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तीन साल से चल रहा था करोड़ों की ठगी का खेल

मॉडल टाउन के ओल्ड इंडस्ट्री एरिया में बड़ा घोटाला सामने आया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 09:30 AM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 09:30 AM (IST)
तीन साल से चल रहा था करोड़ों की ठगी का खेल
तीन साल से चल रहा था करोड़ों की ठगी का खेल

जागरण संवाददाता, पानीपत: मॉडल टाउन के ओल्ड इंडस्ट्री एरिया में एचपीसीएल (हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड) नॉर्दन जोन के रीजनल कार्यालय में प्रवीन पुश्कर मैनेजर, एमबीए पास अकाउंट सहायक कम कंप्यूटर ऑपरेटर पूनम पूरी निवासी करतारशाह कॉलोनी और सहायक क्लर्क पर तीन साल में सात करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी का आरोप है। नियम के अनुसार हर तीन महीने में ऑडिट होता है, लेकिन ठगी का मामला उजागर नहीं हो पाया। 2010 में कार्यालय के मैनेजर प्रवीन पुश्कर का मुंबई में तबादला हो गया। इसके बाद मैनेजर संजय कौशिक ने कार्यभार संभाला और उन्होंने जांच की तो ठगी का भंडाफोड़ हो गया। ठगी के आरोप में जाटल रोड कृष्णा गैस एजेंसी के मालिक मॉडल टाउन नितिन शर्मा का नाम भी शामिल है। यह मामला मॉडल टाउन थाने में दर्ज किया गया। जांच रोहतक क्राइम ब्रांच ने भी की थी। आरोपित नितिन शर्मा, प्रवीन और राजीव पूरी को पुलिस ने गिरफ्तार किया।

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बता दें कि ठगी के केस में फंसे कृष्णा गैस एजेंसी के मालिक मॉडल टाउन निवासी नितिन ने रोहतक रेंज के एडीजीपी नवदीप विर्क को शिकायत दी कि उसके सुप्रीम कोर्ट से, प्रवीन पुश्कर व राजीव पूरी की हाई कोर्ट से जमानत हुई।

ठगी के मामले में मुख्य आरोपित पूनम पूरी अदालत से भगोड़ी घोषित थी। पूनम की हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत नहीं मिली थी। 17 मार्च को पूनम ने जेएमआइसी मुकेश कुमार की अदालत में समर्पण कर दिया। जांच तत्कालीन डीएसपी समालखा नरेश अहलावत के पास थी। डीएसपी अहलावत कोर्ट में थे। आरोप है कि उन्होंने पूनम का रिमांड नहीं मांगा और न ही जेल भेजने की सिफारिश की। न ही आरोपित को एचपीसीएल के कार्यालय ले जाया गया। एडीजीपी नवदीप विर्क के आदेश पर बुधवार को थाना शहर में डीएसपी नरेश अहलावत और पूनम पूरी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। ऐसे की थी ठगी

नितिन शर्मा ने दावा किया कि उसने वर्ष 2007 से 2010 तक एचपीसीएल के कार्यालय में घरेलू गैस लेने से पहले चेक जमा कराए थे। इसकी रसीद उसके पास है। आरोप है कि पूनम व अन्य ने चेक ले लिए, लेकिन कंपनी में जमा नहीं कराए। इन रुपयों को कंपनी के हांसी-हिसार कार्यालय में जमा होना दिखाया गया। इसी वजह से ऑडिट में ठगी का पता नहीं चल पाया। नियम है कि कंपनी बिना रुपये जमा कराए गैस की सप्लाई नहीं करती है। मार्च में बकाया 1.04 लाख, अप्रैल में सात करोड़ से ज्यादा दिखाया

नितिन शर्मा ने बताया कि 31 मार्च 2010 को एचपीसीएल ने उसकी तरफ 1.04 लाख रुपये बकाया दिखाए थे। मैनेजर संजय कौशिक ने हांसी-हिसार कार्यालय से पता कराया कि उनके यहां सात करोड़ रुपये से ज्यादा जमा हैं तो पता चला कि वहां रुपये जमा नहीं कराए गए। इससे धोखाधड़ी का पता चला। इसके बाद अप्रैल में एचपीसीएल ने सात करोड़ रुपये से ज्यादा बताया बताए गए।

व्यवसाय हो गया बर्बाद, परिवार परेशान

थर्मल से एसडीओ पद से सेवानिवृत नितिन के पिता रामपाल शर्मा ने बताया कि पहले उनकी एपी गैस एजेंसी व कृष्णा गैस एजेंसी थी। एपी एजेंसी को कृष्णा एजेंसी में मर्ज कर दिया था। काम सही चल रहा था। बेटे को धोखाधड़ी में फंसा दिया गया। इसे एजेंसी का काम बंद हो या और आजीविका का साधन भी बंद हो गया है। इससे परिवार परेशान है।


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