जागरूकता के अभाव में डेंगू का शिकार होते हैं लोग : एसएमओ
डॉ. पवन ने बताया कि डेंगू होने पर आमतौर पर व्यक्ति को तेज बुखार आता है। कई बार इस बुखार को लोग सामान्य समझकर नजरअंदाज करते हैं या गलत इलाज कराते रहते हैं। 3-4 दिन में ही डेंगू के वायरस खतरनाक हो जाते हैं और खतरा बढ़ जाता है।
जागरण संवाददाता, समालखा : राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर गुरुवार को स्थानीय सीएचसी में एसएमओ डॉ. पवन कुमार की अध्यक्षता में जागरूकता कार्यक्रम हुआ। डेंगू के वायरस फैलने व इससे बचाव के उपाय की विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम में एमपीएचडब्ल्यू, स्टाफ नर्स, आशा वर्कर व अन्य कर्मचारियों ने शिरकत की।
डॉ. पवन ने बताया कि डेंगू एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। बारिश में यह और जानलेवा हो जाता है। जागरूकता के अभाव में हर साल हजारों लोग इसकी चपेट में आते हैं। इसके चलते जागरूकता फैलाने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने 16 मई 2019 को राष्ट्रीय डेंगू दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया।
डॉ. पवन ने बताया कि डेंगू होने पर आमतौर पर व्यक्ति को तेज बुखार आता है। कई बार इस बुखार को लोग सामान्य समझकर नजरअंदाज करते हैं या गलत इलाज कराते रहते हैं। 3-4 दिन में ही डेंगू के वायरस खतरनाक हो जाते हैं और खतरा बढ़ जाता है। डेंगू आघात सिड्रोम जैसी जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। इससे फेफड़े, जिगर या दिल को नुकसान पहुंच सकता है। इस मौके पर डॉ. राहुल, एचआई राजेश कुमार, ओमप्रकाश आदि मौजूद रहे।