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प्रधानमंत्री मोदी के आशियाने के सपनों से फर्जीवाड़ा, इस तरह पर्दाफाश

प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फर्जीवाड़ा सामने आया है। लोगों ने दूसरों के कच्चे मकान दिखाकर पैसा स्वीकृति कराया। ऑनलाइन टैगिंग में इसका पर्दाफाश हुआ।

By Edited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 08:23 AM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 09:36 AM (IST)
प्रधानमंत्री मोदी के आशियाने के सपनों से फर्जीवाड़ा, इस तरह पर्दाफाश
प्रधानमंत्री मोदी के आशियाने के सपनों से फर्जीवाड़ा, इस तरह पर्दाफाश

पानीपत/कुरुक्षेत्र [विनीश गौड़]। प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा शुरू हो गया है। पीएम मोदी के सपनों पर अब शातिर लोग ग्रहण लगा रहे हैं। पक्के मकानों के लिए दूसरे के कच्चों मकानों को दिखा योजना का लाभ ले रहे हैं। कुरुक्षेत्र में ऐसे ही मामले का पर्दाफाश हुआ है। ये कोई एक केस नहीं बल्कि 120 हैं।

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प्रधानमंत्री आवास योजना में 120 लोग फर्जी आवेदक बन गए। ऑनलाइन टैगिंग सर्वे में भी कर्मचारियों की आंखों में धूल झोंककर अपने मकान की जगह आस पड़ोस के कच्चे मकान दिखाकर इस फर्जीवाड़ा किया। केंद्र सरकार की ओर से पैसा भी स्वीकृत हो गया। लेकिन स्वीकृति मिलने के बाद भी जब दिखाए हुए कच्चे मकान ज्यों के त्यों खड़े दिखाई दिए तब नगर परिषद प्रशासन की पड़ताल की तो पर्दाफाश हुआ। अब नगर परिषद प्रशासन ने इस मामले में फर्जी लोगों के नाम काटकर जरूरतमंद लोगों तक स्वीकृत हो चुकी राशि पहुंचाने की संस्तुति की है। 

इस तरह से किया फर्जीवाड़ा 
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन मांगे गए थे, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने पक्का मकान बनाने के लिए आवेदन किया था। इनमें से कुछ तो जमीन के कागज और अपना पूरा रिकॉर्ड ही नहीं जमा करा पाए। इसके अलावा करीब 200 से ज्यादा लोगों को ऑनलाइन टैङ्क्षगग के दौरान पक्का मकान मिलने पर बाहर कर दिया था। बाकी बचे 800 लोगों के आवेदन को प्रमाणित करते हुए आगे भेज दिया गया। जब इन लोगों की स्वीकृति आई तो इन्हें मकान तोडऩे के लिए कहा गया। मगर इन्होंने मकान नहीं तोड़ा। इसके बाद जांच की गई, जिसमें आवेदन करने वाले 120 लोग फर्जी मिले। 

208 को मकान तोडऩे के दिए जा चुके पत्र 
नगर परिषद के खाते में अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक करोड़ 60 लाख रुपये की राशि आ चुकी है, जो 131 लोगों को या तो जारी कर दी गई है या की जानी है। अब तक 208 लोगों को नगर परिषद की ओर से मकान तोडऩे की स्वीकृति दी जा चुकी है। इनमें से 83 लोगों को मकान तोड़कर नींव भरने और दीवारें खड़ी करने के लिए पहली किस्त दी जा चुकी है जबकि दूसरी किस्त 48 लोगों को जारी की जा चुकी है। 

40 का तो पता ही नहीं मिला
800 लोगों में से 40 ऐसे लोग मिले जिनका पता नप के कर्मचारी भी नहीं ढूंढ पाए। इन लोगों का नाम भी आवेदन पत्र में आ चुका है। मगर या तो उनका मोबाइल नंबर ठीक नहीं मिला या फिर उनका पता आधा अधूरा है। ऐसे लोगों का नाम स्वीकृति सूची में आ चुका है, लेकिन उनका पता नहीं मिल पाया। इसके अलावा आवेदन करने वाले 20 लोग अपने पक्के घर का सपना लेकर मर चुके हैं। अब ऐसे लोगों की राशि उनके परिवार के दूसरे सदस्यों के नाम जारी करने की स्वीकृति भी ऊपर से मांगी गई है। 


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