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आध्यात्मिक किताबों ने बदली सोच, नौकरी छोड़ संन्यासी बनने पहुंचा जूनागढ़

आध्यात्मिक किताबों ने बदली सोच, नौकरी छोड़ संन्यासी बनने पहुंचा जूनागढ़।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 02:34 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 04:06 PM (IST)
आध्यात्मिक किताबों ने बदली सोच, नौकरी छोड़ संन्यासी बनने पहुंचा जूनागढ़
आध्यात्मिक किताबों ने बदली सोच, नौकरी छोड़ संन्यासी बनने पहुंचा जूनागढ़

हरीश कोचर, अंबाला

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उत्तराखंड के उधम ¨सह नगर जनपद में स्थित पंतनगर में टाटा मोटर्स कंपनी का मैकेनिकल इंजीनियर ने आध्यात्मिक किताबों से ऐसी दोस्ती की कि उसने संन्यासी बनने का फैसला कर लिया और पहले उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और वहां से जूनागढ़ गुजरात पहुंच गया। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के रहने वाले मैकेनिकल इंजीनियर विपिन (29 वर्षीय) पर परिवार वाले शादी का दबाव बना रहे थे। इससे बचने के लिए वह लापता हो गया।

अंबाला जीआरपी ने युवक के परिजनों की शिकायत पर 27 जून को थाने में अपहरण के दर्ज केस की जांच के क्रम में युवक के सेलफोन की शुरू की तो वह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर आई। जीआरपी वहां पहुंची तो पता चला कि वह गुजरात के जूनागढ़ पहुंच गया है। वहां पुलिस पहुंची तो युवक ने शादी से इनकार कर साधु बनने की इच्छा जाहिर करते हुए घर से दूर रहने की बात कही, लेकिन मंगलवार को जीआरपी युवक को गुजरात के जूनागढ़ से साथ ले आई और मजिस्ट्रेट के सामने उसके बयान दर्ज करवा परिजनों को सौंप दिया।

मजिस्ट्रेट के सामने कहा, मुझे संन्यासी बनना है

विपिन को जांच टीम ने मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया तो उसने कहा कि वह शादी नहीं करना चाहता है। उसे सारा जीवन संन्यासी बनकर ही गुजारना है।


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