आंधी में गो अभयारण्य का शेड उड़ा, दीवार गिरी, खुले आसमां के नीचे बीमार गोवंश, दो की मौत
देर सायं आई आंधी से एक शेड उड़कर दूर जा गिरा और दीवार भी गिर गई। नतीजा बीमार गोवंश एक बार फिर खुले आसमां के नीचे आ गया है।
संवाद सहयोगी, थर्मल: नैन गांव स्थित गो-अभयारण्य में गोवंश की बदनसीबी कम होने के नाम नहीं ले रही है। देर से ही सही, जिला प्रशासन ने अभयारण्य के लिए 12 लाख रुपये कीमत के दो नए जॉन डियर ट्रैक्टर और एक पुराना आइशर ट्रैक्टर खरीदकर दिया। वहीं देर सायं आई आंधी से एक शेड उड़कर दूर जा गिरा और दीवार भी गिर गई। नतीजा, बीमार गोवंश एक बार फिर खुले आसमां के नीचे आ गया है।
जिला गोशाला संघ के प्रधान राजरूप पानू ने बताया कि चुनाव आचार संहिता के कारण गो-अभयारण्य को मिलने वाली ग्रांट रूकी हुई है। इस रकम से ट्रैक्टर आदि सामान खरीदा जाना था। डीसी सुमेधा कटारिया ने अभयारण्य के हालात को समझते हुए जॉन डियर 5050डी और जॉन डियर 5039डी किसी एजेंसी से खरीदकर दिए हैं। एक पुराना आइशर ट्रैक्टर भी आया है। इनका भुगतान एजेंसी को बाद में किया जाएगा। पानू ने बताया कि नगर निगम कमिश्नर वीना हुड्डा से मिलकर, तालाब की तारबंदी को सघन करने की मांग की गई हैं। निगम का जेई मौके पर निरीक्षण भी कर गए हैं।पंचायती राज विभाग के एक्सईएन कर्मवीर ने भी अभयारण्य का दौरा किया।
पानू ने बताया कि मुख्य द्वार के पास मिट्टी से रैंप बनवाकर कुत्तों का आवागमन बंद कर दिया गया है। चारदीवारी की मरम्मत भी कराई गई है। उधर, शुक्रवार को भी दो गोवंश की मौत हो गई। एक की मौत का कारण अधिक आयु होना बताया गया है। अस्थाई डिस्पेंसरी का शेड भी उड़ा :
पुरानी गोशाला परिसर में पशुपालन विभाग की ओर से टिन शेड डालकर अस्थाई डिस्पेंसरी बनाई गई थी। शुक्रवार की देर सायं आंधी उसे भी उड़ा ले गई। उस समय डॉ. माणिक वहां बीमार गोवंश का इलाज कर रहे थे, उन्होंने दौड़ लगाकर खुद को बचाया।
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