए हेल्पलाइन नंबर 8930300324 पर भी संपर्क कर सकते हैं। वाटर इंजीनियर को करें कॉल
शहर में कहीं पानी की लीकेज है तो आप इंजीनियर रोशनलाल को सुबह 8 से शाम 6 बजे तक मोबाइल नंबर 720641340 पर कॉल कर शिकायत कर सकते हैं। शहरवासी दैनिक जागरण के इस अभियान में शामिल होकर जल को बर्बाद होने से बचा सकते हैं। लीकेज का समाधान भी हो जाएगा।
आधा गिलास पानी अभियान लाएगा रंग : ओपी माटा
आधा गिलास पानी अभियान भूजल बचाने की दिशा में अच्छा प्रयास है। होटल डेज में भी इस फॉर्मूला को लागू किया जा रहा है। भूजल को बचाने की जिम्मेदारी किसी एक व्यक्ति की नहीं बल्कि सामूहिक है। हमें यह सोचना ही होगा कि अगली पीढ़ी के लिए क्या छोड़कर दुनिया से विदा होना है।
ओपी माटा, निदेशक, होटल डेज
फोटो 30 सागर को खाली नहीं करना है
प्रकृति ने हमें इतना कुछ दिया है, इसे सहेजने की जिम्मेदारी भी हमारी है। पानी तो अनमोल है, इसके बिना जन-जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। सभी से अपील है कि सुबह जागने और रात्रि को सोने से पहले जहां जितना पानी बचा सकते हैं तो जरूर बचाएं। रेलवे स्टेशन की एक दीवार को हम इसी विषय पर पेंटिग कर रहे हैं। सभी बड़े घरों में वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम होना चाहिए।
असीम, अध्यक्ष, रोटरी पानीपत साउथ
फोटो 25ए घरों में भी खूब बर्बाद होता है पानी
डाइंग उद्योग, वाहन सर्विस सेंटरों में तो पानी की खूब बर्बादी होती है, घरों में भी यही स्थिति है। शौचालय का फ्लैश, ब्रश करने, नहाने, घर और कार की धुलाई यदि सोच समझकर की जाए तो कई बाल्टी पानी रोजाना बचा सकते हैं। दैनिक जागरण का होटल स्टाफ को जागरूक करने का अभियान अच्छा है।
प्रेम अरोड़ा
फोटो 26 पानी की कीमत समझनी होगी :
मैं एक बार दोस्तों के साथ यूरोप घूमने गया था। वहां बस में सैर के समय हमें पानी से भरी बोतलें दी गईं। आदत के अनुसार किसी ने बोतल से चार घूंट तो किसी ने आधी बोतल पानी पिया, इसके बाद बोतलें इधर-उधर फेंक दी। बस परिचालक इससे नाराज हुआ और अगली बार पानी मांगने पर उसने एक यूरो में एक बोतल पानी दिया। तब समय आया कि पानी की कीमत। हम आज नहीं जागे तो बहुत देर हो जाएगी।
धीरज मिगलानी, फोटो 27 सोचें कि कैसे जल बचाएं :
अधिकांश घरों में लगे आरओ से दूषित पानी एक पतले से पाइप के जरिए गिरता रहता है। इस पानी से कार-बाइक की धुलाई की जा सकती है। छत पर रखी पानी की टंकी का ध्यान रखें कि ओवर फ्लो होकर पानी बाहर ने गिरे। बाल्टी में पानी लेकर स्नान करें।
अश्वनी शर्मा
फोटो 28